नई दिल्ली: भाद्रपद महीने में जैन धर्म के श्वेतांबर और दिगंबर संप्रदाय के लोग पर्युषण पर्व मनाते हैं. द्वारका का सुप्रसिद्ध अतिशय क्षेत्र श्री दिगंबर जैन रत्नत्रय जिनमंदिर में पर्युषण पर्व-दशधर्म महोत्सव की आज से शरुआत हो गई है, जो अगले 10 दिनों तक मनाया जाएगा. इस उत्सव को कोविड नियमों का पालन करते हुए बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.
आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए होता उत्सव
आपको बता दें की यह उत्सव जैनधर्म में त्याग, तपस्या, पूजा-पाठ, ध्यान आदि के जरिए आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए है. आपको बता दें कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के काल में जरूरतमंद लोगों के लिए मंदिर में तीन महीने से नि:शुल्क भोजन वितरण किया जा रहा है.
जिसमें जैन समाज सम्मिलित होकर जन परोपकार की भावना से भोजन वितरण कर रहा है. इस उत्सव में समाज के अनेक श्रेष्ठी व गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे. मंदिर के प्रधान शरद राज कासलीवाल ने बताया की कोरोना के चलते यह पूजा व उत्सव लाइव प्रसारित भी किया जा रहा है.
इसलिए मनाया जाता पर्युषण पर्व
भाद्रपद महीने में जैन धर्म के श्वेतांबर और दिगंबर संप्रदाय के लोग पर्युषण पर्व मनाते हैं. इसे क्षमावाणी पर्व, दशलक्षण पर्व और संवत्सरी भी कहा जाता है. ये पर्व भगवान महावीर के मूल सिद्धांत अहिंसा परमो धर्म पर चलना सिखाता है.
इन दिनों में त्याग और संयम के साथ शारीरिक और मानसिक तप से आत्मशुद्धि की जाती है. माना जाता है इससे मोक्ष मिलता है. दिगंबर 10 दिन तक मनाते हैं. जिसे दस लक्षण कहते हैं. ये दस लक्षण - क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, संयम, शौच, तप, त्याग, आकिंचन्य एवं ब्रह्मचर्य हैं.