नई दिल्ली/नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण सेक्टर 37 में 100 एकड़ क्षेत्रफल में टॉय पार्क क्लस्टर का निर्माण कर रहा है. टॉय पार्क क्लस्टर में 5 एकड़ क्षेत्रफल कॉमन फैसिलिटी सेंटर के निर्माण के लिए बनाया गया है. टॉय पार्क क्लस्टर के निर्माण से करीब 1100 करोड़ रुपए का निवेश तथा 6000 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे.
100 एकड़ में टॉय पार्क क्लस्टर का निर्माण शुरू: यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 33 में 100 एकड़ में टॉय पार्क क्लस्टर का निर्माण शुरू हो चुका है. प्राधिकरण ने इस क्लस्टर में विभिन्न श्रेणी के 155 भूखंडों की योजनाएं निकाली है, जिनमें से 134 आवंटियों को आवंटन पत्र जारी किए जा चुके. इसमें से 4000 वर्ग मीटर के 132 तथा 4000 वर्ग मीटर के दो आवंटन है. टॉय क्लस्टर तैयार हो जाने से भारत के टॉय इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पूरी दुनिया में खिलौनों की बढ़ती मांग को देखते हुए उसकी पूर्ति की जा सके. भारत की अर्थव्यवस्था में टॉय इंडस्ट्री महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
बनाये जायेंगे इस प्रकार के खिलौने: टॉय क्लस्टर में सॉफ्ट टॉयज, इलेक्ट्रॉनिक टॉयज, लकड़ी के खिलौने, राइड ऑन टॉयज, प्लेग्राउंड इक्विपमेंट टॉयज, बोर्ड गेम्स और प्लास्टिक टॉयज सहित अन्य कई प्रकार के टॉय का निर्माण किया जाएगा. प्राधिकरण ने टॉय क्लस्टर में कॉमन फैसिलिटी के लिए भी अलग से जगह बनाई है. प्राधिकरण द्वारा इस सेक्टर में विकास कार्य किए जा रहे हैं जिनमें मुख्यत रोड, सीवरेज, इलेक्ट्रिक लाइन और पानी आदि की व्यवस्थाएं की जा चुकी है.
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विश्व का सबसे बड़ा टॉय एक्सपोर्टर बनेगा भारत: यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि टॉय पार्क के आवंटन को सरकार व प्राधिकरण की तरफ से हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया गया है. यह टॉय पार्क प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया मिशन में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा. टॉय पार्क से भारत की खिलौना मार्केट चीन को पछाड़कर विश्व पटल पर अपनी बादशाहत कायम करने की दिशा में आगे बढ़ेगी.
टॉय क्लस्टर में होंगी सभी तरह की सुविधएं: यहां पर उद्यमियों को सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन व्यवस्था की जाएगी. बिजली, पानी और सड़क कनेक्टिविटी की सुविधा इस कलेक्टर में उपलब्ध रहेगी. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाले टॉय पार्क कलस्टर में भी फ्लैट्टेड फैक्ट्री का निर्माण किया जाएगा, जिससे टॉय उद्योग की सपोर्ट इंडस्ट्री को स्थान उपलब्ध हो सके.
देश में बनने वाले खिलौने लगभग 50 अन्य देशों में भेजे जाते हैं. विदेशों में भारतीय खिलौने की मांग लगातार बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में टॉय पार्क कलेक्टर बन जाने से यहां पर आवंटित को सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. जिससे यहां पर अधिक से अधिक खिलौनों का निर्माण किया जा सकेगा और भारत की अर्थव्यवस्था में यह इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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