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निजी स्कूल से निकाले गए 200 कर्मचारी, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से लगाई मदद की गुहार - School fired working staff

वसंत कुंज स्थित जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल ने अमानवीय व्यवहार करते हुए स्कूल में कार्यरत लगभग 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि नौकरी से निकालने से पहले स्कूल की ओर से उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई. केवल 1 दिन स्कूल बुलाया गया और उन्हें टर्मिनेशन लेटर थमा दिया गया.

GD Goenka Public School
कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
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Published : May 28, 2020, 8:39 AM IST

Updated : May 28, 2020, 12:03 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है. वहीं इसको लेकर सरकार ने सभी संस्थानों से अनुरोध किया था कि मानवीय भावनाओं को प्राथमिकता देते हुए अपने किसी भी कर्मचारी को नौकरी से ना निकाले. साथ ही उन्हें मासिक वेतन भी नियमित देते रहें. जिससे उनका घर परिवार सुचारू रूप से चलता रहे. सरकार के इस निर्देश के उलट वसंत कुंज स्थित जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल ने अमानवीय व्यवहार करते हुए स्कूल में कार्यरत लगभग 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं कर्मचारियों ने अब शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से गुहार लगाई है और उनसे ये मांग की है कि उनकी नौकरी वापस उन्हें लौटाई जाए.

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मदद की गुहार


स्कूल ने 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

बता दें कि वसंत कुंज के जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की ओर से नौकरी से निकाले जाने पर लगभग 200 कर्मचारियों के सामने मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि नौकरी से निकालने से पहले स्कूल की ओर से उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई. केवल 1 दिन स्कूल बुलाया गया और उन्हें टर्मिनेशन लेटर थमा दिया गया. वहीं कर्मचारियों ने ये भी आरोप लगाया है कि उनसे जिस लैटर पर दस्तखत कराए गए हैं. उसमें मार्च माह की तारीख डाली गई है.


शिक्षा मंत्री से मदद की लगाई गुहार

वहीं अचानक से रोजगार छिन जाने पर परेशान सभी कर्मचारियों ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा निदेशालय और डीएम से स्कूल की शिकायत की है. साथ ही शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है. शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते जो स्थिति समय है. ऐसे में अगर उनकी आजीविका छिन जाती है. तो वो घर परिवार कैसे चलाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जब सरकार ने मानवीय आधारों पर किसी को नौकरी से ना निकालने का निर्देश दिया है. तो कोई भी स्कूल इस निर्देश को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कैसे कर सकता है.



स्कूल ने दी सफाई

वहीं मामले को तूल पकड़ता देख जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर राजीव शर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. वो स्कूल की तरफ से नौकरी पर नहीं रखे गए थे. बल्कि कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि स्कूल की तरफ से किसी को नहीं निकाला गया है. बल्कि कांट्रेक्टर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया है. जिसके चलते जो भी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्टर के जरिए यहां लगे थे. उनकी छुट्टी हो गई है.


बता दें कि वसंत कुंज से जीडी गोयनका स्कूल से निकाले गए कर्मचारियों में ड्राइवर, कंडक्टर, हाउसकीपिंग स्टाफ और आया शामिल है. इन कर्मचारियों में कई तो ऐसे भी हैं जो स्कूल में पिछले 10 साल से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है. वहीं इसको लेकर सरकार ने सभी संस्थानों से अनुरोध किया था कि मानवीय भावनाओं को प्राथमिकता देते हुए अपने किसी भी कर्मचारी को नौकरी से ना निकाले. साथ ही उन्हें मासिक वेतन भी नियमित देते रहें. जिससे उनका घर परिवार सुचारू रूप से चलता रहे. सरकार के इस निर्देश के उलट वसंत कुंज स्थित जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल ने अमानवीय व्यवहार करते हुए स्कूल में कार्यरत लगभग 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं कर्मचारियों ने अब शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से गुहार लगाई है और उनसे ये मांग की है कि उनकी नौकरी वापस उन्हें लौटाई जाए.

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मदद की गुहार


स्कूल ने 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

बता दें कि वसंत कुंज के जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की ओर से नौकरी से निकाले जाने पर लगभग 200 कर्मचारियों के सामने मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि नौकरी से निकालने से पहले स्कूल की ओर से उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई. केवल 1 दिन स्कूल बुलाया गया और उन्हें टर्मिनेशन लेटर थमा दिया गया. वहीं कर्मचारियों ने ये भी आरोप लगाया है कि उनसे जिस लैटर पर दस्तखत कराए गए हैं. उसमें मार्च माह की तारीख डाली गई है.


शिक्षा मंत्री से मदद की लगाई गुहार

वहीं अचानक से रोजगार छिन जाने पर परेशान सभी कर्मचारियों ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा निदेशालय और डीएम से स्कूल की शिकायत की है. साथ ही शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है. शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते जो स्थिति समय है. ऐसे में अगर उनकी आजीविका छिन जाती है. तो वो घर परिवार कैसे चलाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जब सरकार ने मानवीय आधारों पर किसी को नौकरी से ना निकालने का निर्देश दिया है. तो कोई भी स्कूल इस निर्देश को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कैसे कर सकता है.



स्कूल ने दी सफाई

वहीं मामले को तूल पकड़ता देख जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर राजीव शर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. वो स्कूल की तरफ से नौकरी पर नहीं रखे गए थे. बल्कि कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि स्कूल की तरफ से किसी को नहीं निकाला गया है. बल्कि कांट्रेक्टर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया है. जिसके चलते जो भी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्टर के जरिए यहां लगे थे. उनकी छुट्टी हो गई है.


बता दें कि वसंत कुंज से जीडी गोयनका स्कूल से निकाले गए कर्मचारियों में ड्राइवर, कंडक्टर, हाउसकीपिंग स्टाफ और आया शामिल है. इन कर्मचारियों में कई तो ऐसे भी हैं जो स्कूल में पिछले 10 साल से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

Last Updated : May 28, 2020, 12:03 PM IST
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