नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 13वें दिन भी जारी हैं. किसानों को समर्थन देने और अन्य राज्यों के किसानों के दिल्ली आने का सिलसिला भी जारी है, जिसके चलते दिल्ली के सभी बॉर्डर पूरी तरह बाधित हो चुके हैं और इसका सबसे ज्यादा असर एशिया की सबसे बडी मंडी आजादपुर पर पड़ रहा है.
बीते 8 दिनों का आंकड़ा देखा जाए तो मंडी की आवक सिर्फ 50 फीसदी रह गई है. अगर यूपी और राजस्थान के बॉर्डर पर भी स्थितियां बिगडीं तो दिल्ली वासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
माल ना आने से बढ़े दाम
ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के महरौली सब्जी मंडी में दुकानदार और लोगों से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि किसान आंदोलन के कारण मंडी में सब्जी काफी कम आ रही है क्योंकि हम लोग सब्जी आजादपुर मंडी से लाते हैं. लेकिन किसानों के आंदोलन की वजह से सारे रोड जाम हैं. इसलिए मंडी में सब्जी कम आ रही है.
अगर दुकानदारी की बात करें तो पहले से ग्राहक भी काफी कम हो गए है, लोगों सब्जी लेने के लिए मंडी में कम आ रहे हैं. सब्जी मंहगी भी नहीं है फिर भी लोग कम आ रहे हैं, इसका सीधा असर मंडी में देखने को मिल रहा है.
फल-सब्जियों की बड़ी मंडी दिल्ली की आजादपुर मंडी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से फलों और सब्जियों की आपूर्ति पर किसान आंदोलन के कारण असर पड़ा है. मंडी के काराबारियों ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर जगह-जगह जाम होने से फलों और सब्जियों की सप्लाई बाधित हुई है.
अलग-अलग राज्यों से आती है सब्जी
महरौली सब्जी मंडी में दुकानदारों का कहना है कि सब्जी अलग अलग राज्यों से आती है. आलू कहीं और से आता है, तो खीरा कहीं और से. सारी सब्जियां एक जगह से नहीं आती हैं. अलग-अलग राज्यों से पहले आजादपुर मंडी में आती हैं, फिर वहां से खरीदकर हम लोग यहां बेचने के लिए लाते है.
अगर ग्राहक की बात करें तो कोरोना काल से पहले हालात ठीक थे. लेकिन अब उतने ग्राहक नहीं रहे, दुकानदारी काफी कम हो गई है, पहले दुकानदारी के मुकाबले अब 50 प्रतिशत ग्राहक ही मंडी में सब्जी खरीदने के लिए आ रहे हैं.
किसान आंदोलन पर दुकानदारों का कहना है कि किसान आंदोलन सही कर रहे हैं. जब किसान को कुछ मिलेगी नहीं तो फिर किसान खाएगा क्या, ये सब्जी किसान की वजह से ही दिल्ली में आ पा रही है. अगर किसान सब्जी नहीं उगाएगा, तो दिल्ली की जनता क्या खाएगी.