नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी स्थित सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के अंदर तैनात कैट एंबुलेंस के कर्मचारियों ने 3 महीने से सैलरी न मिलने पर जमकर हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने जी.वी.के हाय-हाय और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों मिलकर कैट्स कर्मचारियों का शोषण कर रही है. गाड़ियों का मेंटेनेंस ना करवा कर सरकारी पैसे का एंबुलेंस के रूप में दुरुपयोग हो रहा है.
तीन महीनों से नहीं मिली सैलरी
कैट्स कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले तीन महीनों से उन्हें सैलरी नहीं दी. ऐसे में त्योहारों के मौसम में वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें और कैसे त्योहारों को मनाएं. दिल्ली सरकार भी कैट्स को ठेके पर चला रही है. जी.वी.के. कम्पनी को ठेका देके पूरी तरह भूल चुकी है. ऐसे में न तो यह कंपनी कैट्स कर्मचारियों को सैलरी दे रही है और न ही किसी प्रकार की पीएफ, और ईएसआई कार्ड की ही सुविधा दे रही है.
धमकी देती है कंपनी
कैट्स कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि जब भी कर्मचारी प्राइवेट कंपनी के खिलाफ कोई प्रदर्शन या कार्रवाई की मांग करते हैं तो कंपनी के आलाधिकारी उन्हें नौकरी से निकालने और उन पर झूठे आरोप में एफआईआर दर्ज करवाने की धमकी देते हैं. कैट्स कर्मचारियों के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा कैट्स विभाग का ठेका प्राइवेट जी.वी.के नाम की कंपनी को दिया गया है जहां इस कंपनी को दिल्ली सरकार ने करोड़ों की लागत वाली कैट्स एम्बुलेंस भी दी है. लेकिन जी.वी.के. कंपनी की लापरवाही के चलते इन एम्बुलेंस गाड़ियों की दुर्दशा हो रही है. एम्बुलेंस के अंदर फस्टेड के नाम पर कोई दवाईयां तक नहीं दी जाती.