नई दिल्ली: दिल्ली अनलॉक (Unlock Delhi) तो हो गई, मार्केट में दुकानें भी खुल गईं, लेकिन अब तक साप्ताहिक बाजार (weekly market) को खोलने को लेकर कई तरह की पाबंदी हैं. जिसकी वजह से अनलॉक के बाद भी छोटे-छोटे दुकानदार ( Shopkeeper ) घर बैठे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.
पश्चिमी दिल्ली के साप्ताहिक बाजार (Weekly Markets of West Delhi) के छोटे-छोटे दुकानदारों ने इसी को लेकर गुरुवार को अशोक नगर में बैठक की. यहां दुकानदारों ने अपनी समस्या रखी और रोजगार को लेकर उत्पन्न हुई संकट पर विचार- विमर्श कर आगे की योजनाओं पर चर्चा की गई.
वीकली मार्केट खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए
दुकानदारों का कहना है कि पिछले लॉकडाउन की मार से संभले भी नहीं थे कि फिर लॉकडाउन हो गया, लेकिन जब अब सब कुछ खोल दिया गया है तो वीकली मार्केट (weekly market) को खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए.
घर बैठे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जमापूंजी खत्म कर चुके ये दुकानदार अब भूखों मरने की कगार पर पहुंच गए हैं. बिजली, पानी, राशन, स्कूल फीस, इलाज जैसे खर्चों की वजह से हम लोग कर्जे में डूब चुके हैं.
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फिलहाल स्कूल के अंदर 50 लोगों को दुकान लगाने की अनुमति
दुकानदारों ( Shopkeeper ) का कहना है कि सरकार हमारे बारे में सोचते हुए साप्ताहिक बाजार (Weekly Market) लगाने की अनुमति दे, जिससे कि कर्ज के बोझ से उबरते हुए अपने घरों को चला सकें. सरकार ने फिलहाल स्कूल के अंदर 50 लोगों को दुकान लगाने की अनुमति दी है, जो इन दुकानदारों का सिर्फ 5 प्रतिशत है और निश्चित ही 95 प्रतिशत के घरों में बैठने से इनकी समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.
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साप्ताहिक बाजार संघ (Weekly Market Association) का कहना है कि इन्हें भी अनुमति दी जाए. वे सरकार द्वारा तय किए गए सभी नियमों का पालन करेंगे.
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