नई दिल्ली: सिविक सेंटर मुख्यालय में नगर निगम के निर्वाचित पार्षदों के ने शपथ ग्रहण समारोह में हुए हंगामे और मारपीट के बाद शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया था. इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच राजनीति बढ़ी जा रही है. आम आदमी पार्टी और भाजपा एक दूसरे पर इसको लेकर हमलावर हैं. बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने 16 प्रमुख चौराहे पर आम आदमी पार्टी के पार्षदों के मारपीट और हंगामे को लेकर जनता के सामने पोल खोलने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
शास्त्री नगर के चौक पर भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुए हंगामे और मारपीट को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया. इस मामले को लेकर दिल्ली के पूर्व महापौर जय प्रकाश का कहना है कि आम आदमी पार्टी दंगाई और अराजकता वाली पार्टी है. और इस पूरे प्रकरण के लिए उसके पार्षद और उसके विधायक पूरी तरह से दोषी हैं और अब हम जनता के सामने उनकी पोल खोलेंगे.
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हालांकि, हंगामे के चलते स्थगित हुए एमसीडी के सदन को अब 30 जनवरी को बुलाए जाने की संभावना है. इसका प्रस्ताव एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारतीय ने दिल्ली सरकार को भेज दिया है. इसके बाद इस फाइल को दिल्ली सरकार उपराज्यपाल को भेजेगी. हालांकि, एमसीडी के सदन को बुलाने को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का फैसला अंतिम होगा.
दिल्ली के उपराज्यपाल के ऊपर यह पूरे तरीके से निर्भर करेगा कि वह 30 जनवरी को एमसीडी के सदन को बुलाकर निर्वाचित पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह में मेयर के चुनाव करवाने का आदेश देते हैं या फिर एमसीडी के सदन की तारीख को कुछ और दिनों के लिए आगे बढ़ाया जाता है. यह एलजी के निर्णय पर निर्भर है.
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