नई दिल्ली: हरी नगर इलाके में बनी झील पूरी तरह से सूख चुकी है. अब यहां पानी की बजाय दूर-दूर तक सूखा मैदान दिखाई देता है. इस सूखे मैदान में आवारा मवेशी घूमते हैं. बारिश के मौसम को छोड़कर यहां पानी की एक बूंद भी नजर नहीं आती. स्थानीय लोग इस स्थिति के लिए प्रशासन को जिम्मेदार बताते हैं.
हरी नगर दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से इलाके में कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया. जिससे इस इलाके को एक नई पहचान मिली लापरवाही के कारण यहां कई योजनाएं पूरी तरह से दम तोड़ने लगी है.
पिछले एक दशक से किसी भी सरकारी एजेंसी ने इसे हरा-भरा करने की कोई कोशिश नहीं की तिहाड़ जेल के आसपास रहने वाले लोग तो अब ये बात भी बड़ी मुश्किल से मानते हैं. कि यहां कभी झील भी होती थी. और कभी यहां एक दशक पहले नाव चलाई जाती थी.
स्थानीय लोगों की मानें तो जिस वक्त हरी नगर झील पानी से भरी होती थी तब यहां नाव चलाने लोग आते थे. देश-विदेश से पक्षी खुद इस झील में पानी पीने चले आते थे और दूर देशों से लोग इस झील को देखने के लिए यहां आते थे.
झील का नजारा इतना सुंदर था कि इसने पूरे क्षेत्र को अपनी तरफ आकर्षित कर रखा था. और ये हरिनगर की फेमस झील मानी जाती थी पर अब यहां सिर्फ और सिर्फ एक सूखा मैदान है. जहां जानवरों के अलावा कुछ देखने को नहीं मिलता.
बताया जाता है कि 6 एकड़ में झील का हिस्सा है इसके अलावा हरित क्षेत्र का भी विकास किया गया था. अब यहां पर बिखरी गंदगी, पानी का अभाव, आवारा पशु समेत अनेक ऐसी बातें हैं जिन्हें देखकर पर्यटक तो दूर आसपास के रहने वाले लोग भी यहां आने से परहेज करते हैं.
झील के पास अस्पताल, स्कूल सहित अनेक संस्थान है. इनमें उपयोग के बाद के पानी को साफ कर जेल में बहाया जा सकता है और वही लोगों की मांग है कि इस झील में दोबारा से पानी भरा जाए और उन्हें फिर से नौकायान की सुविधा मिले. ताकि देश विदेश से पक्षी झील में आए और पानी पीए. दूर दूराज से लोग इस झील को देखने के लिए दोबारा से आना शुरू करें.