ETV Bharat / state

तीन दिवसीय इंडिया फाउंड्री कांग्रेस और IFEX 2023 का शुभारंभ, देश में बढ़ती कास्टिंग की वस्तुओं का होगा प्रदर्शन

author img

By

Published : Feb 8, 2023, 10:34 PM IST

Updated : Feb 9, 2023, 8:27 AM IST

71वीं इंडिया फाउंड्री कांग्रेस (IFC) और इंडिया फाउंड्री इक्विपमेंट एग्जिबिशन (IFEX 2023) का बुधवार को शुभारंभ हो गया है. यह आयोजन 8 फरवरी से 10 फरवरी 2023 तक चलेगा, जिसमें 12 हजार से अधिक बिजनेस विजिटर्स, विशेषज्ञ, पेशेवर, इंजीनियर शामिल हो रहे हैं.

तीन दिवसीय इंडिया फाउंड्री कांग्रेस और IFEX 2023 का सुभारंभ
तीन दिवसीय इंडिया फाउंड्री कांग्रेस और IFEX 2023 का सुभारंभ
तीन दिवसीय इंडिया फाउंड्री कांग्रेस और IFEX 2023 का सुभारंभ

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपोमार्ट में बुधवार को सबसे बड़ी फाउंड्री प्रदर्शनी और सम्मेलन का आयोजन शुरू हो गया है. यह आयोजन 8 फरवरी से 10 फरवरी 2023 तक चलेगा, जिसे इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन (IIF) द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस 71वीं इंडिया फाउंड्री कांग्रेस (IFC) और इंडिया फाउंड्री इक्विपमेंट एग्जिबिशन (IFEX 2023) में 12,000 से अधिक बिजनेस विजिटर्स, विशेषज्ञ, पेशेवर, इंजीनियर शामिल हो रहे हैं. इसमें नई तकनीक, नए ट्रेंड और उद्योगों के अन्य घटकों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ आने वाली नई चुनौतियों और अवसरों पर विचार विमर्श किया जाएगा, जो 2021-22 में 3.5 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात के साथ देश में लगभग 20 बिलियन अमरीकी डॉलर आंका गया है. आईआईएफ-आयोजक के अनुसार- तीन दिवसीय आयोजन के दौरान बिजनेस मीट में 10 लाख टन से अधिक कास्टिंग खरीद-बिक्री सौदों के होने की उम्मीद है.

बुधवार को इस मेगा इवेंट का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि स्वराज डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट-मैन्युफैक्चरिंग संजीव आनंद महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि सरकार का फोकस 'मेक इन इंडिया' और जीडीपी को आगे ले जाने पर है. इस प्रदर्शनी में कास्टिंग से बनने वाली धातु का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही कास्टिंग के उत्पादन फैक्ट्री वाले अनेक धातुएं पीतल तांबा एलमुनियम उन सब धातुओं की विशेषताओं के साथ प्रदर्शन किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में छोटे कामगार भी हिस्सा ले रहे हैं देश में कास्टिंग से बनने वाले पार्ट्स को प्रदर्शित किया जाएगा. हमारे जीवन में अधिकांश वस्तुएं कास्टिंग से बनाई जाती हैं. घर की अलमारी से लेकर हवाई जहाज और स्पेस में जाने वाली वस्तुएं भी कास्टिंग से बनती हैं. हमारा देश कास्टिंग में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य कर रहा है उसी पर यह प्रदर्शनी लगाई गई है.

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: बुची बाबू 3 दिन और गौतम मेहरोत्रा 7 दिनों की हिरासत में भेजे गए

कांग्रेस और प्रदर्शनी ने कास्ट इंडिया एक्सपो, कास्ट सोर्स मीट और बी2बी मीट, सीईओ मीट, सप्लाई चेन बाजार (आईएफईएक्स में पहली बार आईएफईएक्स में पूरी आपूर्ति श्रृंखला) के माध्यम से उद्योगों के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श करेगी.

इस मेगा शो की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, IFC और IFEX की आयोजन समिति के चेयरमैन प्रदीप मित्तल ने कहा कि मध्यम और लघु उद्योग (MSMEs) संपूर्ण उद्योग जगत का 80% से अधिक हिस्सा हैं. सरकार ने इस बार के यूनियन बजट 2023-24 में हाई क्रेडिट फ्लो और अनुपालन को सरल बना कर धन की कमी से जूझ रहे सेक्टर को बढ़ावा दिया है. MSMEs के लिए 9,000 करोड़ रुपये की एक संशोधित क्रेडिट गारंटी स्कीम का शुभारंभ होगा, जिससे छोटे व्यवसायियों को 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट की अनुमति देगा. 71वें IFCs/IFEX का आयोजन अमृत काल की पृष्ठभूमि में उठो, स्वचालित और आत्मानिभर के मुख्य विषय के साथ किया जा रहा है.

