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दीपावली की आधी रात को हुई मां काली की पूजा

दिल्ली के कई जगहों पर बंगाली कम्युनिटी ने दिवाली की आधी रात को काली पूजा का आयोजन किया. परंपरा के अनुसार दीपावली के दिन आधी रात को माता काली की पूजा अर्चना की जाती है और अगले दिन माता के प्रतिमा का विसर्जन होता है. इस वर्ष ग्रहण लगने के कारण मंगलवार को माता का विसर्जन नहीं होगा. यह विसर्जन बुधवार को किया जाएगा.

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Published : Oct 25, 2022, 4:49 PM IST

नई दिल्ली: बीते 2 साल कोरोना वायरस की वजह से लोग मन मुताबिक पर्व और त्योहार नहीं मना पाए थे. इस बार स्थिति सामान्य है तो हर्षोल्लास के साथ सभी पर्व त्योहार मनाया जा रहा है. इस कड़ी में दीपावली का त्योहार देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है. वहीं, इसी दिन बंगाली कम्युनिटी आधी रात को काली पूजा करती है और मां काली की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा करती है. आयोजन दिल्ली में भी कई जगह पर होता है और यह इस वर्ष भी किया गया है.

गोविंदपुरी इलाके में दीपावली के दिन काली पूजा हुई और यहां मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई. काली पूजा के आयोजक सुजीत जाना ने बताया कि परंपरा के अनुसार दीपावली के दिन आधी रात को माता काली की पूजा की जाती है. पूजा रात करीब 12 बजे से शुरू होती है और 2 बजे तक चलती है. उसके बाद प्रसाद का वितरण होता है.

बंगाली परंपरा के अनुसार दीपावली की आधी रात को की गई मां काली की पूजा

वहीं, कई भक्त व्रत रखते हैं, जो आधी रात को पूजा के बाद अपना व्रत तोड़ते हैं. अगले दिन सिंदूर खेला कर माता को विदाई दी जाती है और फिर माता के प्रतिमा का विसर्जन होता है. इस वर्ष ग्रहण लगने के कारण मंगलवार को माता का विसर्जन नहीं होगा. यह विसर्जन बुधवार को किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें: देशभर में धूमधाम से मनाई गई दीपावली, पश्चिम बंगाल में काली पूजा की धूम

बता दें, बंगाल में दीपावली के दिन हर्षोल्लास के साथ बड़े पैमाने पर काली पूजा होती है. वहीं, बंगाल के अलावा अलग-अलग राज्यों में जहां बंगाली कम्युनिटी के लोग रहते हैं, वहां पर काली पूजा दीपावली के दिन होती है. इसी कड़ी में दिल्ली में भी जहां बंगाली समाज के लोग रहते हैं, वहां काली पूजा होती है. दिल्ली के गोविंदपुरी, सीआर पार्क इत्यादि इलाकों में दीपावली के दिन काली पूजा हुई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया.

बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने दीवाली पर दी मिठाईयां और शुभकामनाएं

भारत-बांग्लादेश सीमा पर जवानों ने बांग्लादेश के जवानों के साथ दिवाली पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया. दिल्ली मुख्यालय से बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि दोनों बॉर्डर गार्डिंग फोर्स में सामंजस्य और सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. दोनों सीमा रक्षक बलों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान सद्भावना के रूप में आता है और सच्ची सहकारिता को दर्शाता है.

यह सौहार्दपूर्ण संबंधों को बनाने और मजबूत करने में भी मदद प्रदान करता है. दोनों देशों के त्योहारों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान कर सौहार्दता का रिश्ता कायम करने के लिए दोनों सुरक्षा बलों के बीच लंबे समय से परंपरा रही है. दिवाली पर बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बांग्लादेश के जवानों के साथ शुभकामनाएं और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया.

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नई दिल्ली: बीते 2 साल कोरोना वायरस की वजह से लोग मन मुताबिक पर्व और त्योहार नहीं मना पाए थे. इस बार स्थिति सामान्य है तो हर्षोल्लास के साथ सभी पर्व त्योहार मनाया जा रहा है. इस कड़ी में दीपावली का त्योहार देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है. वहीं, इसी दिन बंगाली कम्युनिटी आधी रात को काली पूजा करती है और मां काली की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा करती है. आयोजन दिल्ली में भी कई जगह पर होता है और यह इस वर्ष भी किया गया है.

गोविंदपुरी इलाके में दीपावली के दिन काली पूजा हुई और यहां मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई. काली पूजा के आयोजक सुजीत जाना ने बताया कि परंपरा के अनुसार दीपावली के दिन आधी रात को माता काली की पूजा की जाती है. पूजा रात करीब 12 बजे से शुरू होती है और 2 बजे तक चलती है. उसके बाद प्रसाद का वितरण होता है.

बंगाली परंपरा के अनुसार दीपावली की आधी रात को की गई मां काली की पूजा

वहीं, कई भक्त व्रत रखते हैं, जो आधी रात को पूजा के बाद अपना व्रत तोड़ते हैं. अगले दिन सिंदूर खेला कर माता को विदाई दी जाती है और फिर माता के प्रतिमा का विसर्जन होता है. इस वर्ष ग्रहण लगने के कारण मंगलवार को माता का विसर्जन नहीं होगा. यह विसर्जन बुधवार को किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें: देशभर में धूमधाम से मनाई गई दीपावली, पश्चिम बंगाल में काली पूजा की धूम

बता दें, बंगाल में दीपावली के दिन हर्षोल्लास के साथ बड़े पैमाने पर काली पूजा होती है. वहीं, बंगाल के अलावा अलग-अलग राज्यों में जहां बंगाली कम्युनिटी के लोग रहते हैं, वहां पर काली पूजा दीपावली के दिन होती है. इसी कड़ी में दिल्ली में भी जहां बंगाली समाज के लोग रहते हैं, वहां काली पूजा होती है. दिल्ली के गोविंदपुरी, सीआर पार्क इत्यादि इलाकों में दीपावली के दिन काली पूजा हुई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया.

बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने दीवाली पर दी मिठाईयां और शुभकामनाएं

भारत-बांग्लादेश सीमा पर जवानों ने बांग्लादेश के जवानों के साथ दिवाली पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया. दिल्ली मुख्यालय से बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि दोनों बॉर्डर गार्डिंग फोर्स में सामंजस्य और सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. दोनों सीमा रक्षक बलों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान सद्भावना के रूप में आता है और सच्ची सहकारिता को दर्शाता है.

यह सौहार्दपूर्ण संबंधों को बनाने और मजबूत करने में भी मदद प्रदान करता है. दोनों देशों के त्योहारों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान कर सौहार्दता का रिश्ता कायम करने के लिए दोनों सुरक्षा बलों के बीच लंबे समय से परंपरा रही है. दिवाली पर बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बांग्लादेश के जवानों के साथ शुभकामनाएं और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया.

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