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जनकपुरी: सैलरी ना मिलने पर कैट्स कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

जनकपुरी के सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के अंदर तैनात कैट एंबुलेंस के कर्मचारियों ने 3 महीने से सैलरी न मिलने पर जमकर हंगामा किया. कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले तीन महीनों से उन्हें सैलरी नहीं दी है.

कैट्स कर्मचारियों का प्रदर्शन
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Published : Oct 21, 2019, 5:39 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 11:33 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी स्थित सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के अंदर तैनात कैट एंबुलेंस के कर्मचारियों ने 3 महीने से सैलरी न मिलने पर जमकर हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने जी.वी.के हाय-हाय और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों मिलकर कैट्स कर्मचारियों का शोषण कर रही है. गाड़ियों का मेंटेनेंस ना करवा कर सरकारी पैसे का एंबुलेंस के रूप में दुरुपयोग हो रहा है.

कैट्स कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

तीन महीनों से नहीं मिली सैलरी
कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले तीन महीनों से उन्हें सैलरी नहीं दी. ऐसे में त्योहारों के मौसम में वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें और कैसे त्योहारों को मनाएं. दिल्ली सरकार भी कैट्स को ठेके पर चला रही है. जी.वी.के. कम्पनी को ठेका देके पूरी तरह भूल चुकी है. ऐसे में न तो यह कंपनी कैट्स कर्मचारियों को सैलरी दे रही है और न ही किसी प्रकार की पीएफ, और ईएसआई कार्ड की ही सुविधा दे रही है.

धमकी देती है कंपनी

कैट्स कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि जब भी कर्मचारी प्राइवेट कंपनी के खिलाफ कोई प्रदर्शन या कार्रवाई की मांग करते हैं तो कंपनी के आलाधिकारी उन्हें नौकरी से निकालने और उन पर झूठे आरोप में एफआईआर दर्ज करवाने की धमकी देते हैं. कैट्स कर्मचारियों के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा कैट्स विभाग का ठेका प्राइवेट जी.वी.के नाम की कंपनी को दिया गया है जहां इस कंपनी को दिल्ली सरकार ने करोड़ों की लागत वाली कैट्स एम्बुलेंस भी दी है. लेकिन जी.वी.के. कंपनी की लापरवाही के चलते इन एम्बुलेंस गाड़ियों की दुर्दशा हो रही है. एम्बुलेंस के अंदर फस्टेड के नाम पर कोई दवाईयां तक नहीं दी जाती.

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी स्थित सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के अंदर तैनात कैट एंबुलेंस के कर्मचारियों ने 3 महीने से सैलरी न मिलने पर जमकर हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने जी.वी.के हाय-हाय और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों मिलकर कैट्स कर्मचारियों का शोषण कर रही है. गाड़ियों का मेंटेनेंस ना करवा कर सरकारी पैसे का एंबुलेंस के रूप में दुरुपयोग हो रहा है.

कैट्स कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

तीन महीनों से नहीं मिली सैलरी
कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले तीन महीनों से उन्हें सैलरी नहीं दी. ऐसे में त्योहारों के मौसम में वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें और कैसे त्योहारों को मनाएं. दिल्ली सरकार भी कैट्स को ठेके पर चला रही है. जी.वी.के. कम्पनी को ठेका देके पूरी तरह भूल चुकी है. ऐसे में न तो यह कंपनी कैट्स कर्मचारियों को सैलरी दे रही है और न ही किसी प्रकार की पीएफ, और ईएसआई कार्ड की ही सुविधा दे रही है.

धमकी देती है कंपनी

कैट्स कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि जब भी कर्मचारी प्राइवेट कंपनी के खिलाफ कोई प्रदर्शन या कार्रवाई की मांग करते हैं तो कंपनी के आलाधिकारी उन्हें नौकरी से निकालने और उन पर झूठे आरोप में एफआईआर दर्ज करवाने की धमकी देते हैं. कैट्स कर्मचारियों के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा कैट्स विभाग का ठेका प्राइवेट जी.वी.के नाम की कंपनी को दिया गया है जहां इस कंपनी को दिल्ली सरकार ने करोड़ों की लागत वाली कैट्स एम्बुलेंस भी दी है. लेकिन जी.वी.के. कंपनी की लापरवाही के चलते इन एम्बुलेंस गाड़ियों की दुर्दशा हो रही है. एम्बुलेंस के अंदर फस्टेड के नाम पर कोई दवाईयां तक नहीं दी जाती.

