नई दिल्ली/नोएडा: थाना जारचा स्थित एनटीपीसी के गेट पर सैकड़ों की तादाद में महिलाएं धरने पर बैठ गई. महिलाओं की गिरफ्तारी का विरोध को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. दरसअल एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के ग्रामीणों के ने मंगलवार को प्रदर्शन किया. इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं इसमें शामिल रही. उन्होंने एक रैली निकालकर रोड को जाम कर दिया. इसके बाद पुलिस ने 42 नामजद सहित दो सौ से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
बुधवार को पुलिस ने प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के घर पर दबिश दी और उनकी गिरफ्तारी शुरू कर दी. इस दौरान महिला ग्राम प्रधान को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसकी सूचना मिलते ही अन्य गांवो की महिलाएं भी विरोध में आ गई. सभी ने एनटीपीसी के गेट पर पहुंचकर जमकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान महिलाओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की.
धरना प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि 1986 में एनटीपीसी ने उनके 24 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. लेकिन उस दौरान मुआवजा बांटने में अनियमितताएं बरती गई थी. सभी को एक समान मुआवजा नहीं दिया गया था. साथ ही एनटीपीसी से प्रभावित गांवों में विकास की जिम्मेदारी एनटीपीसी की हैं लेकिन उसमें भी लापरवाही बरती जा रही है. ये लोग रोजगार की मांग भी कर रहें हैं. इन्ही मांगो को लेकर इन लोगों का लंबे समय से धरना प्रदर्शन चल रहा है. मंगलवार को इसी को लेकर उन्होंने रोड को जाम किया था.
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बुधवार शाम को सैकड़ों की तादाद में महिलाएं और गांव के ग्रामीण भी एनटीपीसी के गेट पर इकट्ठा होना शुरू हो गए. उन्होंने जमकर धरना प्रदर्शन किया. भीड़ को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है.
गौरतलब है कि इन लोगों ने 31 अक्टूबर को एनटीपीसी के गेट पर एक महापंचायत का आव्हान किया है और कहा है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो यह गेट पर तालाबंदी करेंगे. फिलहाल यह लोग महिलाओं की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं और जल्द से जल्द महिलाओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं.
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