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Chinese Loan App के जरिए चल रहा था उगाही का खेल, 22 राज्यों में छापेमारी, 22 गिरफ्तार - दिल्ली क्राइम न्यूज

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने Chinese Loan App के बड़े मामले का खुलासा करते हुए 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग इस APP के जरिए देशभर के लोगों को ब्लैकमेल कर वसूली करते थे. धोखाधड़ी का ये सारा खेल चीन से चल रहा था.

Chinese Loan App के जरिए चल रहा था उगाही का खेल
Chinese Loan App के जरिए चल रहा था उगाही का खेल
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Published : Aug 21, 2022, 10:05 AM IST

नई दिल्ली: स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (Intelligence Fusion and Strategic Operation) यूनिट की टीम ने चीनी लोन एप (Chinese Loan App) के जरिये देशभर के लोगों को ब्लैकमेल कर वसूली करने वाले गैंग का खुलासा किया है. करीब दो माह चली कार्रवाई के दौरान पुलिस ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि वसूली का खेल चीन से चल रहा है. वहां के कुछ नागरिकों ने इस तरह के 100 से ‌अधिक एप बनाए हुए हैं. इन एप पर तुरंत लोन देने का झांसा दिया जाता है.

लोन के केवाईसी (KNOW YOUR CLIENT) करते समय पीड़ितों से उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट, चैट्स, इमेज समेत अन्य महत्वपूर्ण डाटा का एक्सेस मांगा जाता है. इसकी अनुमति दिए बगैर KYC होता ही नहीं है. महत्वपूर्ण डाटा लेने के बाद उसे चीन या हांगकांग भेज दिया जाता था. वहां से पीड़ितों की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उनको ब्लैकमेल कर वसूली की जाती थी. वहीं इस मामले में डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि गैंग के खातों से पता चला है कि इन लोगों ने पिछले कुछ समय में हवाला और क्रिप्टो करेंसी के जरिये 500 करोड़ से अधिक की रकम चीन भेज दी है. IFSO की टीम पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है.

IFSO यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि पिछले काफी समय से चीनी लोन एप (Chinese Loan App) के जरिये वसूली का धंधा चल रहा था. नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस तरह वसूली की सैकड़ों शिकायतें मौजूद थीं. इन सभी शिकायतों में लोगों ने लिखा था कि उनको बहुत ऊंची ब्याज दरों पर लोन दिया गया. इसके अलावा लोन चुकाने के बाद उनके मोबाइल से फोटो चोरी कर उनको अश्लील बनाकर उससे ब्लैकमेल किया जा रहा था. पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि इस तरह के 100 से अधिक एप गूगल पर मौजूद हैं, जहां थोड़ी से औपचारिताएं पूरी कर लोन देकर अपने जाल में फंसा लिया जाता है.

पुलिस ने एप्लीकेशन कोड, कॉड डिटेल और बैंक खातों की जांच शुरू की. छानबीन में पता चला कि आरोपियों ने दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार समेत दूसरे राज्यों में अपने ठिकाने बनाए हुए हैं. आरोपी इन जगहों पर अपने कॉल सेंटर बनाकर लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे वसूली कर रहे हैं. करीब दो महीने की लंबी जांच पड़ताल और छापेमारी के बाद पुलिस ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया. इनकी पहचान सुप्रीत के शेट्टी, मंगल मोहन, आकाश सनकांबले, निखिल युवराज कदम, नेहा डोंगरे, विजय, शेख अर्फातुद्दीन, नवनीत कुमार भारती, रोहित कुमार, विविध, पुनीत, मनीष, दिव्या, रवि शंकर उर्फ कृष्णा, सुमित, दीप कुमार उर्फ कार्तिक, जितेंद्र, हरप्रीत सिंह, पंकज कुमार, जुहैब हसन, दीपक दूबे और अनिल चाहर के रूप में हुई है.

