नई दिल्ली:दिल्ली के सैकड़ों साल पुराने चिराग दिल्ली गांव के छह घरों के डी मर्केशन के लिए नोटिस दिया गया है. इससे गांव के लाेग चिंतित हैं. उनका मानना है कि अगर डी मर्केशन शुरू हुआ तो फिर पूरे गांव का होगा. कइयों के पास अपने पुश्तैनी घर का कोई रजिस्ट्री नहीं मिलेगा और ना ही उनके पास जमीन का कोई दस्तावेज होगा, क्योंकि पैतृक संपत्ति है. इसका खामियाजा उनको भुगतना होगा. इसको लेकर आंदोलन चलाने की बात कर रहे हैं.
लोगों ने बताया कि सैकड़ों साल से हम और हमारे पूर्वज इस गांव में रहते आ रहे हैं, कभी ऐसी समस्या नहीं हुई. वहीं स्थानीय बीजेपी नेता व पूर्व निगम पार्षद राकेश गुलिया ने बताया कि चिराग दिल्ली गांव वर्षों पुराना है. यहां लोग भाई चारे के साथ रहते आ रहे हैं. लेकिन अब यहां राजनीतिक द्वेष के चलते विधायक ने डी मार्केशन का नोटिस कुछ घरों को दिलवा रहे हैं. अगर एक बार डी मर्केशन शुरू हुआ तो सभी घरों का होगा.
चूंकी चिराग दिल्ली एक गांव है, कोई अलॉटमेंट नहीं है लोगों को उनके पुरखों से घर और जमीन मिली है. उनके पास कोई रजिस्ट्री नहीं है. जो छोटे-छोटे घर वाले हैं वह टैक्स भी नहीं भरते हैं तो उनके पास अपने घर और जमीन का कोई दस्तावेज नहीं होगा. जब डी मर्केशन होगा तो उनसे दस्तावेज मांगा जाएगा और वे दस्तावेज नहीं दिखाएंगे तो उनको अपनी संपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है. घरों के टूटने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा.