नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन तलाश के नाम से चल रहे स्पेशल अभियान के तहत गुमशुदा लोगों की तलाश करती है. पिछले साल नवंबर में शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब तक लगभग 500 लोगों को ढूंढकर उनके परिवार वालों से मिला चुकी है. डीसीपी नॉर्थ सागर सिंह कलसी ने बताया कि सब इंस्पेक्टर विनोद वालिया की देखरेख में जिला लेवल पर अलग से टीम बनाई गई है. पहले 4 टीम काम कर रही थी, बाद में हमने 7 टीमें तैयार कर दी. एक नवंबर 2021 को ऑपरेशन तलाश अभियान की शुरुआत की थी और अब तक लगभग 500 बूढ़े, बच्चे, महिलाएं, लड़कियां सबको टीम ढूंढ चुकी है.
डीसीपी ने बताया कि इसके लिए हमारी टीम दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के साथ-साथ आसाम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, वेस्ट बंगाल और कर्नाटका तक जाकर गुमशुदा को ढूंढकर दिल्ली ला चुकी है. फिर उनके परिवार वालों तक पहुंचा चुकी है. हमारा यह अभियान आगे भी जारी है.
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पिता की कोविड से मौत, घर से निकल गया था बेटा
टीम की शुरुआत छावला इलाके से लापता 15 साल के एक नाबालिग लड़के के लापता होने की जांच से शुरू हुई थी. 10वीं का छात्र साइकिल से बिना बताए घर से निकल गया था. उसने मोबाइल और लैपटॉप घर पर ही छोड़ दिया था. उसके पिता की कोरोना में डैथ हो गई थी, जिसके बाद वह इस तरह की कदम उठाया.
जब इसकी जानकारी ऑपरेशन तलाश की टीम को मिली, तो टीम ने उसके मोबाइल और लैपटॉप की जांच की. पता चला कि वो अध्यातम की तरफ जाता दिख रहा है. पुलिस टीम सीसीटीवी की जांच करती हुई बाड़ा हिन्दू राव इलाके तक पहुंची, यहां से हरिद्वार तक गई. वहां फुटेज मिला और आखिरकार डोर टू डोर वेरिफिकेशन करने पर एक चाय वाले से पता चला कि वह लड़का सुबह नाश्ता करके यहां से आगे गया है. पुलिस उसे वहीं आगे जाकर उसे ढूंढ लिया. पता चला कि वह केदारनाथ जाने वाला था, जिसे पुलिस टीम ने सावधानी से काउंसलिंग करके वापस लाकर उसके घर वालों को सुपर्द कर दिया.
दिल्ली पुलिस ने इस अभियान के तहत 200 के आसपास नाबालिग और करीब 300 के आसपास बड़े बुजुर्गों को ढूंढ चुकी है. इनमें 300 के आसपास महिलाएं-लड़कियां शामिल हैं, जिनका पता पुलिस लगा चुकी है.
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