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Illegal Arms Smuggling: पाकिस्तान के रिलेटिव की मदद से नेपाल के रास्ते भारत पहुंचता था हथियार, 3 गिरफ्तार

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Published : Aug 2, 2023, 6:45 PM IST

अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है. साउथ वेस्टर्न रेंज की टीम बॉर्डर पार से हथियारों की तस्करी में शामिल गैंग का पता लगाने के लिए काफी समय से लगी थी.

नेपाल के रास्ते भारत पहुंचता था हथियार
नेपाल के रास्ते भारत पहुंचता था हथियार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बॉर्डर पार से हथियारों की तस्करी करने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपितों में शामिल औवेस उर्फ शमशाद को यूपी के बुलंदशर से गिरफ्तार किया गया. वहीं, गैंग के दूसरे सदस्य अदनान और अफरोज को निजामुद्दीन, दिल्ली से पकड़ा गया. पुलिस ने इनके कब्जे से 12 सेमी आटोमेटिक पिस्टल बरामद किया है, जिनमें जिगना, बेरेटा और स्लोवाकिया पिस्टल्स शामिल है. बताया जा रहा है कि इन तस्करों का धंधा भारत के अलावा पाकिस्तान, दुबई और नेपाल तक फैला है.

स्पेशल पुलिस कमिश्नर एचजीएस धालीवाल ने बताया कि हाल में दिल्ली-एनसीआर में कई बड़ी घटनाएं सामने आई, जहां अपराधियों और गैंगस्टरों ने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था. इन घटनाओं और गिरोहों के बताए गए संकेतों पर बारीकी से नजर रखी गई. इस दौरान पता चला कि गैंगस्टर या अपराधी सीमा पार से तस्करी के जरिए इन अत्याधुनिक हथियारों की खरीदारी कर रहे हैं.

डीसीपी इंगित प्रताप सिंह को बॉर्डर पार से अवैध हथियारों की तस्करी पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया. तस्करों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युअल निगरानी की भी तैनात की गई. इसी कड़ी में स्पेशल सेल को विशेष सूचना मिली कि तस्करी गैंग का सदस्य औवेस उर्फ शमशाद दिल्ली में अपने सहयोगियों को हथियारों की एक बड़ी खेप देने के लिए शांति वन के सामने, घाटा मस्जिद के पास आएगा. फिर क्या पुलिस ने मौके पर जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार आरोपियों का इतिहास: औवेस से पूछताछ में पता चला कि ये अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क के सक्रिय सदस्य है. जिसका बॉस पहले शाबाज अंसारी था, जो बुलंदशहर, यूपी का रहने वाला है. उसके नेटवर्क का इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की खरीद के लिए भी किया था. शहबाज की गिरफ्तारी के बाद औवेस ने हथियारों की तस्करी की जिम्मेदारी ली और हथियारों को बाहर भेजने लगा. उसका साथी अदनान दुबई में अपने कांटेक्ट से बात करता और हथियारों का आर्डर देता था.

तस्कर गैंग ने पुलिस को बताया कि उन्होंने भारत में हथियारों की 4 खेप भेजी है. उन्हें एक पिस्टल 2 -3 लाख में पड़ती थी, फिर वे उसे यूपी, दिल्ली, राजस्थान के गैंगस्टर को 7 से 8 लाख में बेचते थे. पकड़ा गया अदनान 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और हजरत निजामुद्दीन इलाके में एक होटल चलाता है. वह अपने दूर के रिश्तेदार शाहबाज की भव्य जीवनशैली से प्रभावित था. शाहबाज का मामा अनवर कमाल, जो दुबई में रहता है, वो भी अवैध हथियारों की तस्करी में है.

अदनान ने अनवर कमाल के साथ मिलकर अवैध हथियारों की तस्करी की साजिश रची. अनवर के रिश्तेदार पाकिस्तान में हैं, जिनकी मदद से वह हवाई रास्ते से नेपाल में हथियारों की डिलीवरी काम करता था. वहीं, अफरोज ने तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की और सिलाई का काम करता है. वह अदनान का बचपन का दोस्त है. पैसे के लिए वह इस गैंग का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो गया.

