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मुफ्त बिजली पर राजनीति: जनता को फायदे से पहले 'AAP' ले रही सियासी लाभ!

200 यूनिट मुफ्त बिजली के ऐलान के बाद से ही आम आदमी पार्टी इसके सियासी लाभ को लेकर सक्रिय हो गई. अभी पार्टी का पूरा ध्यान इसके सियासी लाभ को लेने पर केंद्रित दिख रहा है.

जनता को फायदे से पहले 'आप' ले रही सियासी लाभ!
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Published : Aug 6, 2019, 6:07 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी अपने हर फैसले के सियासी लाभ के लिए जानी जाती रही है. केजरीवाल सरकार की तरफ से ऐसी भी घोषणाएं हुईं, जो भले जमीन पर नहीं उतरी हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उनका पूरा सियासी लाभ लिया. वो चाहे महिलाओं के लिए डीटीसी और मेट्रो फ्री करने की बात हो या फिर अनऑथराइज्ड कॉलोनी को ऑथोराइज्ड करने का मुद्दा हो.

दिल्ली सरकार मुफ्त बिजली पर कर रही राजनीति!

मुद्दे को भुनाने के लिए दिया गया निर्देश
पूरी दिल्ली में यह दिखा कि किस तरह से आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए डीटीसी मेट्रो फ्री करने के मुद्दे से जुड़े विज्ञापन से पूरी दिल्ली को पाट दिया गया था. कुछ ऐसा ही 200 यूनिट फ्री बिजली वाली घोषणा के साथ हो रहा है. आम आदमी पार्टी के सभी नेता और यहां तक कि मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इसे लेकर सियासी रूप से खूब मुखर हैं. पार्टी आलाकमान की तरफ से इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने का भी निर्देश सभी विधायकों और नेताओं को दिया गया है.

Aam Aadmi Party is doing politics on issue of free electricity
आम आदमी पार्टी ऑफिस

बीजेपी के नेताओं के तरफ से नहीं आया बयान
खुद अरविंद केजरीवाल हाल के दिनों में इस पर खूब बयान देते सुने जा सकते हैं. उन्होंने तो भाजपा को चुनौती देते हुए यहां तक कह दिया था कि भाजपा इस पर अपना रुख स्पष्ट करे और अपने भी राज्यों में ऐसी घोषणा करें. गौर करने वाली बात यह भी है कि केजरीवाल की चुनौती के बाद भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान सामने नहीं आया. अब देखने वाली बात यह होगी कि सियासी रूप से इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रही आम आदमी पार्टी चुनावी माहौल में इसे कितना भुना पाती है.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी अपने हर फैसले के सियासी लाभ के लिए जानी जाती रही है. केजरीवाल सरकार की तरफ से ऐसी भी घोषणाएं हुईं, जो भले जमीन पर नहीं उतरी हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उनका पूरा सियासी लाभ लिया. वो चाहे महिलाओं के लिए डीटीसी और मेट्रो फ्री करने की बात हो या फिर अनऑथराइज्ड कॉलोनी को ऑथोराइज्ड करने का मुद्दा हो.

दिल्ली सरकार मुफ्त बिजली पर कर रही राजनीति!

मुद्दे को भुनाने के लिए दिया गया निर्देश
पूरी दिल्ली में यह दिखा कि किस तरह से आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए डीटीसी मेट्रो फ्री करने के मुद्दे से जुड़े विज्ञापन से पूरी दिल्ली को पाट दिया गया था. कुछ ऐसा ही 200 यूनिट फ्री बिजली वाली घोषणा के साथ हो रहा है. आम आदमी पार्टी के सभी नेता और यहां तक कि मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इसे लेकर सियासी रूप से खूब मुखर हैं. पार्टी आलाकमान की तरफ से इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने का भी निर्देश सभी विधायकों और नेताओं को दिया गया है.

Aam Aadmi Party is doing politics on issue of free electricity
आम आदमी पार्टी ऑफिस

बीजेपी के नेताओं के तरफ से नहीं आया बयान
खुद अरविंद केजरीवाल हाल के दिनों में इस पर खूब बयान देते सुने जा सकते हैं. उन्होंने तो भाजपा को चुनौती देते हुए यहां तक कह दिया था कि भाजपा इस पर अपना रुख स्पष्ट करे और अपने भी राज्यों में ऐसी घोषणा करें. गौर करने वाली बात यह भी है कि केजरीवाल की चुनौती के बाद भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान सामने नहीं आया. अब देखने वाली बात यह होगी कि सियासी रूप से इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रही आम आदमी पार्टी चुनावी माहौल में इसे कितना भुना पाती है.

Intro:200 यूनिट मुफ्त बिजली के ऐलान के बाद से ही आम आदमी पार्टी इसके सियासी लाभ को लेकर सक्रिय हो गई. अभी पार्टी का पूरा ध्यान इसके सियासी माइलेज को लेकर केंद्रित है.


Body:नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी अपने हर फैसले के सियासी लाभ के लिए जानी जाती रही है. आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से ऐसी भी घोषणाएं हुईं, जो भले जमीन पर नहीं उतरी हों, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उनका पूरा सियासी माइलेज लिया. वो चाहे महिलाओं के लिए डीटीसी और मेट्रो फ्री करने की बात हो या फिर अनऑथराइज्ड कॉलोनी को ऑथोराइज़्ड करने का मुद्दा.

पूरी दिल्ली में यह दिखा कि किस तरह से आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए डीटीसी मेट्रो फ्री करने के मुद्दे से जुड़े विज्ञापन से पूरी दिल्ली को पाट दिया गया था. कुछ ऐसा ही 200 यूनिट फ्री बिजली वाली घोषणा के साथ हो रहा है. आम आदमी पार्टी के सभी नेता और यहां तक कि मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इसे लेकर सियासी रूप से खूब मुखर हैं.

पार्टी आलाकमान की तरफ से इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने का भी निर्देश सभी विधायकों और नेताओं को दिया गया है. खुद अरविंद केजरीवाल हाल के दिनों में इस पर खूब बयान देते सुने जा सकते हैं. उन्होंने तो भाजपा को चुनौती देते हुए यहां तक कह दिया था कि भाजपा इस पर अपना रुख स्पष्ट करे और अपने भी राज्यों में ऐसी घोषणा करें.


Conclusion:गौर करने वाली बात यह भी है कि केजरीवाल की चुनौती के बाद भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान सामने नहीं आया. अब देखने वाली बात यह होगी कि सियासी रूप से इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रही आम आदमी पार्टी चुनावी माहौल में इसे कितना भुना पाती है.
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