नई दिल्ली : नई दिल्ली : द्वारका जिले के मोहन गार्डन थाना क्षेत्र के रामा पार्क के वर्मा चौक के पास बुधवार को 12 वीं की नाबालिग छात्रा पर एसिड अटैक (acid attack on girl student) हुआ था. इस मामले के तीन आरोपियों को पुलिस ने कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन इस घटना को लेकर खास तौर पर युवतियों में काफी नाराजगी है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने द्वारका स्थित वेगास मॉल आईं कुछ युवतियों से जब बातचीत की तो वे काफी रोष में नजर आईं.
माता-पिता की भी गलती :उन्होंने बताया कि एक तरफ तो लोग बोलते हैं, 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' और दूसरी तरफ बेटियों के साथ कभी दरिंदगी तो कभी एसिड अटैक जैसी वारदातों को सरेआम अंजाम दिया जाता है. लड़कियों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि इसमें गलती सिर्फ उन लड़कों की नहीं, बल्कि उनके माता-पिता की भी होती है, जो उन्हें अच्छे संस्कार नहीं दे पाते हैं. उन्हें मां-बेटियों की इज्जत करना नहीं सीखा पाते हैं.
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लाइसेंस रहने पर ही बेचें एसिड : भारत ऐसा देश है, जहां नारी की पूजा होती है. अगर इंसान अपने बच्चों को यह सिखाएं कि वह लड़कियों की इज्जत करें तो शायद यह दुखद घटना हो ही ना! लेकिन फिर भी हर तीसरे दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. इस पर सरकार को भी सख्त एक्शन लेना चाहिए, जिससे कोई भी इस तरह की हरकत करने से डरे. सबसे पहले तो एसिड पर बैन लगाना चाहिए. खुलेआम ऐसे एसिड बेचने वालों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए और अगर कोई एसिड खरीदना है तो उसको लाइसेंस के साथ खरीदने का आर्डर भी देना चाहिए. जिससे कि जरूरत पड़ने पर पर ही, कोई एसिड खरीद सके और उसका दुरुपयोग ना हो.
कड़ी से कड़ी सजा मिले : उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों को ऐसी सजा दी जाए, जिससे लोगों को सबक मिले और कोई भी ऐसा करने से पहले हजार बार सोचे. क्योंकि यह अटैक सिर्फ एक लड़की का चेहरा नहीं खराब करता है, बल्कि उसका पूरा मनोबल तोड़ देता है, उसकी पूरी की पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
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