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परीक्षा होते तो और भी बेहतर हो सकते थे नतीजे, फिर भी खूश हूं: स्टूडेंट

CBSE ने शुक्रवार को 12 वीं की रिजल्ट जारी कर दिया है. रिजल्ट आने के बाद एक ओर जहां छात्र खुश हैं तो वहीं कुछ क्षात्रों में असंतोष की भी भावना है. उनका मानना है कि अगर परीक्षा हुए होते तो नतीजे और भी बेहतर हो सकते थे.

रिजल्ट आने के बाद मिठाई खिलाते परिजन
रिजल्ट आने के बाद मिठाई खिलाते परिजन
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Published : Jul 30, 2021, 8:00 PM IST

नई दिल्ली: CBSE ने 12वीं बोर्ड परीक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है. परिणाम पर छात्रों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. छात्रों का कहना है कि CBSE अगर परीक्षा लेती तो परिणाम ज्यादा बेहतर होते. छात्रों ने कहा कि उन्होंने 11वीं कक्षा की तुलना में 12वीं में अच्छी तैयारी की थी, लेकिन CBSE के मूल्यांकन नीति की वजह से उनके मार्क्स कम आए हैं.

छात्रा मनस्वई भारद्वाज का कहना है इस बार के एग्जाम में उनके 92 फीसद नंबर आए हैं. अगर एग्जाम होते तो लगभग 95 फीसदी अंक आते. मूल्यांकन नीति के चलते उन्हें 92 फ़ीसदी पर ही संतोष करना पड़ा. हालांकि, CBSE ने अभी कहा है कि वे लोग आगे फॉर्म भरके एग्जाम दे सकते हैं. छात्रों का कहना है कि स्कूल बंद होने के बाद भी उन्होंने घर पर बोर्ड परीक्षा की तैयारी जारी रखी.

रिजल्ट आने के बाद मिठाई खिलाते परिजन

उन्हें फैमिली का भी सपोर्ट मिला. इसके बाद जब सरकार ने ऑनलाइन क्लासेस का फैसला लिया तो छात्रों ने उसके माध्यम से भी पढ़ाई की ताकि 12वीं में अच्छे मार्क्स ला सकें. लेकिन CBSE ने नए फॉर्मूले के जरिए रिजल्ट तैयार किया है. इस वजह से उनके कम मार्क्स आए हैं. छात्रों का कहना है कि अगर बोर्ड परीक्षा लेता तो रिजल्ट और बेहतर रहता.

छात्र मयूर सिवास का कहना है 12वीं के एग्जाम में उनके 92 फ़ीसदी अंक आए हैं और वे खुश हैं. हालांकि, उन्हें भी उम्मीद थी कि अगर एग्जाम होते तो उन्हें और ज्यादा नंबर मिलते. सिवास का कहना है कि वे आगे इंजीनियर बनना चाहते हैं.

इसे भी पढ़ें: CBSE Result 2021: स्टूडेंट्स बोले- परीक्षा होती तो और बेहतर मार्क्स आते

इसे भी पढ़ें: ट्विटर पर ट्रेंड हुआ CBSE 12th RESULT, फिल्मी मीम्स की आई बाढ़

नई दिल्ली: CBSE ने 12वीं बोर्ड परीक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है. परिणाम पर छात्रों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. छात्रों का कहना है कि CBSE अगर परीक्षा लेती तो परिणाम ज्यादा बेहतर होते. छात्रों ने कहा कि उन्होंने 11वीं कक्षा की तुलना में 12वीं में अच्छी तैयारी की थी, लेकिन CBSE के मूल्यांकन नीति की वजह से उनके मार्क्स कम आए हैं.

छात्रा मनस्वई भारद्वाज का कहना है इस बार के एग्जाम में उनके 92 फीसद नंबर आए हैं. अगर एग्जाम होते तो लगभग 95 फीसदी अंक आते. मूल्यांकन नीति के चलते उन्हें 92 फ़ीसदी पर ही संतोष करना पड़ा. हालांकि, CBSE ने अभी कहा है कि वे लोग आगे फॉर्म भरके एग्जाम दे सकते हैं. छात्रों का कहना है कि स्कूल बंद होने के बाद भी उन्होंने घर पर बोर्ड परीक्षा की तैयारी जारी रखी.

रिजल्ट आने के बाद मिठाई खिलाते परिजन

उन्हें फैमिली का भी सपोर्ट मिला. इसके बाद जब सरकार ने ऑनलाइन क्लासेस का फैसला लिया तो छात्रों ने उसके माध्यम से भी पढ़ाई की ताकि 12वीं में अच्छे मार्क्स ला सकें. लेकिन CBSE ने नए फॉर्मूले के जरिए रिजल्ट तैयार किया है. इस वजह से उनके कम मार्क्स आए हैं. छात्रों का कहना है कि अगर बोर्ड परीक्षा लेता तो रिजल्ट और बेहतर रहता.

छात्र मयूर सिवास का कहना है 12वीं के एग्जाम में उनके 92 फ़ीसदी अंक आए हैं और वे खुश हैं. हालांकि, उन्हें भी उम्मीद थी कि अगर एग्जाम होते तो उन्हें और ज्यादा नंबर मिलते. सिवास का कहना है कि वे आगे इंजीनियर बनना चाहते हैं.

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