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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर शख्स ने कई छात्रों को लगाया चूना, FIR दर्ज

looting lakhs in the name of government job: दिल्ली के बिंदापुर के मिलाप नगर में एक पीजी में रहने वाले शख्स ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कई छात्रों को चूना लगाया. खुद को मध्य प्रदेश पुलिस का सस्पेंडेड थानेदार बताकर कई छात्र को झांसे में लेकर उसने लाखों की लूट की.जिसको लेकर बिंदापुर थाना में शख्स के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है.

दिल्ली स्पेशल स्टाफ की टीम ने 74 मोबाइल किए बरामद
दिल्ली स्पेशल स्टाफ की टीम ने 74 मोबाइल किए बरामद
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 12, 2024, 1:41 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 2:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के बिंदापुर थाना इलाके में खुद को मध्य प्रदेश पुलिस का सस्पेंडेड थानेदार बताकर पीजी में रहने वाले छात्रों से लाखों की चीटिंग करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें एक पीड़ित की शिकायत पर बिंदापुर थाना में चीटिंग(420) की FIR दर्ज की गई गया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

पुलिस को दी गई शिकायत में यश वर्धन शर्मा नाम के एक युवक ने पुलिस को बताया कि वह मूलतः यूपी के इटावा का रहने वाला है. एक साल से ज्यादा समय से बिंदापुर के मिलाप नगर में एक पीजी में रहकर रेडियोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है. उसी के पीजी में उसी के कमरे में एक और शख्स लगभग आठ महीने से रह रहा था.जिसने अपना नाम विकास शर्मा बताया और उसने बताया कि वह मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर है और फिलहाल किसी मामले में सस्पेंड चल रहा है.

वह कई महीने से इस पीजी में रह रहा था और इस दौरान उसने यश वर्धन को भी विश्वास में ले लिया और उसके परिवार वालों को भी. उसे गृह मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 1.80 लाख रुपए तीन किश्त में अकाउंट से लिए. लेकिन उसके बाद ना पैसा मिला और ना ही नौकरी. आरोपी जब एक दिन चुपचाप रात में बहाना बनाकर पीजी से निकल गया और वापस नहीं लौटा तब सबको ठगी का एहसास हुआ.इस मामले में बिंदापुर थाना की पुलिस टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से छानबीन कर रही है और ठगी करने वाले आरोपी की तलाश कर रही है.

यह भी पता चला है कि उस पीजी में रहने वाले और भी लड़के लड़कियों को भी उसने बेवकूफ बनाया है. यह मौका देखकर पहली जनवरी की रात फरार हो गया जब यश को ठगी का एहसास हुआ तो उसने इस मामले की लिखित शिकायत की. बिंदापुर थाना में 9 जनवरी को 420 के तहत FIR दर्ज हुआ है. पीड़ित ने बताया कि आरोपी के पास कुछ ऐसा नहीं था, जिससे कि शक हो कि वह पुलिस में नहीं है. उसके पास वर्दी था, उसके पास पुलिस की टोपी थी, पुलिस का बैच था और वह लोगों को भरोसे में लेने में कामयाब हो गया.

ये भी पढ़ें : नोएडा: अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, 25 लोग गिरफ्तार

74 चोरी की मोबाइल के साथ आरोपी गिरफ्तार

उत्तरी दिल्ली के स्पेशल स्टाफ की पुलिस टीम ने कटिहार के रहने वाले जिस मोबाइल रिसीवर सूरज कुमार को बीते गुरुवार को गिरफ्तार कियाहै. उसके पास से 74 चोरी का मोबाइल बरामद किया गया है. उससे पूछताछ में पुलिस को कई जानकारी मिली है. उसके आधार पर और मोबाइल नंबरों के छानबीन पर अभी तक 45 मोबाइल का कनेक्शन एफआईआर और लोस्ट एंड फाउंड रिपोर्ट हो गया है.

जबकि 29 मोबाइल अभी और बाकी है. जो 74 मोबाइल बरामद किए गए हैं, वह सिर्फ दिल्ली के रहने वाले लोगों के ही नहीं. बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा यहां तक की वेस्ट बंगाल तक के लोगों के हैं.पुलिस के अनुसार यह मोबाइल सदर बाजार, लाहौरी गेट मार्केट के साथ-साथ, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और आसपास से पिक पॉकेटरो के द्वारा निकाले गए हैं.

