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No more silence बन रहा महिलाओं का साथी, दी जा रही सेनेटरी नैपकिन की जानकारी

द रूद्र सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से ये मुहिम 24 जून को शुरू की गई. जिसका नाम रखा गया 'नो मोर साइलेंस'. इस कार्यक्रम में संस्था की संस्थापक कुमारी श्वेता शाही और उनके सहयोगी सुमन सुजाता अंतरा रोहित मौजूद रहे.

ताकि हर महीने हर महिला रहे स्वस्थ
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Published : Jun 25, 2019, 8:53 PM IST

नई दिल्ली: बदरपुर इलाके के सुभाष कैंप में एक निजी संस्था ने महिलाओं को महामारी और सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही स्लम में रहने वाले महिलाओं को सेनेटरी पैड्स बांटे गए. ये कार्यक्रम द रूद्र सोशल वेलफेयर सोयायटी के जरिए आयोजित किया गया था.

द रूद्र सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से ये मुहिम 24 जून को शुरू की गई. जिसका नाम रखा गया 'नो मोर साइलेंस'. इस कार्यक्रम में संस्था की संस्थापक कुमारी श्वेता शाही और उनके सहयोगी सुमन सुजाता अंतरा रोहित मौजूद रहे.

महिलाओं को दी जा रही सेनेटरी नैपकिन से जुड़ी जानकारी

इस मुहिम के तहत गरीब तबके की महिलाओं जो खासकर स्लम एरिया में रहती हैं, उन्हें संस्था की ओर से महामारी के बारे में जागरूक किया गया. साथ ही उन्हें सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई. खास बात ये है कि संस्था की ओर से मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन वितरित की जा रही है. संस्था की ओर से कार्यक्रम आयोजित करने वाले वॉलेन्टियर्स का कहना है कि दिल्ली के दूर दराज के इलाकों तक महिलाओं को जागरूक किया जाएगा ताकि वो महामारी में गंदे कपड़े और साफ सफाई न होने की वजह से होने वाली बीमारियों से बच सके.

बताया जाता है कि डब्ल्यूएचओ के 2012 के एक सर्वे के अनुसार भारत में 82 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं. अगर इस सर्वे की मानें तो यह काफी चिंताजनक स्थिति है इसी को ध्यान में रखते हुए ये संस्था इस मुहिम में लगी हुई है और महिलाओं को जागरूक कर रही है.इस संस्था की मुहिम काबिले तारीफ है क्योंकि जागरूकता और जानकारी की कमी के कारण खासकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं आज भी सेनेटरी पैड जो की बहुत जरूरी है उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही.

वहीं शहरी इलाकों में रहने वाली महिलाएं महामारी के दौरान कई बीमारियों का शिकार होती हैं, अगर ऐसे ही महिलाओं को जागरूक किया जाएगा तो उन्हें महामारी के दौरान होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है.

नई दिल्ली: बदरपुर इलाके के सुभाष कैंप में एक निजी संस्था ने महिलाओं को महामारी और सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही स्लम में रहने वाले महिलाओं को सेनेटरी पैड्स बांटे गए. ये कार्यक्रम द रूद्र सोशल वेलफेयर सोयायटी के जरिए आयोजित किया गया था.

द रूद्र सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से ये मुहिम 24 जून को शुरू की गई. जिसका नाम रखा गया 'नो मोर साइलेंस'. इस कार्यक्रम में संस्था की संस्थापक कुमारी श्वेता शाही और उनके सहयोगी सुमन सुजाता अंतरा रोहित मौजूद रहे.

महिलाओं को दी जा रही सेनेटरी नैपकिन से जुड़ी जानकारी

इस मुहिम के तहत गरीब तबके की महिलाओं जो खासकर स्लम एरिया में रहती हैं, उन्हें संस्था की ओर से महामारी के बारे में जागरूक किया गया. साथ ही उन्हें सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई. खास बात ये है कि संस्था की ओर से मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन वितरित की जा रही है. संस्था की ओर से कार्यक्रम आयोजित करने वाले वॉलेन्टियर्स का कहना है कि दिल्ली के दूर दराज के इलाकों तक महिलाओं को जागरूक किया जाएगा ताकि वो महामारी में गंदे कपड़े और साफ सफाई न होने की वजह से होने वाली बीमारियों से बच सके.