ये भी पढ़ें: Crime In Delhi: स्पेशल सेल ने 50 हजार के इनामी हथियार तस्कर को मध्य प्रदेश से दबोचा, 10 पिस्तौल बरामद

ये भी पढ़ें: Greater Noida Crime: 40 लाख के अवैध गांजे के साथ पुलिस ने दो तस्करों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बॉर्डर पार से हथियारों की तस्करी करने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपितों में शामिल औवेस उर्फ शमशाद को यूपी के बुलंदशर से गिरफ्तार किया गया. वहीं, गैंग के दूसरे सदस्य अदनान और अफरोज को निजामुद्दीन, दिल्ली से पकड़ा गया. पुलिस ने इनके कब्जे से 12 सेमी आटोमेटिक पिस्टल बरामद किया है, जिनमें जिगना, बेरेटा और स्लोवाकिया पिस्टल्स शामिल है. बताया जा रहा है कि इन तस्करों का धंधा भारत के अलावा पाकिस्तान, दुबई और नेपाल तक फैला है.

स्पेशल पुलिस कमिश्नर एचजीएस धालीवाल ने बताया कि हाल में दिल्ली-एनसीआर में कई बड़ी घटनाएं सामने आई, जहां अपराधियों और गैंगस्टरों ने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था. इन घटनाओं और गिरोहों के बताए गए संकेतों पर बारीकी से नजर रखी गई. इस दौरान पता चला कि गैंगस्टर या अपराधी सीमा पार से तस्करी के जरिए इन अत्याधुनिक हथियारों की खरीदारी कर रहे हैं.

डीसीपी इंगित प्रताप सिंह को बॉर्डर पार से अवैध हथियारों की तस्करी पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया. तस्करों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युअल निगरानी की भी तैनात की गई. इसी कड़ी में स्पेशल सेल को विशेष सूचना मिली कि तस्करी गैंग का सदस्य औवेस उर्फ शमशाद दिल्ली में अपने सहयोगियों को हथियारों की एक बड़ी खेप देने के लिए शांति वन के सामने, घाटा मस्जिद के पास आएगा. फिर क्या पुलिस ने मौके पर जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार आरोपियों का इतिहास: औवेस से पूछताछ में पता चला कि ये अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क के सक्रिय सदस्य है. जिसका बॉस पहले शाबाज अंसारी था, जो बुलंदशहर, यूपी का रहने वाला है. उसके नेटवर्क का इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की खरीद के लिए भी किया था. शहबाज की गिरफ्तारी के बाद औवेस ने हथियारों की तस्करी की जिम्मेदारी ली और हथियारों को बाहर भेजने लगा. उसका साथी अदनान दुबई में अपने कांटेक्ट से बात करता और हथियारों का आर्डर देता था.

तस्कर गैंग ने पुलिस को बताया कि उन्होंने भारत में हथियारों की 4 खेप भेजी है. उन्हें एक पिस्टल 2 -3 लाख में पड़ती थी, फिर वे उसे यूपी, दिल्ली, राजस्थान के गैंगस्टर को 7 से 8 लाख में बेचते थे. पकड़ा गया अदनान 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और हजरत निजामुद्दीन इलाके में एक होटल चलाता है. वह अपने दूर के रिश्तेदार शाहबाज की भव्य जीवनशैली से प्रभावित था. शाहबाज का मामा अनवर कमाल, जो दुबई में रहता है, वो भी अवैध हथियारों की तस्करी में है.

अदनान ने अनवर कमाल के साथ मिलकर अवैध हथियारों की तस्करी की साजिश रची. अनवर के रिश्तेदार पाकिस्तान में हैं, जिनकी मदद से वह हवाई रास्ते से नेपाल में हथियारों की डिलीवरी काम करता था. वहीं, अफरोज ने तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की और सिलाई का काम करता है. वह अदनान का बचपन का दोस्त है. पैसे के लिए वह इस गैंग का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो गया.

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