इस दौरान आईआईएफ के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा कि सरकार स्वदेशी डिफेंस उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ऑटो सेक्टर के साथ रेलवे और डिफेंस हमारे लिए प्रमुख सेक्टर हैं. यूनियन बजट में डिफेंस के सेक्टर को बढ़ाकर 5,93,537.64 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो भारत सरकार के कुल बजट का 13.18 प्रतिशत है. इस वृद्धि का फाउंड्री उद्योग पर भी प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा की इससे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, सामंजस्य पूर्ण सहयोग, नॉलेज शेयरिंग, नेतृत्व विकास, क्षमता निर्माण और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

वहीं आईआईएफ- उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष, सौरभ गुप्ता ने कहा कि 20.0 बिलियन अमरीकी डालर का भारतीय फाउंड्री उद्योग अब अपनी विकास दर को दोगुना करने की दहलीज पर है. आईआईएफ में हम भारतीय फाउंड्री उद्योग को कास्टिंग के लिए एक कास्टिंग महाशक्ति और वैश्विक गंतव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कास्ट इंडिया एक्सपो, कास्ट सोर्स मीट, बी2बी मीटिंग्स, पैनल डिस्कशन और सीईओ मीट इस मेगा इवेंट की प्रमुख विशेषताएं हैं, जिन्हें मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा संबोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आकर्षण के रूप में तकनीकी प्रस्तुतियों के साथ केस स्टडी और सफलता की कहानियां शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: शादी के बाद सिद्धार्थ और कियारा दिल्ली पहुंचे, एयरपोर्ट पर सबको खिलाई शादी के लड्डू

इन देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल: इसमें अग्रणी फाउंड्री उत्पादक और आयातक देश और उनके प्रतिनिधि और प्रदर्शक इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. रूस, ईरान, यूएसए, यूके, केएसए, मलेशिया, जर्मनी, यूएई, बेल्जियम, भूटान और प्रमुख भारतीय राज्य जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और झारखंड, अन्य राज्य प्रदर्शन करेंगे और नई तकनीकों और विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श करेंगे.

भारत में इंडियन फाउंड्री इंडस्ट्री का उपयोग: इंडियन फाउंड्री उद्योग ऑटो के लिए 80%, ट्रैक्टर, रेलवे, मशीन टूल्स, सेनेटरी, पाइप फिटिंग्स, डिफेंस, एयरोस्पेस, अर्थ मूविंग, टेक्सटाइल, सीमेंट, इलेक्ट्रिकल, पावर मशीनरी, पंप/वाल्व, टर्बाइन जनरेटर, विंड में उपयोग के लिए मेटल कास्ट कंपोनेंट्स का निर्माण करता है. फाउंड्री उद्योग का लगभग 3.1 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात के साथ लगभग 20 बिलियन अमरीकी डालर का कारोबार है. यहां 4500 से अधिक इकाइयां हैं जिनमें से 80% को MSME के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है जो मेक इन इंडिया', ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देता है, जिसका फाउंड्री उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. प्रमुख फाउंड्री क्लस्टर बटाला, जालंधर, लुधियाना, आगरा, पुणे, कोल्हापुर, शोलापुर, राजकोट, मुंबई, अहमदाबाद, बेलगाम, कोयम्बटूर, चेन्नई, हैदराबाद, हावड़ा, कोलकाता, इंदौर, चेन्नई, फरीदाबाद और गुड़गांव में स्थित है.

आमतौर पर प्रत्येक फाउंड्री क्लस्टर कुछ विशेष उपयोग के बाजारों को पूरा करने के लिए जाना जाता है. उदाहरण के लिए, कोयम्बटूर क्लस्टर पंप-सेट कास्टिंग के लिए प्रसिद्ध है, ऑटोमोटिव कास्टिंग के लिए कोल्हापुर और बेलगाम क्लस्टर और डीजल इंजन कास्टिंग के लिए राजकोट क्लस्टर, सैनिटरी कास्टिंग के लिए हावड़ा क्लस्टर आदि प्रकार के उद्योगों से 5 लाख लोगों को सीधे और 15 लाख लोगों को अन्य तौर पर रोजगार देता है. इससे मुख्य रूप से ऑटो सेक्टर, ट्रैक्टर, निर्माण उपकरण मशीनरी टूल्स, डिफेंस और रेलवे जैसे सेक्टर में विकास को बढ़ावा मिलता है.