Intro:लोकेशन--दिल्ली/जनकपुरी
स्लग--धरना प्रदर्शन
रिपोर्ट--ओपी शुक्ला

पश्चिमी दिल्ली:-पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी स्थित सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के अंदर तैनात कैट एंबुलेंस के कर्मचारियों ने पिछले 3 महीने से सैलरी न मिलने की वजह से दिल्ली सरकार और जी.वी.के. कंपनी के खिलाफ हंगामा ,प्रदर्शन और जमकर नारेबाजी की, जहां कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों मिलकर कैट्स कर्मचारियों का शोषण कर रही है और गाड़ियों का मेंटेनेंस ना करवा कर सरकारी पैसे का एंबुलेंस के रूप में दुरुपयोग हो रहा है।Body:पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में पिछले तीन दिनों से कैट एम्बुलेंस के कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे है । जिसके चलते रविवार को भी कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार और कैट्स को ठेके पर चला रही जी.वी.के. नाम की प्राइवेट कंपनी के खिलाफ जमकर हंगामा प्रदर्शन और नारेबाजी की। जहां कैट कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले तीन महीनों से कैट कर्मचारियों को सैलरी नही दी है । ऐसे में त्योहारों के मौसम में वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करे और कैसे त्योहारों को मनाये ।वहीं दिल्ली सरकार भी कैट्स को ठेके पर चला रही जी.वी.के. कम्पनी को ठेका देके पूरी तरह भूल चुकी है । ऐसे में न तो यह कंपनी कैट्स कर्मचारियों को सैलरी दे रही है और न ही किसी प्रकार की पीएफ, और ईएसआई कार्ड की ही सुविधा दे रही है । जिससे कैट्स कर्मचारी लगातार परेशान हो रहे है। वही कैट्स कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि जब भी कर्मचारी इस प्राइवेट कंपनी के खिलाफ कोई प्रदर्शन या करवाही की मांग करते है तो कंपनी के आलाधिकारी उन्हें नौकरी से निकालने और उन पर झूंठे आरोप में एफआईआर तक दर्ज करवाने की धमकी देते है । वहीं कैट्स कर्मचारियों के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा कैट्स विभाग का ठेका प्राइवेट जी.वी.के नाम की कंपनी को दिया गया है जहां इस कंपनी को दिल्ली सरकार ने करोड़ों की लागत वाली कैट्स एम्बुलेंस भी दी है । लेकिन जी.वी.के. कंपनी की लापरवाही के चलते इन एम्बुलेंस गाड़ियों की दुर्दशा हो रही है , जहां एम्बुलेंस के अंदर फस्टेड के नाम पर कोई दवाईयां तक नही दी जाती , वहीं कम्पनी की लापरवाही के चलते एम्बुलेंस की हालत भी बद से बत्तर को रही है। यहां तक कि एम्बुलेंस पर कोई मेंटिनेंस नही किया जाता और गाड़ियों के पंचर होने पर पंचर तक के पैसे कंपनी नही देती । ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा करोड़ों की लागत लगाकर दी गई एंबुलेंस बर्बाद हो रही है । जिससे दिल्ली वालों को कैट्स एंबुलेंस की सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है।

बाइट--सुधीर तुषिर (कैट एम्बुलेंस कर्मचारी)
बाइट--नीरज कौशिक(कैट एम्बुलेंस कर्मचारी)
बाइट--उमेश (कैट एम्बुलेंस कर्मचारी)
बाइट--कुमार (कैट एम्बुलेंस कर्मचारी)
Conclusion:फिलहाल सैलरी ना मिलने की वजह से कैट्स एंबुलेंस के कर्मचारी दिल्ली सरकार और कैट्स को ठेके पर चला रही जी.वी.के. प्राइवेट कंपनी के खिलाफ धरना प्रदर्शन और हंगामा करने को मजबूर हैं । लेकिन इन सबके बावजूद भी ना तो दिल्ली सरकार इनकी कोई खबर ले रही और ना प्राइवेट कंपनी ही कोई ध्यान दे रही है।

Last Updated : Oct 21, 2019, 11:33 PM IST
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