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रेमेडेसीवर इंजेक्शन के नाम पर ठगी, MP के रीवा से आरोपी गिरफ्तार - दिल्ली रेमेडेसीवर कालाबाजारी

रेमेडेसीवर इंजेक्शन को लेकर ठगी करने के आरोप में खजूरी खास पुलिस ने एक शख्स को मध्य प्रदेश के रीवा से गिरफ्तार किया है. आरोपी रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लगा था.

khajuri police arrest a cheater from madhya pradesh
खजूरी खास रेमेडेसीवर कालाबाजारी
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Published : May 11, 2021, 4:14 AM IST

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के बीच एक तरफ जहां हर कोई एक दूसरे के लिए मददगार बना हुआ है, वहीं बीमारी के नाम पर इंजेक्शन मुहैया कराने की आड़ में ठगने वाले भी सक्रिय हैं. खजूरी खास पुलिस ने एक ऐसे ही शख्स को मध्य प्रदेश के रीवा से गिरफ्तार किया है, जो न केवल रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लगा था, बल्कि इंजेक्शन मुहैया कराने के नाम पर ठगने में भी लगा हुआ था.

रेमेडेसीवर इंजेक्शन के नाम पर ठगी

यह भी पढ़ेंः-रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 7 आरोपी गिरफ्तार, भारी मात्रा में इंजेक्शन बरामद

पुलिस ने इस शातिर का बैंक खाता सीज कर दिया है, जिसमें लाखों का अमाउंट जमा था और एक मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि 8 मई को एक पीसीआर कॉल मिली थी, जिसमें व्हाट्सएप के जरिए रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी और धोखाधड़ी किए जाने की बात कही गई थी.

पीड़ित ने सोशल मीडिया पर देख कर उक्त मोबाइल नंबर पर कॉल किया, तो शख्स ने खुद को रेमेडेसीवर इंजेक्शन की सप्लायर से जुड़ा बताया. आरोपी ने पांच हजार में एक इंजेक्शन देने की बात करते हुए 40 प्रतिशत अमाउंट एडवांस देने को कहा, पीड़ित ने आठ हजार रुपये ऑनलाइन माध्यम से दिए. शिकायतकर्ता नीरज तिवारी के मुताबिक पैसा मिलते ही आरोपी ने फोन उठाना बंद कर दिया, जिसके बाद पीड़ित ने खजूरी खास थाने में एफआईआर दर्ज करा दी.

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी खजूरी हरीश चंद्र कुकरेती के नेतृत्व में SHO पवन कुमार, एसआई अश्वनी, कॉन्स्टेबल सचिन, कलिक और राहुल की टीम तहकीकात में जुट गई .टेक्निकल सर्विलांस और सीडीआर एलनालिसिस से पता लगा कि आरोपी मध्य प्रदेश के रीवा में है. टीम ने तत्परता दिखाते हुए रीवा के परासी गांव से अमन सिंह उर्फ लक्की को पकड़ लिया. पुलिस ने उसके पास से मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया, जिससे कॉल किया गया था.

मोबाइल और चेट की जांच पड़ताल से कई संदिग्ध चैट भी मिली. साथ ही आरोपी के एक बैंक अकाउंट के बारे में भी पता लगा, जिसमें 7 लाख, 83 हजार 968 रुपये जमा थे. खाते में जमा अमाउंट बहुत तेजी से बढ़ा था. गहन जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपी का दूसरे नाम से बनाया गया बैंक खाता सीज कर दिया.

आखिर कौन है अमन सिंह

अमन सिंह उर्फ लक्की कंप्यूटर साइंस से बीएससी किए हुए है और आजकल पटना बिहार की किसी कंपनी में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी कर रहा था. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसने रेमेडेसीविर इंजेक्शन देने के नाम पर बहुत लोगों से पहले एडवांस के नाम पर पैसे मंगवाए और बाद में फोन उठाना बंद कर दिया.

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के बीच एक तरफ जहां हर कोई एक दूसरे के लिए मददगार बना हुआ है, वहीं बीमारी के नाम पर इंजेक्शन मुहैया कराने की आड़ में ठगने वाले भी सक्रिय हैं. खजूरी खास पुलिस ने एक ऐसे ही शख्स को मध्य प्रदेश के रीवा से गिरफ्तार किया है, जो न केवल रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लगा था, बल्कि इंजेक्शन मुहैया कराने के नाम पर ठगने में भी लगा हुआ था.

रेमेडेसीवर इंजेक्शन के नाम पर ठगी

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पुलिस ने इस शातिर का बैंक खाता सीज कर दिया है, जिसमें लाखों का अमाउंट जमा था और एक मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि 8 मई को एक पीसीआर कॉल मिली थी, जिसमें व्हाट्सएप के जरिए रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी और धोखाधड़ी किए जाने की बात कही गई थी.

पीड़ित ने सोशल मीडिया पर देख कर उक्त मोबाइल नंबर पर कॉल किया, तो शख्स ने खुद को रेमेडेसीवर इंजेक्शन की सप्लायर से जुड़ा बताया. आरोपी ने पांच हजार में एक इंजेक्शन देने की बात करते हुए 40 प्रतिशत अमाउंट एडवांस देने को कहा, पीड़ित ने आठ हजार रुपये ऑनलाइन माध्यम से दिए. शिकायतकर्ता नीरज तिवारी के मुताबिक पैसा मिलते ही आरोपी ने फोन उठाना बंद कर दिया, जिसके बाद पीड़ित ने खजूरी खास थाने में एफआईआर दर्ज करा दी.

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी खजूरी हरीश चंद्र कुकरेती के नेतृत्व में SHO पवन कुमार, एसआई अश्वनी, कॉन्स्टेबल सचिन, कलिक और राहुल की टीम तहकीकात में जुट गई .टेक्निकल सर्विलांस और सीडीआर एलनालिसिस से पता लगा कि आरोपी मध्य प्रदेश के रीवा में है. टीम ने तत्परता दिखाते हुए रीवा के परासी गांव से अमन सिंह उर्फ लक्की को पकड़ लिया. पुलिस ने उसके पास से मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया, जिससे कॉल किया गया था.

मोबाइल और चेट की जांच पड़ताल से कई संदिग्ध चैट भी मिली. साथ ही आरोपी के एक बैंक अकाउंट के बारे में भी पता लगा, जिसमें 7 लाख, 83 हजार 968 रुपये जमा थे. खाते में जमा अमाउंट बहुत तेजी से बढ़ा था. गहन जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपी का दूसरे नाम से बनाया गया बैंक खाता सीज कर दिया.

आखिर कौन है अमन सिंह

अमन सिंह उर्फ लक्की कंप्यूटर साइंस से बीएससी किए हुए है और आजकल पटना बिहार की किसी कंपनी में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी कर रहा था. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसने रेमेडेसीविर इंजेक्शन देने के नाम पर बहुत लोगों से पहले एडवांस के नाम पर पैसे मंगवाए और बाद में फोन उठाना बंद कर दिया.

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