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Crime in Delhi: फर्जी डिग्री बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऑफिस से किया 3 आरोपियों को गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने फर्जीवाड़ा करने वाली एक गैंग का पर्दाफाश किया है. गैंग के मुख्य सदस्य के साथ दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. यह गैंग फर्जी डिग्री बेचने का काम करता है. देश की अलग-अलग विवि से यह गिरोह डिग्री दिलवाता है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2023, 8:50 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने फर्जी डिग्री बेचनेवाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. यह गैंग फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने का धंधा करता है. यह गैंग देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी से बैक डेट में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनवाकर भी स्टूडेंट्स को दे रहे थे. इसके बदले गैंग स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूलते थे. घर बैठे यह गैंग एमबीए, एमटेक, एमसीए और बीटेक की डिग्रियां मोटी रकम लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के यूनिवर्सिटी द्वारा दिलवाता है.

दो आरोपी गिरफ्तार: क्राइम ब्रांच टीम को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर बाहरी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में छापा मारकर कंसलटेंसी कंपनी की आड़ में यह धंधा करने वाले मुख्य आरोपी सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविन्द्र सिंह यादव ने बताया की क्राइम ब्रांच की वेस्टर्न रेंज-2 की टीम को गुरुवार को इस गैंग के बारे में सूचना मिली थी. कलिका एजुकेशन कंसल्टेंसी के नाम से पश्चिम विहार में पिछले कई वर्षों से स्टूडेंट्स से मोटी रकम लेकर उन्हें अलग-अलग यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनवाकर दी जा रही है.

डीसीपी सतीश कुमार की देखरेख में एसीपी यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर विनय कुमार की पुलिस टीम ने इलाके में जाकर ट्रैप लगाया. कंधे पर बैग टांगे हुए एक शख्स जैसे ही बिल्डिंग से नीचे उतरा. उसकी पुष्टि होते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पूछताछ में उसकी पहचान शिव शंकर के रूप में हुई, उसके बैग से कई फ़र्ज़ी डिग्री और मार्कशीट के अलावा डिग्री की फोटोकॉपी भी बरामद हुई. डीसीपी ने कहा कि मामले में अभी और कई गिरफ्तारियां होनी बाकी है, जिनमें अलग-अलग यूनिवर्सिटीज़ के स्टाफ मेंबर भी हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Robbery in Rajouri: राजौरी गार्डन में सरेराह लूट, घटना CCTV फुटेज आया सामने

पुलिस कर रही है जांच: पुलिस टीम उसे उसके ऑफिस में ले गई. जहां पुलिस को सुनील मिश्रा नाम का सख्स मिला जो शिव शंकर का सहयोगी था. उन्होंने पूछताछ में कहा कि शंकर उन्हें स्टूडेंट्स के नंबर देता था. उन्हें कॉल करके डिग्री और मार्कशीट दिलवाने की ऑफर देते थे. पुलिस का कहना है कि शंकर की कई कोचिंग सेंटर, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटी के स्टाफ से मिली भगत है. आरोपियों से पूछताछ जारी है.

ये भी पढ़ें: ATM Machine Theft: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम उखाड़ कर ले गए बदमाश, मशीन में करीब एक लाख से अधिक रुपये थे

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने फर्जी डिग्री बेचनेवाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. यह गैंग फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने का धंधा करता है. यह गैंग देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी से बैक डेट में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनवाकर भी स्टूडेंट्स को दे रहे थे. इसके बदले गैंग स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूलते थे. घर बैठे यह गैंग एमबीए, एमटेक, एमसीए और बीटेक की डिग्रियां मोटी रकम लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के यूनिवर्सिटी द्वारा दिलवाता है.

दो आरोपी गिरफ्तार: क्राइम ब्रांच टीम को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर बाहरी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में छापा मारकर कंसलटेंसी कंपनी की आड़ में यह धंधा करने वाले मुख्य आरोपी सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविन्द्र सिंह यादव ने बताया की क्राइम ब्रांच की वेस्टर्न रेंज-2 की टीम को गुरुवार को इस गैंग के बारे में सूचना मिली थी. कलिका एजुकेशन कंसल्टेंसी के नाम से पश्चिम विहार में पिछले कई वर्षों से स्टूडेंट्स से मोटी रकम लेकर उन्हें अलग-अलग यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनवाकर दी जा रही है.

डीसीपी सतीश कुमार की देखरेख में एसीपी यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर विनय कुमार की पुलिस टीम ने इलाके में जाकर ट्रैप लगाया. कंधे पर बैग टांगे हुए एक शख्स जैसे ही बिल्डिंग से नीचे उतरा. उसकी पुष्टि होते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पूछताछ में उसकी पहचान शिव शंकर के रूप में हुई, उसके बैग से कई फ़र्ज़ी डिग्री और मार्कशीट के अलावा डिग्री की फोटोकॉपी भी बरामद हुई. डीसीपी ने कहा कि मामले में अभी और कई गिरफ्तारियां होनी बाकी है, जिनमें अलग-अलग यूनिवर्सिटीज़ के स्टाफ मेंबर भी हो सकते हैं.

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पुलिस कर रही है जांच: पुलिस टीम उसे उसके ऑफिस में ले गई. जहां पुलिस को सुनील मिश्रा नाम का सख्स मिला जो शिव शंकर का सहयोगी था. उन्होंने पूछताछ में कहा कि शंकर उन्हें स्टूडेंट्स के नंबर देता था. उन्हें कॉल करके डिग्री और मार्कशीट दिलवाने की ऑफर देते थे. पुलिस का कहना है कि शंकर की कई कोचिंग सेंटर, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटी के स्टाफ से मिली भगत है. आरोपियों से पूछताछ जारी है.

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