नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से गिरफ्तार किया गया आतंकी अब्दुल माजिद बाबा गिरफ्तारी से बचने के लिए पीओके भागने की फिराक में था, जिसके लिए जैश के आतंकी उसकी मदद कर रहे थे. हालांकि उसके भागने से पहले ही स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
विस्फोटक सामग्री हुई थी बरामद
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि साल 2007 में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग से जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों बशीर अहमद, फैयाज अहमद लोन और अब्दुल माजिद बाबा को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. इनके पास से काफी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी. साथ ही एक पाकिस्तानी आतंकी शाहिद गफूर को भी स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने HC में की थी अपील
इन आरोपियों ने खुलासा किया था कि वो पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर दिल्ली में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने आए थे. साल 2013 में निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी आतंकी शाहिद गफूर को सजा सुना दी जबकि पकड़े गए तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया. इस आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील की थी.
हाईकोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
इस मामले की सुनवाई के दौरान साल 2014 में हाईकोर्ट ने बरी किये गए तीनों लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. सजा की घोषणा होने के बाद से तीनों आतंकी फरार चल रहे थे. हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया और पुलिस ने दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया. जिसके बाद से स्पेशल सेल की टीम इन तीनों आतंकियों की तलाश कर रही थी. बीते 25 मार्च को पुलिस इनमें से फैयाज अहमद लोन को श्रीनगर से गिरफ्तार करने में कामयाब रही थी. वहीं दोनों अन्य दोषियों की तलाश लगातार चल रही थी.
लगातार बदल रहा था अपना ठिकाना
स्पेशल सेल ने सेना एवं कश्मीर पुलिस की मदद से कई बार अब्दुल माजिद को पकड़ने के लिए छापा मारा, लेकिन वो भागने में कामयाब रहा. फैयाज अहमद की गिरफ्तारी के बाद से वो लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था. इस दौरान स्पेशल सेल को पता चला कि वो पाक अधिकृत कश्मीर में भागने वाला है. हाल ही में पुलिस को पता चला कि वह सौरा स्थित एक अस्पताल में आएगा. यहां पुलिस टीम ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसे ट्रांजिट रिमांड पर स्पेशल सेल दिल्ली ले आई है जहां उससे पूछताछ की जा रही है.
फल कारोबारी से बन बैठा आतंकी
गिरफ्तार किया गया अब्दुल माजिद बाबा जम्मू कश्मीर के सोपोर का रहने वाला है. साल 1978 से वो फल का कारोबार करता था. सोपोर में उसके सेब के बागान भी थे. साल 2007 में अपने पड़ोसी यूसुफ के साथ मिलकर वो आतंक के रास्ते पर चल पड़ा और अपने साथी फैयाज और बशीर के साथ पाकिस्तानी आतंकी गफूर को हथियार और विस्फोटक देने के लिए दिल्ली आया, जहां पुलिस ने उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.