नई दिल्लीः मिशन तालीम के पदाधिकारियों ने दिल्ली सरकार सहित निजी स्कूलों पर कई आरोप लगाए हैं. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने में संस्था द्वारा मदद की जाती है.
मिशन तालीम के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष एकरामुल हक ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत निजी स्कूलों में पहला ड्रॉ निकाला गया. इसके बावजूद हजारों बच्चों का अभी तक दाखिला नहीं हो सका. इससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है.
एकरामुल हक का आरोप है कि जब अभिभावक संबंधित स्कूल में अपने बच्चे के दाखिले के लिए पहुंचते हैं, स्कूल प्रबंधक उन्हें भगा देते हैं. स्कूल प्रबंधक द्वारा यहां तक कहा जाता है कि क्या हमने कोई धर्मशाला खोल रखा है. इससे अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है.
1700 स्कूलों में 48000 बच्चों का होना है दाखिला
एकरामुल हक ने बताया कि दिल्ली में करीब 1700 निजी स्कूल हैं. जहां ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में दाखिले के लिए लगभग डेढ़ लाख अभिभावकों ने आवेदन किए थे. दिल्ली सरकार ने इन आवेदनों की जांच पड़ताल के बाद 28 फरवरी को पहली कट ऑफ लिस्ट जारी की. इसमें करीब 17 सौ स्कूलों के लिए लगभग 48000 बच्चों का नाम आया.
लिस्ट आने के बाद अभिभावकों को मैसेज कर बताया गया कि वह 30 मार्च तक संबंधित स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाएं. एकरामुल हक ने कहा कि 28 फरवरी से अभिभावक अपने संबंधित स्कूलों में दौड़ रहे हैं. लेकिन स्कूलों द्वारा उनके बच्चों का दाखिला नहीं दिया गया.
कोरोना की वजह से दाखिला प्रक्रिया में और देरी
उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो गई. ऐसे में स्कूलों में बच्चों की दाखिला प्रक्रिया थम गई. उन्होंने आरोप लगाया ति मौजूदा हालात यह है कि सभी स्कूलों में पैसे लेकर दाखिले की प्रक्रिया तो चल रही. लेकिन ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत बच्चों का दाखिला नहीं लिया जा रहा.
दिल्ली सरकार से की गई ये मांग
एकरामुल हक ने बताया कि उन्होंने दिल्ली सरकार से मांग की है कि वह मामले को संज्ञान में लें. सरकार सभी स्कूलों को आदेश दें कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत नामित बच्चों का दाखिला सभी स्कूल जल्द से जल्द करें. साथ ही ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिला ले चुके बच्चों को किताब मुहैया कराएं. जिससे मौजूदा समय में घर पर उनकी पढ़ाई सुनिश्चित हो सके.