डीसीपी नॉर्थ मनोज कुमार मीणा ने बताया कि सभी 74 मोबाइल के असली ओनर के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई है. पुलिस टीम ने सभी को संपर्क करके उनके मोबाइल की बरामदगी के बारे में बता दिया है. काफी संख्या में लोग ऐसे हैं, जिनका मोबाइल पॉकेट से निकाल गया या चोरी हो गया तो उन्होंने शिकायत भी दर्ज नहीं कराई थी.

ये भी पढ़ें : प्रिंस तेवतिया गैंग के गैंगस्टर गिन्नी को स्पेशल सेल ने छापा मारकर हरियाणा से दबोचा

नई दिल्ली: दिल्ली के बिंदापुर थाना इलाके में खुद को मध्य प्रदेश पुलिस का सस्पेंडेड थानेदार बताकर पीजी में रहने वाले छात्रों से लाखों की चीटिंग करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें एक पीड़ित की शिकायत पर बिंदापुर थाना में चीटिंग(420) की FIR दर्ज की गई गया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

पुलिस को दी गई शिकायत में यश वर्धन शर्मा नाम के एक युवक ने पुलिस को बताया कि वह मूलतः यूपी के इटावा का रहने वाला है. एक साल से ज्यादा समय से बिंदापुर के मिलाप नगर में एक पीजी में रहकर रेडियोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है. उसी के पीजी में उसी के कमरे में एक और शख्स लगभग आठ महीने से रह रहा था.जिसने अपना नाम विकास शर्मा बताया और उसने बताया कि वह मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर है और फिलहाल किसी मामले में सस्पेंड चल रहा है.

वह कई महीने से इस पीजी में रह रहा था और इस दौरान उसने यश वर्धन को भी विश्वास में ले लिया और उसके परिवार वालों को भी. उसे गृह मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 1.80 लाख रुपए तीन किश्त में अकाउंट से लिए. लेकिन उसके बाद ना पैसा मिला और ना ही नौकरी. आरोपी जब एक दिन चुपचाप रात में बहाना बनाकर पीजी से निकल गया और वापस नहीं लौटा तब सबको ठगी का एहसास हुआ.इस मामले में बिंदापुर थाना की पुलिस टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से छानबीन कर रही है और ठगी करने वाले आरोपी की तलाश कर रही है.

यह भी पता चला है कि उस पीजी में रहने वाले और भी लड़के लड़कियों को भी उसने बेवकूफ बनाया है. यह मौका देखकर पहली जनवरी की रात फरार हो गया जब यश को ठगी का एहसास हुआ तो उसने इस मामले की लिखित शिकायत की. बिंदापुर थाना में 9 जनवरी को 420 के तहत FIR दर्ज हुआ है. पीड़ित ने बताया कि आरोपी के पास कुछ ऐसा नहीं था, जिससे कि शक हो कि वह पुलिस में नहीं है. उसके पास वर्दी था, उसके पास पुलिस की टोपी थी, पुलिस का बैच था और वह लोगों को भरोसे में लेने में कामयाब हो गया.

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74 चोरी की मोबाइल के साथ आरोपी गिरफ्तार

उत्तरी दिल्ली के स्पेशल स्टाफ की पुलिस टीम ने कटिहार के रहने वाले जिस मोबाइल रिसीवर सूरज कुमार को बीते गुरुवार को गिरफ्तार कियाहै. उसके पास से 74 चोरी का मोबाइल बरामद किया गया है. उससे पूछताछ में पुलिस को कई जानकारी मिली है. उसके आधार पर और मोबाइल नंबरों के छानबीन पर अभी तक 45 मोबाइल का कनेक्शन एफआईआर और लोस्ट एंड फाउंड रिपोर्ट हो गया है.

जबकि 29 मोबाइल अभी और बाकी है. जो 74 मोबाइल बरामद किए गए हैं, वह सिर्फ दिल्ली के रहने वाले लोगों के ही नहीं. बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा यहां तक की वेस्ट बंगाल तक के लोगों के हैं.पुलिस के अनुसार यह मोबाइल सदर बाजार, लाहौरी गेट मार्केट के साथ-साथ, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और आसपास से पिक पॉकेटरो के द्वारा निकाले गए हैं.

डीसीपी नॉर्थ मनोज कुमार मीणा ने बताया कि सभी 74 मोबाइल के असली ओनर के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई है. पुलिस टीम ने सभी को संपर्क करके उनके मोबाइल की बरामदगी के बारे में बता दिया है. काफी संख्या में लोग ऐसे हैं, जिनका मोबाइल पॉकेट से निकाल गया या चोरी हो गया तो उन्होंने शिकायत भी दर्ज नहीं कराई थी.

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Last Updated : Jan 12, 2024, 2:16 PM IST
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