नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि अनुसंधान परिषद ने गुरुवार को किसानों की आय में बढ़ोतरी हेतु अभिनव प्रौद्योगिकियां विषयक एक दिवसीय कार्यशाला को संपन्न किया. आयोजित कार्यशाला में मुख्य रूप से अभिनव तकनीक के बारे में बातें की गई, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के स्टार्टअप्स और प्रतिष्ठित कॉलेज के लोग शामिल हुए.
ग्रेटर नोएडा के लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (Lloyd institute of engineering and technology) के निदेशक प्रोफेसर डॉ. राजीव अग्रवाल के नेतृत्व में लॉयड कॉलेज ने कृषि उपयोगी ड्रोन (agriculture utility drone) का प्रदर्शन किया. प्रोफेसर डॉ. राजीव अग्रवाल और प्रोफेसर मनीष सारस्वत ने संस्थान के विकसित कृषि उपयोगी ड्रोन का प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि संबंधित ड्रोन 10 लीटर कृषि रसायन सॉल्यूशन को लेकर छिड़काव करने में सक्षम है, तथा एक उड़ान में 12 मिनट तक निर्बाध छिड़काव कर सकता है.
उन्होंने बताया कि इस ड्रोन की कीमत तीन लाख रुपये है. कृषि सचिव अनुराग यादव ने मशीन के प्रमाणीकरण तथा रेगुलेटरी मैकेनिज्म को संदर्भित करने का सुझाव दिया. प्रोफेसर राजीव अग्रवाल ने बताया कि हम नियमित रूप से प्रयास कर रहे हैं कि कृषि उपयोगी ड्रोन की कीमत कैसे कम की जा सकती है. हम यह भी प्रयास कर रहे हैं कि जो किसान तकनीकी शिक्षा से वंचित हैं, उन्हें सरल तरीके से ड्रोन के उपयोग के बारे में बताया जा सके.
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प्रोफेसर राजीव अग्रवाल ने बताया कि आज के जरूरतों के अनुसार तकनी की मदद से ही किसानों की आय बढ़ाना संभव है. हमने इस बात को ध्यान में रखते हुए लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में लॉयड स्किल सेंटर की स्थापना की है. लॉयड स्किल सेंटर में आज की जरूरत क्या है उसके अनुसार हमारे कॉलेज में छात्र और शिक्षक मिलकर काम करते हैं. लॉयड ग्रुप के अध्यक्ष मनोहर थहरानी ने कहा कि अभिनव तकनीक के लिए जितने भी आवश्यक सुविधाएं हैं, हम सभी सुविधाओं को अपने इंजीनियरिंग कॉलेज में उपलब्ध करवाएंगे, ताकि आज के जरूरत के हिसाब से अभिनव तकनीक का विकास हो.
लॉयड स्किल सेंटर प्रमुख प्रोफेसर मनीष सारस्वत ने बताया कि आने वाले समय में ग्रेटर नोएडा और पश्चिमी यूपी के किसानों के साथ जमीनी स्तर पर ड्रोन का उपयोग आरंभ करेंगे.
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