नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं इसी बीच जामिया हमदर्द के छात्रों ने इस कानून के खिलाफ बुधवार को तिरंगा यात्रा निकाली. इस दौरान छात्रों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि सरकार को अपना ये संविधान विरोधी काला कानून वापस लेना ही पड़ेगा.
'एक दिन न्यायालय से हमें इंसाफ मिलेगा'
बता दें कि तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में जामिया हमदर्द के छात्रों के साथ शिक्षक भी शामिल हुए. वहीं प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों का कहना है कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान विरोधी कानून लेकर आए हैं. लेकिन हमें उम्मीद है कि एक दिन न्यायालय से हमें इंसाफ मिलेगा. साथ ही इन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें भारत के संविधान पर पूरा विश्वास है कि जल्द ही हम लोगों को इंसाफ मिलेगा.
'हम सभी को भारत के संविधान पर पूरा विश्वास है'
प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र मोहम्मद अख्तर ने बताया हमें उम्मीद थी कि कोर्ट आज इस मामले पर फैसला सुनाएगा. लेकिन फैसले के बाद अभी भी उम्मीद है कि अगली सुनवाई में हमें इंसाफ मिलेगा. उन्होंने कहा कि हम सभी को भारत के संविधान पर पूरा विश्वास है पर इस मौजूदा सरकार पर विश्वास नहीं है क्योंकि वे आए दिन कोई ना कोई ऐसा नियम बना रही है जिसकी वजह से आमजन को सड़कों पर उतारना पड़ रहा है.
'पुलिस छात्रों पर कार्रवाई करने से पहले एक बार जरूर सोचेगी'
वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र शाहरुख चौधरी ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया, एएमयू और जेएनयू में जिस तरह से पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता की उस पर पूर्ण कार्रवाई की गई थी. उसकी हम निंदा करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में पुलिस छात्रों पर कार्रवाई करने से पहले एक बार जरूर सोचेगी.