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अधर में सुल्तानपुरी फ्लाईओवर प्रोजेक्ट, एक दशक से ज्यादा बीतने के बाद भी नहीं पूरा हुआ काम

राजधानी दिल्ली में सरकारी परियोजना का हाल बुरा है. दिल्ली के सुल्तानपुरी फ्लाईओवर प्रोजेक्ट का कार्य अधर में लटका हुआ है. दस साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी सुल्तानपुरी प्लाईओवर प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति यह हो गई है कि लोगों के लिए एक वरदान की तरह काम करने वाला पुल आज लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. इसके कारण आसपास के लोगों की दुकानदारी ठप हो चुकी है.

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Published : Jul 1, 2022, 7:32 AM IST

SULTANPURI FLYOVER PROJECT
SULTANPURI FLYOVER PROJECT

नई दिल्ली: दिल्ली में सरकारी परियोजनाओं का हाल अकसर ऐसा रहता है कि कोई भी परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है. जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को ही भुगतना पड़ता है. कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली के सुल्तानपुरी और नांगलोई को जोड़ने वाले पुल के निर्माण कार्य का भी देखने को मिल रहा है. सुल्तानपुरी और इसके आस-पास के जुड़े इलाके की जनता को पिछले एक दशक से इस फ्लाईओवर के बनने का इंतजार है, लेकिन यही परियोजना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है.

दरअसल इस परियोजना को कांग्रेस के शासनकाल में मंजूरी दी गई थी. उसके बाद कैलेंडर बदला, दिल्ली में कई बार चुनाव हुए, यहां तक कि दिल्ली की सरकार बदली लेकिन अगर नहीं बदली तो यहां की तस्वीर. करीब एक दशक से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन इस पुल का निर्माण आज तक अधर में लटका हुआ है. ये शायद सरकारी तंत्र की कार्यशैली के ढुलमुल रवैये का ही परिणाम है कि लोगों का इंतजार समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है. आलम यह हो गया है कि स्थानीय लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं.

अधर में सुल्तानपुरी फ्लाईओवर प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि इस परियोजना से न केवल सुल्तानपुरी से नांगलोई के बीच का रास्ता आसान हो जाएगा, बल्कि इससे आसपास के लोगों को भी काफी सुविधा मिलेगी. आपको बता दें कि अभी महिलाओं, बुजुर्गो और बच्चों को पढ़ने के लिए रेलवे लाइन पार करके गुजरना पड़ता है, जिस कारण कई बार लोगों को हादसे का डर बना रहता है. स्थानीय लोगों और मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि करीब 2010 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन आज तक यह पुल बन कर तैयार नहीं हो पाया है, जिसके कारण यहां राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नतीजतन जिस पुल को लोग वरदान मानकर चल रहे थे, आज वही पुल लोगों के लिए अभिशाप की तरह बन गया है. लोगों की मानें तो आज तक वे समझ नहीं पाए हैं कि आखिरकार किन कारणों से यह विकास कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ.

ऐसे में अब स्थानीय लोगों की शासन और प्रशासन से ये मांग है कि लोगों की सहूलियत को देखते हुए शुरू किए गए इस फ्लाईओवर के परियोजना का जल्द से जल्द निर्माण कराया जाए ताकि लोगों को होने वाली परेशानियों का सामना ना करना पड़े. बहरहाल शासन से लेकर प्रशासन तक इस मुद्दे पर सब मौन है जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि स्थानीय लोगों की इस समस्या का समाधान कब तक निकलता है और कब तक यह फ्लाईओवर बन कर तैयार होता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में सरकारी परियोजनाओं का हाल अकसर ऐसा रहता है कि कोई भी परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है. जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को ही भुगतना पड़ता है. कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली के सुल्तानपुरी और नांगलोई को जोड़ने वाले पुल के निर्माण कार्य का भी देखने को मिल रहा है. सुल्तानपुरी और इसके आस-पास के जुड़े इलाके की जनता को पिछले एक दशक से इस फ्लाईओवर के बनने का इंतजार है, लेकिन यही परियोजना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है.

दरअसल इस परियोजना को कांग्रेस के शासनकाल में मंजूरी दी गई थी. उसके बाद कैलेंडर बदला, दिल्ली में कई बार चुनाव हुए, यहां तक कि दिल्ली की सरकार बदली लेकिन अगर नहीं बदली तो यहां की तस्वीर. करीब एक दशक से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन इस पुल का निर्माण आज तक अधर में लटका हुआ है. ये शायद सरकारी तंत्र की कार्यशैली के ढुलमुल रवैये का ही परिणाम है कि लोगों का इंतजार समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है. आलम यह हो गया है कि स्थानीय लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं.

अधर में सुल्तानपुरी फ्लाईओवर प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि इस परियोजना से न केवल सुल्तानपुरी से नांगलोई के बीच का रास्ता आसान हो जाएगा, बल्कि इससे आसपास के लोगों को भी काफी सुविधा मिलेगी. आपको बता दें कि अभी महिलाओं, बुजुर्गो और बच्चों को पढ़ने के लिए रेलवे लाइन पार करके गुजरना पड़ता है, जिस कारण कई बार लोगों को हादसे का डर बना रहता है. स्थानीय लोगों और मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि करीब 2010 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन आज तक यह पुल बन कर तैयार नहीं हो पाया है, जिसके कारण यहां राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नतीजतन जिस पुल को लोग वरदान मानकर चल रहे थे, आज वही पुल लोगों के लिए अभिशाप की तरह बन गया है. लोगों की मानें तो आज तक वे समझ नहीं पाए हैं कि आखिरकार किन कारणों से यह विकास कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ.

ऐसे में अब स्थानीय लोगों की शासन और प्रशासन से ये मांग है कि लोगों की सहूलियत को देखते हुए शुरू किए गए इस फ्लाईओवर के परियोजना का जल्द से जल्द निर्माण कराया जाए ताकि लोगों को होने वाली परेशानियों का सामना ना करना पड़े. बहरहाल शासन से लेकर प्रशासन तक इस मुद्दे पर सब मौन है जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि स्थानीय लोगों की इस समस्या का समाधान कब तक निकलता है और कब तक यह फ्लाईओवर बन कर तैयार होता है.

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