नई दिल्ली: टैक्स चोरी के करने के लिए नोटबंदी के दौरान फर्जी फर्म खोलकर पांच करोड़ से अधिक काले धन को सफेद करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडबल्यू) ने एक चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की शिनाख्त हरियाणा के कैथल निवासी सीए विजय गोयल (33), कैथल के जयदीप (30) और कैथल के ही कारोबारी कमल शोरेवाला (48) के तौर पर हुई है.
ज्वाइंट कमिश्नर छाया शर्मा के अनुसार नोएडा निवासी पंकज बत्रा ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया कि किसी दयाशंकर नाम के शख्स ने वैट डिपार्टमेंट से 2014 में मैसर्स जय महालक्ष्मी प्रोडक्ट्स के नाम पर टिन नंबर हासिल किया. इसके लिए शिकायतकर्ता पंकज का पैन कार्ड और वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया. इसका रजिस्टर्ड कार्यालय मोती नगर के सुदर्शन पार्क में दर्शाया गया.
इन दस्तावेजों के आधार पर आरोपितों ने कैथल स्थित केनरा बैंक के ब्रांच में खाता भी खोला है. इस गोरखधंधे की जानकारी शिकायतकर्ता को दिसंबर 2017 में हुई, जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटबंदी के दौरान 5 करोड़ 25 लाख 47 हजार 500 रुपये जमा करने का नोटिस आया. अदालत के आदेश पर 2019 में ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया गया.
जांच के दौरान फर्म का सुदर्शन पार्क वाला पता और प्रबंधक दया शंकर का टैगोर गार्डन का पता फर्जी निकला. पुलिस ने केनरा बैंक में खोले खाते को खंगाला. इससे पता चला कि आरोपित विजय गोयल और जयदीप फर्जी खाता खोलने में प्रस्तावक थे. आरोपी जयदीप ने बैंक से चेक बुक भी हासिल की थी. इस खाते से कई बार पैसे निकाले भी गए थे.
आरोपी विजय गोयल भी फर्जी फर्म के खाते में आए पैसे में हिस्सेदार था. इनकी निशानदेही पर कमल शोरेवाला को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि टैक्स की चोरी करने के लिए फर्जी फर्म खोली गई थी.
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