नई दिल्ली: आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक ऐसे मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है जो जीएमआर की फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं को नौकरी देने के लालच में ठगी करता था. यह अब तक नौकरी का झांसा देकर 1500 लोगों को ठग चुका था. इसकी पहचान राजेंद्र मलिक के रूप में हुई है.
उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया आरोपी
डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि जीएमआर एयरपोर्ट के चीफ लीगल ऑफिसर टी.वी गणेशन द्वारा मामला दर्ज करवाया गया था. जिसमें उन्होंने बताया कि कुछ लोग जीएमआर की फर्जी वेबसाइट बनाकर उस पर नौकरी देने के लिए एडवर्टाइजमेंट डाल रहे हैं. इसके बाद ट्रांसपोर्ट रेंज के ज्वाइंट सीपी अतुल कटियार की देखरेख में इंस्पेक्टर अजय कुमार की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की और आरोपी को उड़ीसा से गिरफ्तार कर लिया गया. इसके पास से एटीएम स्वाइप मशीन, लैपटॉप, वाईफाई डिवाइस, प्रिंटर, 18 सिम कार्ड, दो मोबाइल फोन, 11 एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया गया.
जॉब के लिए देते थे विज्ञापन, पेटीएम से लेते थे कमीशन
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह भुवनेश्वर में अपने साथी दीपक के साथ मिलकर अकाउंटिंग इंस्टीट्यूट चलाता था जिसके बाद वह प्रमोद कुमार साहू नाम के व्यक्ति के संपर्क में आया और फिर वेब डिजाइनिंग का कोर्स किया. दोनों ने मिलकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का प्लान बनाया और जीएमआर की एक फर्जी वेबसाइट बना डाली. जिस पर वह जॉब के लिए विज्ञापन डाल कर उन लोगों से पेटीएम के माध्यम से एक-एक हजार रुपए लेते थे, जिन्हे नौकरी की आवश्यकता होती थी.
आरोपी के पास फर्जी डॉक्यूमेंट, कई बैंक अकाउंट
इसके साथ ही दोनों आरोपियों के पास फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ कई बैंक अकाउंट भी थे, जिसमें यह पेटीएम बिजनेस अकाउंट से लिए गए रूपयो को ट्रांसफर करते थे. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि अब तक वह पंद्रह सौ लोगों से 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर चुका है.