नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी अपने हर फैसले के सियासी लाभ के लिए जानी जाती रही है. केजरीवाल सरकार की तरफ से ऐसी भी घोषणाएं हुईं, जो भले जमीन पर नहीं उतरी हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उनका पूरा सियासी लाभ लिया. वो चाहे महिलाओं के लिए डीटीसी और मेट्रो फ्री करने की बात हो या फिर अनऑथराइज्ड कॉलोनी को ऑथोराइज्ड करने का मुद्दा हो.
मुद्दे को भुनाने के लिए दिया गया निर्देश
पूरी दिल्ली में यह दिखा कि किस तरह से आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए डीटीसी मेट्रो फ्री करने के मुद्दे से जुड़े विज्ञापन से पूरी दिल्ली को पाट दिया गया था. कुछ ऐसा ही 200 यूनिट फ्री बिजली वाली घोषणा के साथ हो रहा है. आम आदमी पार्टी के सभी नेता और यहां तक कि मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इसे लेकर सियासी रूप से खूब मुखर हैं. पार्टी आलाकमान की तरफ से इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने का भी निर्देश सभी विधायकों और नेताओं को दिया गया है.
बीजेपी के नेताओं के तरफ से नहीं आया बयान
खुद अरविंद केजरीवाल हाल के दिनों में इस पर खूब बयान देते सुने जा सकते हैं. उन्होंने तो भाजपा को चुनौती देते हुए यहां तक कह दिया था कि भाजपा इस पर अपना रुख स्पष्ट करे और अपने भी राज्यों में ऐसी घोषणा करें. गौर करने वाली बात यह भी है कि केजरीवाल की चुनौती के बाद भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान सामने नहीं आया. अब देखने वाली बात यह होगी कि सियासी रूप से इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रही आम आदमी पार्टी चुनावी माहौल में इसे कितना भुना पाती है.