नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के पटेल नगर इलाके में एक शख्स का डुप्लीकेट सिम लेकर जालसाज के द्वारा खाते से 35 लाख उड़ाने का मामला सामने आया है.
क्या था मामला
डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक प्रवीण नांगिया पटेल नगर में परिवार के साथ रहते हैं. बीते एक नवंबर को उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया जिसमें सिम चेंज करने की बात लिखी थी. उन्होंने कस्टमर केयर पर फोन कर बात की तो उन्हें कंपनी के स्टोर पर जाने के लिए कहा गया. पटेल नगर स्थित स्टोर पर उन्हें बताया गया कि उनका सिम ब्लॉक हो चुका है.
सिम ब्लॉक कर निकाल लिए 35 लाख रुपये
कंपनी के स्टोर पर उन्हें बताया गया कि किसी ने लक्ष्मी नगर स्थित स्टोर से उनके नंबर लिया है लेकिन यह सिम एक्टिवेट नहीं हुआ है. 3 नवंबर को ही किसी ने उनके खाते से 35 लाख रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. उन्होंने जब सिम कार्ड चालू करवाया तो उन्हें वारदात का पता चला. उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि किसी ने उनकी डुप्लीकेट सिम लेकर इस ठगी को अंजाम दिया है. इस बाबत मामला दर्ज कर एसएचओ रमेश लाम्बा की देखरेख में पुलिस टीम ने जांच शुरु की.
बैंक खाते की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस को पता चला कि मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर यह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर की गई है. इनमें से 11 लाख रुपये नोएडा में रामू के बैंक खाते में गए थे. वही 19.50 लाख रुपए गुजरात के एचडीएफसी में अभय कुमार के बैंक खाते में गए थे. इसके अलावा 4.5 लाख रुपये मुंबई स्थित ICICI बैंक के एक खाते में गए थे. इन खातों के बारे में जब जांच की गई तो पता लगा कि उसी दिन यह रकम निकाल ली गई थी. पुलिस ने इन खातों के मालिक का पता लगाया, लेकिन सभी के पते फर्जी निकले. आगे जब रामू को लेकर जांच की गई तो पता लगा कि 18 अक्टूबर को ही बैंक खाता खोला गया था. पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रामू को नोएडा सेक्टर 45 स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.
10 हजार रुपये में एक खाता जालसाज को दिया
पूछताछ में रामू ने पुलिस को बताया कि वह प्लंबर का काम करता है. उसे दिनेश कुमार नामक शख्स ने बैंक अकाउंट खोलने के लिए कहा था. उसे एक अकाउंट के 10 हजार रुपये देने की बात कही गई थी. उसने अपने तीन बैंक खाता खोल कर उसे दिए थे. उसने अपनी पत्नी का एक बैंक खाता एचडीएफसी बैंक में खोलकर उसे दिया था. उसने इसके सभी दस्तावेज दिनेश यादव को दे दिए थे. इसके बदले उसे 40 हजार रुपये मिले थे. उसने अपने मोबाइल और पत्नी के मोबाइल का सिम कार्ड भी दिनेश को दिया था.