पुलिस ने इनके पास से 51 मोबाइल फोन, 25 हार्डडिस्क, 9 लैपटॉप, 19 डेबिट कार्ड, तीन कारें और चार लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं. पकड़े गए आरोपियों में सुप्रीत अपने कॉल सेंटर का निदेशक है, मंगल मोहन मैनेजर व बाकी सभी लोग भी कॉल सेंटर में काम करते हैं या उनके खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था. पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है.

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नई दिल्ली: स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (Intelligence Fusion and Strategic Operation) यूनिट की टीम ने चीनी लोन एप (Chinese Loan App) के जरिये देशभर के लोगों को ब्लैकमेल कर वसूली करने वाले गैंग का खुलासा किया है. करीब दो माह चली कार्रवाई के दौरान पुलिस ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि वसूली का खेल चीन से चल रहा है. वहां के कुछ नागरिकों ने इस तरह के 100 से ‌अधिक एप बनाए हुए हैं. इन एप पर तुरंत लोन देने का झांसा दिया जाता है.

लोन के केवाईसी (KNOW YOUR CLIENT) करते समय पीड़ितों से उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट, चैट्स, इमेज समेत अन्य महत्वपूर्ण डाटा का एक्सेस मांगा जाता है. इसकी अनुमति दिए बगैर KYC होता ही नहीं है. महत्वपूर्ण डाटा लेने के बाद उसे चीन या हांगकांग भेज दिया जाता था. वहां से पीड़ितों की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उनको ब्लैकमेल कर वसूली की जाती थी. वहीं इस मामले में डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि गैंग के खातों से पता चला है कि इन लोगों ने पिछले कुछ समय में हवाला और क्रिप्टो करेंसी के जरिये 500 करोड़ से अधिक की रकम चीन भेज दी है. IFSO की टीम पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है.

IFSO यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि पिछले काफी समय से चीनी लोन एप (Chinese Loan App) के जरिये वसूली का धंधा चल रहा था. नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस तरह वसूली की सैकड़ों शिकायतें मौजूद थीं. इन सभी शिकायतों में लोगों ने लिखा था कि उनको बहुत ऊंची ब्याज दरों पर लोन दिया गया. इसके अलावा लोन चुकाने के बाद उनके मोबाइल से फोटो चोरी कर उनको अश्लील बनाकर उससे ब्लैकमेल किया जा रहा था. पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि इस तरह के 100 से अधिक एप गूगल पर मौजूद हैं, जहां थोड़ी से औपचारिताएं पूरी कर लोन देकर अपने जाल में फंसा लिया जाता है.

पुलिस ने एप्लीकेशन कोड, कॉड डिटेल और बैंक खातों की जांच शुरू की. छानबीन में पता चला कि आरोपियों ने दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार समेत दूसरे राज्यों में अपने ठिकाने बनाए हुए हैं. आरोपी इन जगहों पर अपने कॉल सेंटर बनाकर लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे वसूली कर रहे हैं. करीब दो महीने की लंबी जांच पड़ताल और छापेमारी के बाद पुलिस ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया. इनकी पहचान सुप्रीत के शेट्टी, मंगल मोहन, आकाश सनकांबले, निखिल युवराज कदम, नेहा डोंगरे, विजय, शेख अर्फातुद्दीन, नवनीत कुमार भारती, रोहित कुमार, विविध, पुनीत, मनीष, दिव्या, रवि शंकर उर्फ कृष्णा, सुमित, दीप कुमार उर्फ कार्तिक, जितेंद्र, हरप्रीत सिंह, पंकज कुमार, जुहैब हसन, दीपक दूबे और अनिल चाहर के रूप में हुई है.

पुलिस ने इनके पास से 51 मोबाइल फोन, 25 हार्डडिस्क, 9 लैपटॉप, 19 डेबिट कार्ड, तीन कारें और चार लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं. पकड़े गए आरोपियों में सुप्रीत अपने कॉल सेंटर का निदेशक है, मंगल मोहन मैनेजर व बाकी सभी लोग भी कॉल सेंटर में काम करते हैं या उनके खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था. पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है.

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