नई दिल्ली: दिल्ली के छावला इलाके में रहने वाले एक शख्स ने एक किसान की जमीन हड़पने की साजिश रची. इसके तहत उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर यह दावा किया कि उसने भरत लाल (किसान) से 34 लाख रुपये की जमीन खरीदी है. लेकिन जिस तारीख में यह दस्तावेज बनाया गया उससे कुछ माह पहले ही भरत की मौत हो चुकी थी.
इस मामले में चार साल से फरार चल रहे आरोपी ठग संजय को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है.
जाने क्या था मामला
जी. रामगोपाल नाइक के अनुसार वर्ष 2014 में छावला थाने में ठगी का एक मामला दर्ज किया गया था. कांगनहेड़ी निवासी धर्मेंद्र यादव ने छावला थाने में ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में बताया गया कि किसी शख्स ने उनके परिवार के सदस्य स्वर्गीय भरत लाल के नाम के फर्जी हस्ताक्षर की गई रसीद तैयार कर ली.
इस पर 3 दिसंबर 2009 की तारीख में हस्ताक्षर किए गए थे. इसमें दिखाया गया था कि धर्मेंद्र एवं उसके भाइयों ने 35 लाख रुपये खेती की जमीन बेचने के नाम पर लिए हैं, लेकिन वास्तव में भरत लाल की मौत 6 जुलाई 2009 को ही हो चुकी थी.
20 हजार रुपये का इनाम था घोषित
पीड़ित की शिकायत पर छावला पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी संजय की तलाश कर रही थी, लेकिन वह 4 साल से फरार चल रहा था. पुलिस की तरफ से उसकी सूचना देने वाले को 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की गई. हाल ही में क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि इस ठगी में शामिल संजय गुरुग्राम इलाके में मौजूद है. इस जानकारी पर एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया.
प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर किया फर्जीवाड़ा
आरोपी संजय ने पुलिस को बताया कि वह भी कांगनहेड़ी गांव का रहने वाला है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है. इसके बाद वह एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ काम करने लगा. उसी प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर उसने यह फर्जीवाड़ा किया, लेकिन जब उसे एफआईआर दर्ज होने की बात का पता चला तो वह फरार हो गया था.