नई दिल्ली : छोटे-छोटे नन्हे बच्चे खेलते-खेलते गुम हो जाते हैं, फिर घर पहुंचने की कोशिश में भटक कर दूसरी जगह निकल जाते हैं. बच्चों की गुमशुदगी के ज्यादातर मामलों में यही सामने आ रहा है. इसमें पुलिस को मिलती है लोकल वाट्सऐप ग्रुप और अनाउंसमेंट से मदद.
द्वारका जिला पुलिस ने जून महीने में चलाए गए स्पेशल ड्राइव में 30 दिन के अंदर 46 बच्चों को ढूंढकर उनके परिवार तक पहुंचाया है, जिनमें से 35 लड़कियां शामिल हैं, जबकि 11 लड़के शामिल हैं.
टेक्निकल सर्विलांस और एनजीओ की मदद ली
डीसीपी संतोष मीणा (Dwarka DCP) ने बताया कि गुम होने की सूचना मिलने पर संबंधित थाने की पुलिस टीम पीए सिस्टम से अनाउंसमेंट कराने के साथ-साथ एनजीओ की भी मदद लेती है. टेक्निकल सर्विलांस के साथ-साथ और भी उन तमाम पहलुओं पर काम करती है, जिससे कि गुम हुए बच्चों को आसानी से ढूंढा जा सके.
ये भी पढ़ें-लापता 4 नाबालिग बच्चों को ढूंढ मेट्रो पुलिस ने किया बरामद
इसमें लोकल पुलिस द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप भी कारगर साबित होता है. जिससे गुम हुए बच्चों के बारे में जल्दी से जल्दी ज्यादा जानकारी शेयर की जाती है. कई बार हुआ है कि उसी जानकारी को फैलने से कुछ देर में पता चलता है कि गुम हुआ बच्चा उस पार्क में देखा गया और पुलिस तुरन्त उसे तलाश लेती है.
ये भी पढ़ें-दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल शमशेर सिंह ने 45 गुम हुए बच्चों को सिर्फ 4 महीने में ढूंढ निकाला
इसी का परिणाम रहा कि जून महीने में 46 बच्चों को ढूंढने में द्वारका जिला के अलग-अलग थानों की पुलिस टीम कामयाब रही। डीसीपी ने कहा यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
ये भी पढ़ें-Dwarka Police: स्पेशल ड्राइव के अंर्तगत 31 लापता नाबालिग बरामद