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मेट्रो ट्रेन के गेट में फंसकर महिला की हुई मौत से उठे मेट्रो की सुरक्षा पर सवाल, सेफ्टी कमिश्नर करेंगे जांच

Safety In Metro Railway: दिल्ली के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर 14 दिसंबर को महिला के साथ हादसा हुआ.जिसमें मेट्रो ट्रेन के गेट में साड़ी फंसने के बाद गेट नहीं खुला और महिला को गंभीर चोट आई जिससे उसकी मौत हो गई. इस मौत ने सुरक्षित माने जाने वाली मेट्रो की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

महिला की मौत से उठे मेट्रो की सुरक्षा पर सवाल
महिला की मौत से उठे मेट्रो की सुरक्षा पर सवाल
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 17, 2023, 1:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में डीएमआरसी द्वारा सुरक्षा के तमाम दावों के बावजूद इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन में फंसी महिला की मौत हो गई. इस हादसे के बाद मेट्रो की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है. दरअसल मेट्रो की तरफ से कई सारे सुरक्षा मानक बताए गए है, जिसको लेकर अक्सर मेट्रो ट्रेन के अंदर अनाउंसमेंट भी होते रहता है. सवाल यह है कि मेट्रो के गेट में लगे सेंसर की वजह से गेट में कुछ भी फंसने के महज कुछ सेकंड में गेट खुल जाता है, तो महिला की साड़ी या जैकेट का हिस्सा जब मेट्रो के गेट में फंसा तो गेट क्यों नहीं खुला. क्या उस वक्त सेंसर काम नहीं कर रहा था .

मेट्रो के दावे की मानें तो जब सेंसर काम कर रहा होता है तो महज 3 सेकंड में गेट खुल जाता और यह संभव था कि मेट्रो का गेट खोलने के बाद महिला को इतनी गंभीर चोट नहीं आती और उसकी जान बच सकती थी. क्योंकि अक्सर यह देखा जाता है कि कई बार लोग जल्दबाजी में मेट्रो का गेट बंद होने की स्थिति में अपना बैग या पैर गेट के बीच में रख देते हैं और गेट खुल भी जाता है और लोग मेट्रो में प्रवेश करते हैं.

ये भी पढ़ें :मेट्रो ट्रेन के गेट में साड़ी फंसने से घिसटती रही महिला, इलाज के दौरान अस्पताल में हुई मौत

महिला के मामले में ऐसा नहीं हुआ और साड़ी या जैकेट फंसने के बावजूद मेट्रो का गेट नहीं खुला और मेट्रो चल भी पड़ी. जिसके कारण यह गंभीर हादसा हुआ जिसमें महिला की जान चली गई. हालांकि मेट्रो के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस घटना के लिए मेट्रो रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को जांच की जिम्मेदारी दी गई है, जो जांच करेंगे और यह पता चल पाएगा की क्या इस मामले में मानवीय या फिर तकनीकी तौर पर कहीं कोई गलती रह गई जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई .

मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में लोग कमिश्नर को यह बता सकते हैं कि उस वक्त असल में हुआ क्या था उसे बात की जानकारी देने के लिए शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन आकर वे लोग अपना बयान दे सकते हैं जो हादसे के वक्त उस मेट्रो ट्रेन या फिर प्लेटफार्म पर मौजूद थे. हालांकि घटना के वक्त का सीसीटीवी फुटेज को भी सुरक्षित रखा गया है

दरअसल इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर घटना 14 दिसंबर को हुई थी जब रीना नाम की महिला मेट्रो में सफर कर रही थी. मेट्रो ट्रेन में प्रवेश के दौरान उनका बेटा पीछे रह गया था इस बात का अहसास होते वह मेट्रो ट्रेन से उतर गई थी लेकिन उनकी साड़ी और जैकेट का कुछ हिस्सा मेट्रो ट्रेन में फंस गया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ और उन्हें गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था .जहां 16 दिसंबर को उनकी मौत हो गई इस घटना के बाद मेट्रो ट्रेन और मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फिर से गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें :तेजी से बढ़े बेटिकट रेल यात्रा करने वाले यात्री, जानिए कितनी जुर्माने से रेलवे को हुई कमाई...

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में डीएमआरसी द्वारा सुरक्षा के तमाम दावों के बावजूद इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन में फंसी महिला की मौत हो गई. इस हादसे के बाद मेट्रो की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है. दरअसल मेट्रो की तरफ से कई सारे सुरक्षा मानक बताए गए है, जिसको लेकर अक्सर मेट्रो ट्रेन के अंदर अनाउंसमेंट भी होते रहता है. सवाल यह है कि मेट्रो के गेट में लगे सेंसर की वजह से गेट में कुछ भी फंसने के महज कुछ सेकंड में गेट खुल जाता है, तो महिला की साड़ी या जैकेट का हिस्सा जब मेट्रो के गेट में फंसा तो गेट क्यों नहीं खुला. क्या उस वक्त सेंसर काम नहीं कर रहा था .

मेट्रो के दावे की मानें तो जब सेंसर काम कर रहा होता है तो महज 3 सेकंड में गेट खुल जाता और यह संभव था कि मेट्रो का गेट खोलने के बाद महिला को इतनी गंभीर चोट नहीं आती और उसकी जान बच सकती थी. क्योंकि अक्सर यह देखा जाता है कि कई बार लोग जल्दबाजी में मेट्रो का गेट बंद होने की स्थिति में अपना बैग या पैर गेट के बीच में रख देते हैं और गेट खुल भी जाता है और लोग मेट्रो में प्रवेश करते हैं.

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महिला के मामले में ऐसा नहीं हुआ और साड़ी या जैकेट फंसने के बावजूद मेट्रो का गेट नहीं खुला और मेट्रो चल भी पड़ी. जिसके कारण यह गंभीर हादसा हुआ जिसमें महिला की जान चली गई. हालांकि मेट्रो के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस घटना के लिए मेट्रो रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को जांच की जिम्मेदारी दी गई है, जो जांच करेंगे और यह पता चल पाएगा की क्या इस मामले में मानवीय या फिर तकनीकी तौर पर कहीं कोई गलती रह गई जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई .

मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में लोग कमिश्नर को यह बता सकते हैं कि उस वक्त असल में हुआ क्या था उसे बात की जानकारी देने के लिए शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन आकर वे लोग अपना बयान दे सकते हैं जो हादसे के वक्त उस मेट्रो ट्रेन या फिर प्लेटफार्म पर मौजूद थे. हालांकि घटना के वक्त का सीसीटीवी फुटेज को भी सुरक्षित रखा गया है

दरअसल इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर घटना 14 दिसंबर को हुई थी जब रीना नाम की महिला मेट्रो में सफर कर रही थी. मेट्रो ट्रेन में प्रवेश के दौरान उनका बेटा पीछे रह गया था इस बात का अहसास होते वह मेट्रो ट्रेन से उतर गई थी लेकिन उनकी साड़ी और जैकेट का कुछ हिस्सा मेट्रो ट्रेन में फंस गया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ और उन्हें गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था .जहां 16 दिसंबर को उनकी मौत हो गई इस घटना के बाद मेट्रो ट्रेन और मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फिर से गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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