नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Election 2022) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को अपनी तरफ लुभाने में जुटी है. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम दिल्ली के अलग-अलग वार्ड की वार्ड स्कैन कर वहां के मुद्दों, समस्याओं और बीते 5 सालों में निगम के द्वारा किए गए विकास कार्यों पर स्थानीय लोगों से बात की. आज ईटीवी भारत की टीम दिल्ली के 171 चितरंजन पार्क वार्ड के बारे में बता रहे हैं.
चितरंजन पार्क वार्ड दिल्ली के प्रसिद्ध वार्डो में से एक है. इस सीट पर बीते नगर निगम चुनाव में भाजपा की विजयी हुई थी. यहां से निगम पार्षद सुभाष भराना बने थे, जो नगर निगम के चेयरमैन के साथ ही डिप्टी मेयर भी रहे. इस बार भाजपा ने चितरंजन पार्क महिला सीट होने पर सुभाष भड़ाना की बेटी कंचन भराना चौधरी को मौका दिया हैं.
चौधरी ने बताया कि भाजपा ने हमें चितरंजन पार्क वार्ड का उम्मीदवार बनाया है. मैं जनता के बीच जा रही हूं. जनता का हमें समर्थन मिल रहा है. क्योंकि मेरे पिताजी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई विकास कार्य चितरंजन पार्क वार्ड में किए हैं.
वहीं, निवर्तमान निगम पार्षद सुभाष भड़ाना ने बताया कि बीते 5 साल में मैंने अपने कार्यकाल के दौरान चितरंजन पार्क वार्ड में रिकॉर्ड काम किया है. कोरोना काल में मैं हमेशा जनता के बीच रहा. जबकि चुनाव में जनता के बीच आने वाले अन्य पार्टियों के नेता अपना फोन बंद कर घरों में छुप गए थे. कोरोना के कारण मेरी पत्नी का भी स्वर्गवास हो गया था. उसके बावजूद भी हम डरे नहीं और लोगों की सेवा करते रहे.
वहीं, कांग्रेस की उम्मीदवार भावना गुप्ता ने बताया कि चितरंजन पार्क वार्ड में कोई विकास के कार्य नहीं हुए हैं. सड़कों का बुरा हाल है. हर जगह कूड़ा पड़ा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जितना विकास क्षेत्र में होना चाहिए उतना नहीं हुआ है. क्षेत्र में साफ-सफाई और करने की जरूरत है. कुछ लोगों ने माना कि बीजेपी ने काम किया है, लेकिन जितना काम होना चाहिए उतना नहीं हुआ है.
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बता दें, दिल्ली में नगर निगम चुनाव 4 दिसंबर को होना है. इसको लेकर प्रत्याशी चुनाव प्रचार में लगे हैं. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है. लेकिन कई सीटों पर कांग्रेस और निर्दलीयों के द्वारा भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया जा रहा है. चितरंजन पार्क वार्ड की बात करें तो यह कांग्रेस का गढ़ रहा है. यहां 15 साल तक कांग्रेस के निगम पार्षद चुने जीते थे. लेकिन बीते चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष भड़ाना पार्षद बने थे. इस बार मुकाबला कांग्रेश आप और भाजपा के बीच है.
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