ETV Bharat / state

डुप्लीकेट सिम जारी करवा उड़ाए 35 लाख रुपये, मुख्य आरोपी हुआ अरेस्ट

दिल्ली के पटेल नगर में डुप्लीकेट सिम के जरिए एक शख्स के खाते से 35 लाख रुपये निकाल लिए गए है. पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. जिसने चार बैंक खाते इस जालसाज को मुहैया करवाये थे.

35 lakhs were issued for issuing duplicate sim inpatel nagar delhi
पटेल नगर थाना
author img

By

Published : Dec 14, 2019, 8:55 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के पटेल नगर इलाके में एक शख्स का डुप्लीकेट सिम लेकर जालसाज के द्वारा खाते से 35 लाख उड़ाने का मामला सामने आया है.

डुप्लीकेट सिम जारी करवा उड़ाए 35 लाख रुपये

क्या था मामला

डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक प्रवीण नांगिया पटेल नगर में परिवार के साथ रहते हैं. बीते एक नवंबर को उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया जिसमें सिम चेंज करने की बात लिखी थी. उन्होंने कस्टमर केयर पर फोन कर बात की तो उन्हें कंपनी के स्टोर पर जाने के लिए कहा गया. पटेल नगर स्थित स्टोर पर उन्हें बताया गया कि उनका सिम ब्लॉक हो चुका है.

सिम ब्लॉक कर निकाल लिए 35 लाख रुपये
कंपनी के स्टोर पर उन्हें बताया गया कि किसी ने लक्ष्मी नगर स्थित स्टोर से उनके नंबर लिया है लेकिन यह सिम एक्टिवेट नहीं हुआ है. 3 नवंबर को ही किसी ने उनके खाते से 35 लाख रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. उन्होंने जब सिम कार्ड चालू करवाया तो उन्हें वारदात का पता चला. उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि किसी ने उनकी डुप्लीकेट सिम लेकर इस ठगी को अंजाम दिया है. इस बाबत मामला दर्ज कर एसएचओ रमेश लाम्बा की देखरेख में पुलिस टीम ने जांच शुरु की.


बैंक खाते की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस को पता चला कि मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर यह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर की गई है. इनमें से 11 लाख रुपये नोएडा में रामू के बैंक खाते में गए थे. वही 19.50 लाख रुपए गुजरात के एचडीएफसी में अभय कुमार के बैंक खाते में गए थे. इसके अलावा 4.5 लाख रुपये मुंबई स्थित ICICI बैंक के एक खाते में गए थे. इन खातों के बारे में जब जांच की गई तो पता लगा कि उसी दिन यह रकम निकाल ली गई थी. पुलिस ने इन खातों के मालिक का पता लगाया, लेकिन सभी के पते फर्जी निकले. आगे जब रामू को लेकर जांच की गई तो पता लगा कि 18 अक्टूबर को ही बैंक खाता खोला गया था. पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रामू को नोएडा सेक्टर 45 स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.

10 हजार रुपये में एक खाता जालसाज को दिया
पूछताछ में रामू ने पुलिस को बताया कि वह प्लंबर का काम करता है. उसे दिनेश कुमार नामक शख्स ने बैंक अकाउंट खोलने के लिए कहा था. उसे एक अकाउंट के 10 हजार रुपये देने की बात कही गई थी. उसने अपने तीन बैंक खाता खोल कर उसे दिए थे. उसने अपनी पत्नी का एक बैंक खाता एचडीएफसी बैंक में खोलकर उसे दिया था. उसने इसके सभी दस्तावेज दिनेश यादव को दे दिए थे. इसके बदले उसे 40 हजार रुपये मिले थे. उसने अपने मोबाइल और पत्नी के मोबाइल का सिम कार्ड भी दिनेश को दिया था.

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के पटेल नगर इलाके में एक शख्स का डुप्लीकेट सिम लेकर जालसाज के द्वारा खाते से 35 लाख उड़ाने का मामला सामने आया है.

डुप्लीकेट सिम जारी करवा उड़ाए 35 लाख रुपये

क्या था मामला

डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक प्रवीण नांगिया पटेल नगर में परिवार के साथ रहते हैं. बीते एक नवंबर को उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया जिसमें सिम चेंज करने की बात लिखी थी. उन्होंने कस्टमर केयर पर फोन कर बात की तो उन्हें कंपनी के स्टोर पर जाने के लिए कहा गया. पटेल नगर स्थित स्टोर पर उन्हें बताया गया कि उनका सिम ब्लॉक हो चुका है.

सिम ब्लॉक कर निकाल लिए 35 लाख रुपये
कंपनी के स्टोर पर उन्हें बताया गया कि किसी ने लक्ष्मी नगर स्थित स्टोर से उनके नंबर लिया है लेकिन यह सिम एक्टिवेट नहीं हुआ है. 3 नवंबर को ही किसी ने उनके खाते से 35 लाख रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. उन्होंने जब सिम कार्ड चालू करवाया तो उन्हें वारदात का पता चला. उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि किसी ने उनकी डुप्लीकेट सिम लेकर इस ठगी को अंजाम दिया है. इस बाबत मामला दर्ज कर एसएचओ रमेश लाम्बा की देखरेख में पुलिस टीम ने जांच शुरु की.


