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जामिया में अगले शैक्षणिक सत्र से मल्टीपल एंट्री, एग्जिट विकल्पों के साथ शुरू होंगे चार वर्षीय स्नातक कोर्स - मल्टीपल एग्जिट और एंट्री ऑप्शन

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी अगले सत्र 2024-2025 से यूजी यानी अंडर ग्रेजुएट कोर्स में बदलवा करने जा रही है. बताया जा रहा है कि मल्टीपल एंट्री और एग्जिट विकल्पों के साथ चार साल के स्नातक कोर्स शुरू किया जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 10, 2023, 8:56 PM IST

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से कई मल्टीपल एंट्री और एग्जिट विकल्पों के साथ चार साल के स्नातक कोर्स (एफवाईयूपी) की पेशकश करेगा. स्नातक की डिग्री या तो तीन या चार साल की अवधि की होगी, जिसमें इस अवधि के भीतर कई प्रवेश और निकास विकल्प होंगे. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 का हिस्सा था. अब तक विश्वविद्यालय में वर्तमान स्नातक कार्यक्रम तीन साल की अवधि के हैं.

अधिसूचना के अनुसार, जामिया की कार्यवाहक कुलपति नजमा अख्तर ने अध्यादेश 15बी (अकादमिक) में वांछित बदलावों के लिए विधिवत गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. ताकि मल्टीपल एंट्री पर यूजीसी दिशा-निर्देश और उच्च शिक्षा संस्थानों में पेश किए जाने वाले एग्जिट एकेडमिक प्रोग्राम को विश्वविद्यालय में लागू किया जा सकता है.

संशोधित अध्यादेश के अनुसार, विज्ञान, जीवन विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और भाषा, ललित कला और प्रबंधन अध्ययन संकाय में पेश किए जाने वाले स्नातक डिग्री कार्यक्रमों की अवधि आठ सेमेस्टर यानि चार वर्ष होगी. हालांकि, एक छात्र को अंतराल या अप्राप्य सेमेस्टर या वर्षों सहित सात शैक्षणिक वर्षों (14 सेमेस्टर) की अधिकतम निर्धारित अवधि के भीतर 8-सेमेस्टर कार्यक्रम को पूरा करने की अनुमति दी जाएगी.

यह भी पढ़ेंः बंदी सिंहों की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च, हजारों की संख्या में सिख समुदाय के लोग शामिल

स्नातक स्तर पर कर सकते हैं शोधः मल्टीपल एग्जिट और एंट्री ऑप्शन के तहत अगर छात्र एक साल के बाद एग्जिट करते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा. दो साल के बाद छोड़ने वाले डिप्लोमा के लिए पात्र होंगे और तीन साल के बाद छोड़ने वाले स्नातक की डिग्री के लिए पात्र होंगे. पूरे चार साल के बाद ही छात्र ऑनर्स या रिसर्च के साथ स्नातक की डिग्री के लिए पात्र होंगे.

जो छात्र पहले छह सेमेस्टर में 8.5 और उससे अधिक सीजीपीए प्राप्त करते हैं और स्नातक स्तर पर शोध करना चाहते हैं, वे चौथे वर्ष में एक शोध स्ट्रीम चुन सकते हैं. उन्हें विश्वविद्यालय व कॉलेज के किसी संकाय सदस्य के मार्गदर्शन में एक शोध परियोजना या शोध प्रबंध करना चाहिए. उपलब्ध शैक्षणिक और भौतिक सुविधाओं के आधार पर विश्वविद्यालय प्रथम-डिग्री कार्यक्रम के दूसरे वर्ष, तीसरे वर्ष, चौथे वर्ष में पार्श्व प्रवेशकर्ताओं के लिए सीटें तय कर सकता है.