आईआईएफ के बारे में: इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन 1950 में स्थापित किया गया था और 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पश्चिम बंगाल में एक समाज के रूप में पंजीकृत किया गया था. इसके राष्ट्रीय स्तर की चार रीजनल ब्रांच और 27 राज्यों में अलग-अलग ब्रांच है. इसकी वर्तमान सदस्यता संख्या 3500 से अधिक है. IIF वर्ल्ड फाउंड्रीमेन ऑर्गनाइजेशन (WFO) का भी सदस्य है.

ये भी पढ़ें: CRPF Vacancy: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में 83,127 रिक्तियां: केंद्र सरकार

तीन दिवसीय इंडिया फाउंड्री कांग्रेस और IFEX 2023 का सुभारंभ

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपोमार्ट में बुधवार को सबसे बड़ी फाउंड्री प्रदर्शनी और सम्मेलन का आयोजन शुरू हो गया है. यह आयोजन 8 फरवरी से 10 फरवरी 2023 तक चलेगा, जिसे इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन (IIF) द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस 71वीं इंडिया फाउंड्री कांग्रेस (IFC) और इंडिया फाउंड्री इक्विपमेंट एग्जिबिशन (IFEX 2023) में 12,000 से अधिक बिजनेस विजिटर्स, विशेषज्ञ, पेशेवर, इंजीनियर शामिल हो रहे हैं. इसमें नई तकनीक, नए ट्रेंड और उद्योगों के अन्य घटकों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ आने वाली नई चुनौतियों और अवसरों पर विचार विमर्श किया जाएगा, जो 2021-22 में 3.5 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात के साथ देश में लगभग 20 बिलियन अमरीकी डॉलर आंका गया है. आईआईएफ-आयोजक के अनुसार- तीन दिवसीय आयोजन के दौरान बिजनेस मीट में 10 लाख टन से अधिक कास्टिंग खरीद-बिक्री सौदों के होने की उम्मीद है.

बुधवार को इस मेगा इवेंट का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि स्वराज डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट-मैन्युफैक्चरिंग संजीव आनंद महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि सरकार का फोकस 'मेक इन इंडिया' और जीडीपी को आगे ले जाने पर है. इस प्रदर्शनी में कास्टिंग से बनने वाली धातु का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही कास्टिंग के उत्पादन फैक्ट्री वाले अनेक धातुएं पीतल तांबा एलमुनियम उन सब धातुओं की विशेषताओं के साथ प्रदर्शन किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में छोटे कामगार भी हिस्सा ले रहे हैं देश में कास्टिंग से बनने वाले पार्ट्स को प्रदर्शित किया जाएगा. हमारे जीवन में अधिकांश वस्तुएं कास्टिंग से बनाई जाती हैं. घर की अलमारी से लेकर हवाई जहाज और स्पेस में जाने वाली वस्तुएं भी कास्टिंग से बनती हैं. हमारा देश कास्टिंग में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य कर रहा है उसी पर यह प्रदर्शनी लगाई गई है.

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: बुची बाबू 3 दिन और गौतम मेहरोत्रा 7 दिनों की हिरासत में भेजे गए

कांग्रेस और प्रदर्शनी ने कास्ट इंडिया एक्सपो, कास्ट सोर्स मीट और बी2बी मीट, सीईओ मीट, सप्लाई चेन बाजार (आईएफईएक्स में पहली बार आईएफईएक्स में पूरी आपूर्ति श्रृंखला) के माध्यम से उद्योगों के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श करेगी.

इस मेगा शो की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, IFC और IFEX की आयोजन समिति के चेयरमैन प्रदीप मित्तल ने कहा कि मध्यम और लघु उद्योग (MSMEs) संपूर्ण उद्योग जगत का 80% से अधिक हिस्सा हैं. सरकार ने इस बार के यूनियन बजट 2023-24 में हाई क्रेडिट फ्लो और अनुपालन को सरल बना कर धन की कमी से जूझ रहे सेक्टर को बढ़ावा दिया है. MSMEs के लिए 9,000 करोड़ रुपये की एक संशोधित क्रेडिट गारंटी स्कीम का शुभारंभ होगा, जिससे छोटे व्यवसायियों को 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट की अनुमति देगा. 71वें IFCs/IFEX का आयोजन अमृत काल की पृष्ठभूमि में उठो, स्वचालित और आत्मानिभर के मुख्य विषय के साथ किया जा रहा है.

