नई दिल्ली: अनलॉक होते ही ड्रग तस्कर दिल्ली में सक्रिय होने लगे हैं. द्वारका जिला के एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम ने ऐसे ही एक ड्रग तस्करी के बड़े मामले का खुलासा करते हुए 90 किलो गांजे की बरामदगी की है. इस मामले में तीन गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया है.
नजफगढ़ जानी थी गांजे की खेप
एडिशनल डीसीपी शंकर चौधरी के अनुसार गांजे की खेप को नज़फगढ़ के धर्मपुरा में रहने वाले एक शख्स ने प्लानिंग करके मंगवाया था, लेकिन इसकी भनक एंटी नारकोटिक्स सेल के टीम को लग गई. एसीपी ऑपरेशन विजय सिंह यादव की देखरेख में सीनियर इंस्पेक्टर राम किशन, इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, सब इंस्पेक्टर विकास यादव, लेडी सब इंस्पेक्टर सरोज, एएसआई रणधीर और करतार आदि की टीम ने फिर गांजा तस्करों के बारे में पता लगाया.
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उड़ीसा से मंगवाया गया था गांजा
टीम ने लोकेशन ट्रैक किया और फिर छावला इलाके के रेवला खानपुर के पास ट्रैप लगाकर पकड़ लिया. पुलिस टीम ने कार में से नारायण सिंह उर्फ मोनू, सोनू चौहान और संजय सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार यह तीनों उत्तर प्रदेश के कासगंज के रहने वाले हैं. पुलिस ने तस्करी में इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ी को भी जब्तकर लिया है. इस मामले में अब आगे की कार्रवाई करते हुए उसका पता लगा रही है, जिसने इस गांजे की खेप को उड़ीसा से मंगवाया था.
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बोनट और दरवाजे में छुपाकर 132 पैकेट गांजा
जिस गाड़ी में गांजा की खेप लायी गयी थी, उसे पुलिस से छुपाने के लिए बेहतर इंतजाम किया गया था. तस्करों ने 500 ग्राम और 1 किलो के अलग-अलग 132 पैकेट में पैक करके 90 किलो गांजा को रखा था. पुलिस से बचने के लिए वैगन आर कार के बोनट और दरवाजों के अंदर बड़ी ही चालाकी से छुपाया गया था. जिससे एक बार में कुछ पता ही न चल सके. लेकिन पुलिस की सटीक जानकारी ने तस्करों के पोल को खोल दिया.