नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली साइबर सेल की टीम ने एक फेक जॉब प्लेसमेंट एजेंसी का भंडाफोड़ किया है जो लोगों को नौकरी का लालच देकर उनसे अच्छी खासी रकम ऐंठते थे. सेल ने गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमे 3 महिलाएं हैं.
साइबर सेल की टीम को जनकपुरी कम्युनिटी सेंटर के इलाके में काफी दिनों से फेक जॉब प्लेसमेंट एजेंसी चलने की जानकारी मिल रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर साइबर सेल के एसीपी सुदेश रंगा, इंस्पेक्टर अरुण चौहान के निर्देशन में सब इंस्पेक्टर अमित वर्मा, सब इंस्पेक्टर महेश कुमार, हेड कॉन्स्टेबल कुलदीप, हेड कॉन्स्टेबल शैलेंद्र, कॉन्स्टेबल विकेद्र, कॉन्स्टेबल सुरेंद्र, कॉन्स्टेबल राममेहर की टीम बनाई गई.
टीम ने कई दिनों तक इस फेक प्लेसमेंट एजेंसी की सारी जानकारियां इकट्ठा की. इस पर पता चला कि यह फेक जॉब प्लेसमेंट एजेंसी देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को नौकरियों का लालच देकर उनसे पैसे ठगते थे. साइबर सेल की टीम ने जहां रेड किया उस वक्त इस फेक प्लेसमेंट एजेंसी के कॉल सेंटर में इसके मालिक सहित चार पुरुष और 3 महिला सदस्य मौजूद थे.
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मिली जानकारी के अनुसार ग्रुप नौकरी के नाम से अलग-अलग समूह की वेबसाइट थी. इसी वेबसाइट के जरिए यह देश के अलग-अलग हिस्सों के बेरोजगारों को अपना शिकार बनाते थे. उन्हें भारत ही नहीं बल्कि विदेशों और खास तौर पर खाड़ी के देशों में अच्छी नौकरी दिलाने का लालच देकर अपने जाल में फंसते थे. यह अपने शिकार से ऑनलाइन ही पैसे अकाउंट में डलवाते थे. बाद में जब पीड़ित इन से संपर्क करने की कोशिश करता तो इनकी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिलता.
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जानकारी के अनुसार अब तक साइबर सेल को 100 से अधिक लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आने के सबूत मिले हैं. उनके अनुसार अच्छे जॉब और अच्छे तनख्वाह का लालच देकर यह लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. इतना ही नहीं यह अपने सोर्स के द्वारा नौकरी ढूंढने वालों का डाटा इकट्ठा करते थे और उसके बाद उन्हें अपने झांसे में लेते थे. इतना ही नहीं यह तीन-चार महीने के बाद अपना ऑफिस भी बदल लिया करते थे.
एक को छोड़ सभी आरोपी ग्रेजुएट
इन आरोपियों के नाम शैलेंद्र, हिमांशु कोहली, मोहम्मद शादाब अनीस, अमित कुमार, सुनीता, स्वाति और पारुल है. यह सभी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं. इनमें से एक को छोड़कर सभी ग्रेजुएट हैं. साइबर सेल की टीम ने इनके पास से 5 डेस्कटॉप कंप्यूटर, एक लैपटॉप एक की-पैड. मोबाइल फोन, 7 स्मार्टफोन और पीड़ितों के डाटा सहित काफी सारे कागजात भी बरामद किए हैं.