ETV Bharat / state

पॉल्युशन की पड़ी ऐसी मार... उजड़ गया लोगों का आशियाना, छूट गया घर बार - दिल्ली में प्रदूषण के चलते कंस्ट्रक्शन का काम बंद

दिल्ली में प्रदूषण के चलते कंस्ट्रक्शन का काम बंद है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. काम बंद होने के बाद मजदूर अपने-अपने घर वापस लौट गए हैं.

Dwarka Jhuggi Labour
अपने घर लौटे मजदूर.
author img

By

Published : Dec 26, 2021, 7:49 AM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के साथ प्रदूषण का कहर भी जारी है. यहां की एयर क्वालिटी इंडेक्स इतनी खराब है कि लोगों में सांस और आंखों की जलन जैसी समस्या आम हो चुकी है. इस वजह से कई बार कंस्ट्रक्शन साइट के काम को भी सरकार बंद करवा चुकी है.

द्वारका उपनगरी भी पॉल्युशन का हॉटस्पॉट बना हुआ है. यहां कई पॉल्युशन साईट होने की वजह से लगातार धूल-मिट्टी उड़ती रहती है, जिसकी वजह से यहां के लोगों का सांस लेने दूभर हो चुका है. इस कारण कई बार यहां के कई कंस्ट्रक्शन साईट को बंद करना पड़ा है. इससे यहां होने वाले प्रदूषण पर थोड़ी लगाम तो जरूर लगी है. लेकिन इसका सीधा और बुरा असर इन साइटों पर काम करने वाले कामगारों पर पड़ा है.

अपने घर लौटे मजदूर.

ये भी पढ़ें: AAP ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- निगम कर्मचारियों के GPF का पैसा कर रही हजम

द्वारका इलाके में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूरों के आशियाने उजड़ गए हैं. यहां चल रहे कंस्ट्रक्शन के काम के चलते मजदूरों के लिए झुग्गियां बनीं थीं जो अब उजड़ गये हैं. कंस्ट्रक्शन साइट के बंद होने से मजदूरों के लिए अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया. जिस वजह से उन्हें अपना आशियाना छोड़ कर वापस अपने गांव लौटना पड़ा.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में कोरोना के 249 नए मामले, एक की मौत

दिल्ली की बड़ी-बड़ी इमारतों को बनाने वाले मजदूर अपने ही आशियाने को उजड़ने से नहीं बचा पाये. शायद इस कड़वी सच्चाई को हम स्वीकार न कर पाएं, लेकिन सच तो ये है कि देश की अर्थव्यवस्था को गतिमान रखने में ये डेली वेजेस मजदूर आधार का काम करते हैं और किसी भी सेक्टर में लगाई गई पाबंदियों का असर सीधे इन मजदूरों और इनके परिवारों पर पड़ता है.

शायद इसलिए जब भी सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों, फैक्टरियों और कंस्ट्रक्शन साइट आदि पर रोक लगती है, तो इन मजदूर परिवारों के चूल्हे बंद हो जाते हैं।

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के साथ प्रदूषण का कहर भी जारी है. यहां की एयर क्वालिटी इंडेक्स इतनी खराब है कि लोगों में सांस और आंखों की जलन जैसी समस्या आम हो चुकी है. इस वजह से कई बार कंस्ट्रक्शन साइट के काम को भी सरकार बंद करवा चुकी है.

द्वारका उपनगरी भी पॉल्युशन का हॉटस्पॉट बना हुआ है. यहां कई पॉल्युशन साईट होने की वजह से लगातार धूल-मिट्टी उड़ती रहती है, जिसकी वजह से यहां के लोगों का सांस लेने दूभर हो चुका है. इस कारण कई बार यहां के कई कंस्ट्रक्शन साईट को बंद करना पड़ा है. इससे यहां होने वाले प्रदूषण पर थोड़ी लगाम तो जरूर लगी है. लेकिन इसका सीधा और बुरा असर इन साइटों पर काम करने वाले कामगारों पर पड़ा है.

अपने घर लौटे मजदूर.

ये भी पढ़ें: AAP ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- निगम कर्मचारियों के GPF का पैसा कर रही हजम

द्वारका इलाके में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूरों के आशियाने उजड़ गए हैं. यहां चल रहे कंस्ट्रक्शन के काम के चलते मजदूरों के लिए झुग्गियां बनीं थीं जो अब उजड़ गये हैं. कंस्ट्रक्शन साइट के बंद होने से मजदूरों के लिए अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया. जिस वजह से उन्हें अपना आशियाना छोड़ कर वापस अपने गांव लौटना पड़ा.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में कोरोना के 249 नए मामले, एक की मौत

दिल्ली की बड़ी-बड़ी इमारतों को बनाने वाले मजदूर अपने ही आशियाने को उजड़ने से नहीं बचा पाये. शायद इस कड़वी सच्चाई को हम स्वीकार न कर पाएं, लेकिन सच तो ये है कि देश की अर्थव्यवस्था को गतिमान रखने में ये डेली वेजेस मजदूर आधार का काम करते हैं और किसी भी सेक्टर में लगाई गई पाबंदियों का असर सीधे इन मजदूरों और इनके परिवारों पर पड़ता है.

शायद इसलिए जब भी सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों, फैक्टरियों और कंस्ट्रक्शन साइट आदि पर रोक लगती है, तो इन मजदूर परिवारों के चूल्हे बंद हो जाते हैं।

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.