नई दिल्ली: विजेंद्र गुप्ता ने दक्षिणी दिल्ली इलाके में मिले दो सौ मतदाता पहचान पत्र मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने इस बाबत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है.
आरोप के जांच की मांग की
विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को एक पत्र लिखा और मांग की कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राघव चड्ढा ने इन मतदाता पहचान पत्र को लेकर जो आरोप लगाए हैं, इसकी भी जांच की जाए.
विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि ये वही वोटर आई कार्ड है जिन्हें आम आदमी पार्टी कैंप में पंजीकृत करवाया गया था. नेता विपक्ष ने चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि वो सुनिश्चित करें कि मामले से जुड़े सभी तथ्यों की 48 घंटे में गहन जांच पूरी कर रिपोर्ट आ जाए ताकि जल्द से जल्द सच्चाई सामने हो.
दिल्ली सरकार ने बरती कोताही!
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया दिल्ली सरकार इस मामले में खुद ही दोषी प्रतीत होती है. निर्वाचन अधिकारी मतदाता पहचान पत्र तैयार कर दिल्ली सरकार से सब डिवीजन मजिस्ट्रेट को सौंप देते हैं ताकि इन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जा सके. इस वितरण कार्य में वे बूथ लेवल अधिकारी की मदद लेते हैं. निर्वाचन अधिकारी की जांच में ये भी पता लगेगा कि क्या इस सारे मामले में दिल्ली सरकार ने कोई कोताही बरती है या नहीं?
आप ने दिल्ली को गुमराह किया
नेता विपक्ष ने कहा कि इस बात की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि सारा मामला आम आदमी पार्टी द्वारा पूर्व नियोजित किया गया हो. उन्होंने कुछ दिन पूर्व वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम गायब होने का नाटक किया था. कॉल सेंटरों के माध्यम से दिल्लीवासियों को गलत जानकारी देकर उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया था.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा विगत 4 वर्षों में 30 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने के आरोप लगाए थे, जिसका विधानसभा में पर्दाफाश हो गया.