नई दिल्ली : दिल्ली में यमुना के हालात में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. सालों से यमुना में गंदगी का अंबार है यमुना प्रदूषित है. यमुना को बेहतर और स्वच्छ करने को लेकर कई बार दावे और वादे सरकारों के द्वारा किए गए हैं. इस पर राजनीति भी खूब हुई, लेकिन यमुना की स्थिति जस की तस बनी हुई है. छठ पूजा से पहले अक्सर यमुना को लेकर दिल्ली में दावे और वादे किए जाते हैं कि अगले साल यमुना को स्वच्छ कर दिया जाएगा. लेकिन स्थिति जस की तस रहती है. अगर बात इस साल की करें तो इस वर्ष भी छठ पूजा से पहले यमुना की स्थित बदहाल नजर आ रही है. यमुना में बड़ी मात्रा में सफेद झाग नजर आ रहा है.
बीते कई सालों से यमुना की हालत है बदहाल : बीते कई सालों से यमुना में प्रदूषण की वजह से ही कालिंदीकुंज यमुना किनारे छठ पूजा का आयोजन नहीं हो पा रहा है. वही छठ पूजा के दौरान यमुना के झाग को लेकर बीते कई वर्षों सियासत भी खूब हो रही है. विपक्षी पार्टियां आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल पर इस मामले को लेकर हमेशा हमलावर रहती है. वही आम आदमी पार्टी के द्वारा अक्सर यह दावा और वादा किया जाता है कि यमुना को साफ स्वच्छ कर दिया जाएगा लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है .
पितृ पक्ष के दौरान भी लोगों ने झाग वाले पानी में लगाई थी डुबकी
इस वर्ष पितृ पक्ष के दौरान भी तस्वीर सामने आई थी कि कालिंदी कुंज यमुना घाट पर पिंड दान करने के लिए लोग झाग भरी यमुना में डुबकी लगाने के लिए मजबूर थे. इसके अलावा भी अक्सर ऐसी तस्वीर आती है जिसमें यमुना की स्थिति बदहाल दिखती है और यमुना में सिर्फ झाग ही जाग नजर आ रहा है. अब जब आगामी रविवार को होने वाले छठ महापर्व है, उसके पहले भी यमुना की स्थिति बदहाल है. यमुना में झाग ही झाग नजर आ रहा है.
17 नवंबर से 20 नवंबर तक छठ पूजा का आयोजन : दिल्ली में यमुना करीब 23 से 24 किलोमीटर तक बहती हैं और दिल्ली में यमुना का आखिरी छोर कालिंदी कुंज होता है. इसके करीब 2,3 किलोमीटर के बाद यमुना हरियाणा की तरफ चली जाती हैं. चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर शुक्रवार से नहाए खाए के साथ हो जाएगा. वहीं 18 नवंबर शनिवार को खरना होगा और 19 नवंबर रविवार को पहला अर्घ होगा, जबकि 20 नवंबर सोमवार को उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ देकर छठ महापर्व का समापन होगा .