बैंक खाते की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस को पता चला कि मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर यह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर की गई है. इनमें से 11 लाख रुपये नोएडा में रामू के बैंक खाते में गए थे. वही 19.50 लाख रुपए गुजरात के एचडीएफसी में अभय कुमार के बैंक खाते में गए थे. इसके अलावा 4.5 लाख रुपये मुंबई स्थित ICICI बैंक के एक खाते में गए थे. इन खातों के बारे में जब जांच की गई तो पता लगा कि उसी दिन यह रकम निकाल ली गई थी. पुलिस ने इन खातों के मालिक का पता लगाया, लेकिन सभी के पते फर्जी निकले. आगे जब रामू को लेकर जांच की गई तो पता लगा कि 18 अक्टूबर को ही बैंक खाता खोला गया था. पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रामू को नोएडा सेक्टर 45 स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.

10 हजार रुपये में एक खाता जालसाज को दिया
पूछताछ में रामू ने पुलिस को बताया कि वह प्लंबर का काम करता है. उसे दिनेश कुमार नामक शख्स ने बैंक अकाउंट खोलने के लिए कहा था. उसे एक अकाउंट के 10 हजार रुपये देने की बात कही गई थी. उसने अपने तीन बैंक खाता खोल कर उसे दिए थे. उसने अपनी पत्नी का एक बैंक खाता एचडीएफसी बैंक में खोलकर उसे दिया था. उसने इसके सभी दस्तावेज दिनेश यादव को दे दिए थे. इसके बदले उसे 40 हजार रुपये मिले थे. उसने अपने मोबाइल और पत्नी के मोबाइल का सिम कार्ड भी दिनेश को दिया था.

Intro:नई दिल्ली
पटेल नगर इलाके में रहने वाले एक शख्स का डुप्लीकेट सिम लेकर जालसाज ने उनके बैंक खाते से 35 लाख रुपये उड़ा लिए. इस मामले में पुलिस ने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है जिसने चार बैंक खाते इस जालसाज को मुहैया करवाये थे. प्रत्येक बैंक खाते के लिए उसे 10 हजार रुपये मिले थे. पुलिस याब जालसाजी में शामिल मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है.


Body:डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा के अनुसार प्रवीण नांगिया पटेल नगर में परिवार के साथ रहते हैं. बीते एक नवंबर को उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया जिसमें बताया गया कि उन्होंने सिम बदलने की रिक्वेस्ट की है. उन्होंने तुरंत फोन कर बताया कि उन्हें सिम नहीं बदलवानी हैं. उन्हें एक एसएमएस आया जिसमें बताया गया कि उनका नंबर नहीं बदला जा रहा है. उनके पास एक बार फिर अगले दिन एसएमएस आया जिसमें सिम चेंज करने की बात लिखी थी. उन्होंने कस्टमर केयर पर फोन कर बात की तो उन्हें कंपनी के स्टोर पर जाने के लिए कहा गया. पटेल नगर स्थित स्टोर पर उन्हें बताया गया कि उनका सिम ब्लॉक हो चुका है और उन्हें नए सिम के लिए आवेदन देना होगा.



सिम ब्लॉक कर निकाल लिए 35 लाख रुपये
कंपनी के स्टोर पर उन्हें बताया गया कि किसी ने लक्ष्मी नगर स्थित स्टोर से उनके नंबर लिया है लेकिन यह सिम एक्टिवेट नहीं हुआ है. तीन नवंबर को ही किसी ने उनके खाते से 35 लाख रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. उन्होंने जब सिम कार्ड चालू करवाया तो उन्हें वारदात का पता चला. उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि किसी ने उनकी डुप्लीकेट सिम लेकर इस ठगी को अंजाम दिया है. इस बाबत मामला दर्ज कर एसएचओ रमेश लाम्बा की देखरेख में पुलिस टीम ने जांच शुरु की.


बैंक खाते की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस को पता चला कि मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर यह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर की गई है. इनमें से 11 लाख रुपये नोएडा में रामू के बैंक खाते में गए थे. वही 19.50 लाख रुपए गुजरात के एचडीएफसी में अभय कुमार के बैंक खाते में गए थे. इसके अलावा 4.5 लाख रुपये मुंबई स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते में गए थे. इन खातों के बारे में जब जांच की गई तो पता लगा कि उसी दिन यह रकम निकाल ली गई थी. पुलिस ने इन खातों के मालिक का पता लगाया, लेकिन सभी के पते फर्जी निकले. आगे जब रामू को लेकर जांच की गई तो पता लगा कि 18 अक्टूबर को ही बैंक खाता खोला गया था. पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रामू को नोएडा सेक्टर 45 स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.





Conclusion:10 हजार रुपये में एक खाता जालसाज को दिया
पूछताछ में रामू ने पुलिस को बताया कि वह प्लंबर का काम करता है. उसे दिनेश कुमार नामक शख्स ने बैंक अकाउंट खोलने के लिए कहा था. उसे एक अकाउंट के 10 हजार रुपये देने की बात कही गई थी. उसने अपने तीन बैंक खाता खोल कर उसे दिए थे. उसने अपनी पत्नी का एक बैंक खाता एचडीएफसी बैंक में खोलकर उसे दिया था. उसने इसके सभी दस्तावेज दिनेश यादव को दे दिए थे. इसके बदले उसे 40 हजार रुपये मिले थे. उसने अपने मोबाइल और पत्नी के मोबाइल का सिम कार्ड भी दिनेश को दिया था.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.