नई दिल्ली: नजफगढ़ स्थित राधा-कृष्ण मंदिर देश के प्राचीन मंदिरों में से एक है. यहां स्थापित ठाकुर जी का रूप वृंदावन के बांके बिहारी की छवि स्वरूप है, जहां हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. प्राचीन होने की वजह से इस मंदिर का काफी महत्व भी है.
तस्वीरें नजफगढ़ के ठाकुर राधा-कृष्ण मंदिर में श्रद्धालु पूजा और परिक्रमा करते हैं. यहां स्थापित ठाकुर जी का रूप वृंदावन के बांके बिहारी जैसा है. मंदिर के अंदर प्रवेश करने के बाद भगवान का दर्शन करने पर ये कह पाना मुश्किल प्रतीत होता है कि आप नजफगढ़ के ठाकुर जी के मंदिर में हैं या वृंदावन के बांके बिहारी के मंदिर में.
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पिछले 25 साल से अनवरत ठाकुर जी की सेवा में लगे पंडित जी ने बताया कि 400 साल पहले इस मंदिर की स्थापना की गई थी. 50 सालों से यहां रहे पंडित ने बताया कि उनसे पहले उनके पिताजी ठाकुर जी की सेवा करते थे और उनके बाद वो कर रहे हैं.
हर दिन इस मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन और पूजन करने पहुंचते हैं. यहां हर त्योहार वृहत तरीके से मनाया जाता है. नजफगढ और आसपास के इलाकों के लोगों के लिए ये मंदिर खास महत्व रखता है. इस मंदिर की एक और खासियत है, यहां हनुमान जी के दो स्वरूप की जोड़े की मूर्ति है और वो भी काफी पुरानी बताई जा रही है.
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