नई दिल्ली: राजधानी के जीवन नगर में सुप्रीम कोर्ट के नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यहां सरकारी एमसीडी के स्कूल के बगल निजी मॉल में खुलेआम शराब परोसी जा रही है. जिसका विरोध करने के लिए स्थानीय लोग इकट्ठा हुए और लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते कई सालों से निजी मॉल के अंदर शराब बेचा जा रहा है, ऐसे में शराबी सड़क पर घूमते रहते हैं, जिससे पढ़ने वाले बच्चों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है.
सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी गाइडलाइन जारी किया है कि स्कूल के बगल में कोई भी व्यक्ति शराब नहीं बेच सकेगा, लेकिन यहां स्कूल से सटे दीवार में बनाए गए मॉल के अंदर शराब बेचा जा रहा है. जिसके खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है. लोगों का कहना है कि प्रशासन तुरंत इस पर कार्रवाई करते हुए शराब के ठेकों को बंद कर दें. लेकिन इस ठेके को यहां से हटाने के लिए पुलिस, जिला प्रशासन व आबकारी विभाग ने अभी तक कोई कदम नही उठाया है. नियमों के अनुसार मंदिर, स्कूल व शिक्षण संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद, शराब आदि बेचने पर पाबंदी होती है.
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बीजेपी ने सरकार पर उठाए सवाल
बीजेपी नेता शौकी कर्दम के मुताबिक दिल्ली सरकार को सिर्फ पैसों से मतलब है. उन्होंने शराब पीने की उम्र घटाकर 21 साल कर दी है. लोगों में काफी आक्रोश है, उनकी एक ही मांग है कि शराब के ठेके को जल्द से जल्द बंद किया जाए. वहीं आरटीआई कार्यकर्ता लक्ष्मी नारायण का कहना है कि उन्होंने इसके बारे में कई बार RTI लगा ली लेकिन प्रशासन कोई भी जवाब देने के लिए तैयार नहीं है.