बताया जाता है कि डब्ल्यूएचओ के 2012 के एक सर्वे के अनुसार भारत में 82 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं. अगर इस सर्वे की मानें तो यह काफी चिंताजनक स्थिति है इसी को ध्यान में रखते हुए ये संस्था इस मुहिम में लगी हुई है और महिलाओं को जागरूक कर रही है.इस संस्था की मुहिम काबिले तारीफ है क्योंकि जागरूकता और जानकारी की कमी के कारण खासकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं आज भी सेनेटरी पैड जो की बहुत जरूरी है उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही.

वहीं शहरी इलाकों में रहने वाली महिलाएं महामारी के दौरान कई बीमारियों का शिकार होती हैं, अगर ऐसे ही महिलाओं को जागरूक किया जाएगा तो उन्हें महामारी के दौरान होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है.

Intro:डेडलाइन - साउथ ईस्ट दिल्ली (बदरपुर )

दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र के सुभाष कैंप में एक निजी संस्था के द्वारा सलाम में रहने वाली गरीब महिलाओं को महामारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया और उनको इसके लाभों के बारे में भी बताया गया साथ ही इस दौरान महिलाओं को महामारी के दौरान गंदे कपड़े और कई चीजों से बचने की सलाह दी गई और साथ ही कई अहम जानकारियां इस दौरान महिलाओं को दी गई और साथ ही गरीब महिलाओं को मुफ्त सैनेट्री नैपकिन भी वितरित किए गए


Body:द रूद्र सोशल वेलफेयर सोसायटी की श्के द्वारा एक मुहिम 24 जून से शुरू किया गया जिसका नाम "नो मोर साइलेंस" दिया गया इस दौरान संस्था की संस्थापक कुमारी श्वेता शाही एवं उनके सहयोगी सुमन सुजाता अंतरा रोहित मौजूद रहे

इस मुहिम के तहत गरीब तबके की महिलाओं जो खासकर सलाम इलाकों में रहती हैं वहां पर जाकर इस संस्था के लोग महिलाओं को महामारी के दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए तमाम बातों की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं और उनको कई चीजों के लिए जागरूक कर रहे हैं साथ ही उनको महामारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन इस्तेमाल करने की भी सलाह दे रहे हैं और साथ ही मुफ्त सेनेटरी पैड का भी वितरण महिलाओं का वितरण भी किया गया यह सिलसिला चलता रहेगा और अलग-अलग इलाकों में जाकर महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करेंगे और उनको मुफ्त का वितरण भी किया जाएगा इस मुहिम का मुख्य देश महिलाओं को महामारी के विषय में जानकारी देना एवं उसने ट्री नैपकिन प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना है जिससे वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सके और अनेकों बीमारियों से स्वयं को सुरक्षित रख सके ।

बताया जाता है कि डब्ल्यूएचओ के 2012 के एक सर्वे के अनुसार भारत में 82 प्रतिशत महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं अगर इस सर्वे की मानें तो यह काफी चिंताजनक स्थिति है इसी को ध्यान में रखते हुए यह संस्था इस काम में लगी है और महिलाओं को जागरूक कर रही हैं ।

बाइट- कुमारी श्वेता शाही (संस्था संचालिका )


Conclusion:इस संस्था की मुहिम काबिले तारीफ है क्योंकि जागरूकता और जानकारी की कमी के कारण खासकर गरीब और ग्रामीण और शहरों के सलम क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं महामारी के दौरान कई बीमारियों की शिकार होती हैं और कईयों को तो इन बीमारियों के कारण मौत के मुंह तक भी जाना पड़ता है अगर इस दिशा में इन को जागरूक करने का काम कोई करता है तो यह काफी महत्वपूर्ण है और ऐसी मुहिम चलाए जाने चाहिए ।
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