यह भी पढ़ेंः पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जंतर मंतर पर देशभर से जुटे कर्मचारी, NPS को समाप्त करने की मांग

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि एकाधिक निकास और एकाधिक प्रविष्टियां छात्रों को मास्टर कार्यक्रम के विभिन्न डिजाइनों को अपनाने में सक्षम बनाएंगी. इस महीने की शुरुआत में यूजीसी ने स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचे को अधिसूचित किया, जो छात्रों को प्रवेश और निकास के लिए कई विकल्प, एकल प्रमुख और दोहरे प्रमुख और विषयों के अंतःविषय विकल्पों के बीच एक विकल्प प्रदान करेगा.

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से कई मल्टीपल एंट्री और एग्जिट विकल्पों के साथ चार साल के स्नातक कोर्स (एफवाईयूपी) की पेशकश करेगा. स्नातक की डिग्री या तो तीन या चार साल की अवधि की होगी, जिसमें इस अवधि के भीतर कई प्रवेश और निकास विकल्प होंगे. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 का हिस्सा था. अब तक विश्वविद्यालय में वर्तमान स्नातक कार्यक्रम तीन साल की अवधि के हैं.

अधिसूचना के अनुसार, जामिया की कार्यवाहक कुलपति नजमा अख्तर ने अध्यादेश 15बी (अकादमिक) में वांछित बदलावों के लिए विधिवत गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. ताकि मल्टीपल एंट्री पर यूजीसी दिशा-निर्देश और उच्च शिक्षा संस्थानों में पेश किए जाने वाले एग्जिट एकेडमिक प्रोग्राम को विश्वविद्यालय में लागू किया जा सकता है.

संशोधित अध्यादेश के अनुसार, विज्ञान, जीवन विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और भाषा, ललित कला और प्रबंधन अध्ययन संकाय में पेश किए जाने वाले स्नातक डिग्री कार्यक्रमों की अवधि आठ सेमेस्टर यानि चार वर्ष होगी. हालांकि, एक छात्र को अंतराल या अप्राप्य सेमेस्टर या वर्षों सहित सात शैक्षणिक वर्षों (14 सेमेस्टर) की अधिकतम निर्धारित अवधि के भीतर 8-सेमेस्टर कार्यक्रम को पूरा करने की अनुमति दी जाएगी.

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स्नातक स्तर पर कर सकते हैं शोधः मल्टीपल एग्जिट और एंट्री ऑप्शन के तहत अगर छात्र एक साल के बाद एग्जिट करते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा. दो साल के बाद छोड़ने वाले डिप्लोमा के लिए पात्र होंगे और तीन साल के बाद छोड़ने वाले स्नातक की डिग्री के लिए पात्र होंगे. पूरे चार साल के बाद ही छात्र ऑनर्स या रिसर्च के साथ स्नातक की डिग्री के लिए पात्र होंगे.

जो छात्र पहले छह सेमेस्टर में 8.5 और उससे अधिक सीजीपीए प्राप्त करते हैं और स्नातक स्तर पर शोध करना चाहते हैं, वे चौथे वर्ष में एक शोध स्ट्रीम चुन सकते हैं. उन्हें विश्वविद्यालय व कॉलेज के किसी संकाय सदस्य के मार्गदर्शन में एक शोध परियोजना या शोध प्रबंध करना चाहिए. उपलब्ध शैक्षणिक और भौतिक सुविधाओं के आधार पर विश्वविद्यालय प्रथम-डिग्री कार्यक्रम के दूसरे वर्ष, तीसरे वर्ष, चौथे वर्ष में पार्श्व प्रवेशकर्ताओं के लिए सीटें तय कर सकता है.

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि एकाधिक निकास और एकाधिक प्रविष्टियां छात्रों को मास्टर कार्यक्रम के विभिन्न डिजाइनों को अपनाने में सक्षम बनाएंगी. इस महीने की शुरुआत में यूजीसी ने स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचे को अधिसूचित किया, जो छात्रों को प्रवेश और निकास के लिए कई विकल्प, एकल प्रमुख और दोहरे प्रमुख और विषयों के अंतःविषय विकल्पों के बीच एक विकल्प प्रदान करेगा.

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