इस दौरान आईआईएफ के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा कि सरकार स्वदेशी डिफेंस उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ऑटो सेक्टर के साथ रेलवे और डिफेंस हमारे लिए प्रमुख सेक्टर हैं. यूनियन बजट में डिफेंस के सेक्टर को बढ़ाकर 5,93,537.64 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो भारत सरकार के कुल बजट का 13.18 प्रतिशत है. इस वृद्धि का फाउंड्री उद्योग पर भी प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा की इससे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, सामंजस्य पूर्ण सहयोग, नॉलेज शेयरिंग, नेतृत्व विकास, क्षमता निर्माण और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

वहीं आईआईएफ- उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष, सौरभ गुप्ता ने कहा कि 20.0 बिलियन अमरीकी डालर का भारतीय फाउंड्री उद्योग अब अपनी विकास दर को दोगुना करने की दहलीज पर है. आईआईएफ में हम भारतीय फाउंड्री उद्योग को कास्टिंग के लिए एक कास्टिंग महाशक्ति और वैश्विक गंतव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कास्ट इंडिया एक्सपो, कास्ट सोर्स मीट, बी2बी मीटिंग्स, पैनल डिस्कशन और सीईओ मीट इस मेगा इवेंट की प्रमुख विशेषताएं हैं, जिन्हें मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा संबोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आकर्षण के रूप में तकनीकी प्रस्तुतियों के साथ केस स्टडी और सफलता की कहानियां शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: शादी के बाद सिद्धार्थ और कियारा दिल्ली पहुंचे, एयरपोर्ट पर सबको खिलाई शादी के लड्डू

इन देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल: इसमें अग्रणी फाउंड्री उत्पादक और आयातक देश और उनके प्रतिनिधि और प्रदर्शक इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. रूस, ईरान, यूएसए, यूके, केएसए, मलेशिया, जर्मनी, यूएई, बेल्जियम, भूटान और प्रमुख भारतीय राज्य जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और झारखंड, अन्य राज्य प्रदर्शन करेंगे और नई तकनीकों और विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श करेंगे.

भारत में इंडियन फाउंड्री इंडस्ट्री का उपयोग: इंडियन फाउंड्री उद्योग ऑटो के लिए 80%, ट्रैक्टर, रेलवे, मशीन टूल्स, सेनेटरी, पाइप फिटिंग्स, डिफेंस, एयरोस्पेस, अर्थ मूविंग, टेक्सटाइल, सीमेंट, इलेक्ट्रिकल, पावर मशीनरी, पंप/वाल्व, टर्बाइन जनरेटर, विंड में उपयोग के लिए मेटल कास्ट कंपोनेंट्स का निर्माण करता है. फाउंड्री उद्योग का लगभग 3.1 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात के साथ लगभग 20 बिलियन अमरीकी डालर का कारोबार है. यहां 4500 से अधिक इकाइयां हैं जिनमें से 80% को MSME के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है जो मेक इन इंडिया', ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देता है, जिसका फाउंड्री उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. प्रमुख फाउंड्री क्लस्टर बटाला, जालंधर, लुधियाना, आगरा, पुणे, कोल्हापुर, शोलापुर, राजकोट, मुंबई, अहमदाबाद, बेलगाम, कोयम्बटूर, चेन्नई, हैदराबाद, हावड़ा, कोलकाता, इंदौर, चेन्नई, फरीदाबाद और गुड़गांव में स्थित है.

आमतौर पर प्रत्येक फाउंड्री क्लस्टर कुछ विशेष उपयोग के बाजारों को पूरा करने के लिए जाना जाता है. उदाहरण के लिए, कोयम्बटूर क्लस्टर पंप-सेट कास्टिंग के लिए प्रसिद्ध है, ऑटोमोटिव कास्टिंग के लिए कोल्हापुर और बेलगाम क्लस्टर और डीजल इंजन कास्टिंग के लिए राजकोट क्लस्टर, सैनिटरी कास्टिंग के लिए हावड़ा क्लस्टर आदि प्रकार के उद्योगों से 5 लाख लोगों को सीधे और 15 लाख लोगों को अन्य तौर पर रोजगार देता है. इससे मुख्य रूप से ऑटो सेक्टर, ट्रैक्टर, निर्माण उपकरण मशीनरी टूल्स, डिफेंस और रेलवे जैसे सेक्टर में विकास को बढ़ावा मिलता है.

आईआईएफ के बारे में: इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन 1950 में स्थापित किया गया था और 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पश्चिम बंगाल में एक समाज के रूप में पंजीकृत किया गया था. इसके राष्ट्रीय स्तर की चार रीजनल ब्रांच और 27 राज्यों में अलग-अलग ब्रांच है. इसकी वर्तमान सदस्यता संख्या 3500 से अधिक है. IIF वर्ल्ड फाउंड्रीमेन ऑर्गनाइजेशन (WFO) का भी सदस्य है.

ये भी पढ़ें: CRPF Vacancy: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में 83,127 रिक्तियां: केंद्र सरकार

Last Updated : Feb 9, 2023, 8:27 AM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.