नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चक्र को खत्म करने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन में कई लोगों ने मानवता और इंसानियत जैसे शब्द का असली मतलब समझाया है. ऐसे बापरौला स्थित जय विहार में रहने वाले कमल सैंगर भी है, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान गरीब और जरूरतमंदों को खाना खिलाकर और राशन उपलब्ध कराकर इंसानियत और मानवता जैसे शब्द का महत्व समझाया है. इसी क्रम में लोगों की सहायता कर रहे कमल सैंगर ने इस बार बेघर लोगों को अपनी वाटिका श्री राम गार्डन में रहने के लिए आसरा दिया है. जहां लोग लगभग पिछले एक महीने से रह रहे है. ईटीवी भारत की टीम वहां रहने वाले लोगों का जायजा लेने पहुंची.
फ्री में रहने की इजाजत
हमारी टीम ने जब कमल से इस जगह के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह इस वाटिका के मालिक है और लॉकडाउन के बाद यह वाटिका पूरी तरह बंद पड़ी हुई थी. लेकिन जैसे ही उन्होंने ऐसे लोगो के बारे में सुना तो उन्होंने अपने इस वाटिका में बने 4-5 कमरे खोल दिए और बेघर लोगों को फ्री में रहने की इजाजत दे दी.
पिछले 1 महीने से रह रही रंजू देवी
वही मकान मालिक के जरिए घर से निकाली गई रंजू देवी ने भी हमारी टीम को बताया कि उनके पास इस दौरान खाने के लिए भी पैसे नहीं है, तो किराया कहां से देंगे. लेकिन उनके मकान मालिक ने उनकी एक न सुनी और उन्हें घर से निकाल दिया. जिसके बाद वह इस वाटिका में आकर रह रही है. इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि वह यहां पिछले एक महीने से निशुल्क रह रही है.
वाटिका बनी कुंदन का सहारा
वाटिका में रह रहे कुंदन कुमार ने भी हमारी टीम को बताया कि वह अपनी बहन के साथ लाल स्कूल के पास रहते थे. लेकिन किराया नहीं देने पर उनके मकान मालिक ने भी उन्हें घर से निकाल दिया था. जिसके बाद वह भी यही आकर रहने लगे.
अपने खर्च से की मदद
लॉकडाउन के इस कठोर दौर में भी अपने व्यक्तिगत खर्चे से लोगों को मदद कर रहे कमल सैंगर भी एक कोरोना वॉरियर है, जिन्होंने पूरे लॉकडाउन के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदो की मदद की है. उनके इस जज्बे को सलाम हैं.