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एनटीपीसी के खिलाफ 24 गांवों के किसानों ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन

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Published : Oct 31, 2022, 9:06 PM IST

एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के किसानों ने एनटीपीसी की नीतियों के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है. भारतीय किसान परिषद की अध्यक्षता में 24 गांव के किसानों ने एक समान मुआवजा, रोजगार, फ्री बिजली, चिकित्सा, शिक्षा व खेल के मैदान सहित अन्य मांगों को लेकर धरना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

एनटीपीसी के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन
एनटीपीसी के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली/नोएडा: एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के किसान भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में एनटीपीसी के गेट पर धरने पर बैठ गए. (Farmers protest against NTPC) किसानों ने रसूलपुर से एनटीपीसी तक पैदल मार्च किया और अपनी मांगों को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है. तय कार्यक्रम के तहत एनटीपीसी के गेट पर हजारों की संख्या में महिलाएं व किसान पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि 90 के दशक में एनटीपीसी के लिए 24 गांव की जमीन अधिग्रहण की गई थी, जिसकी एवज में किसानों को मिलने वाला मुआवजा अलग-अलग दरों पर किसानों को वितरित किया गया. किसानों की मांग है कि एनटीपीसी से प्रभावित किसानों को उस समय का एक समान मुआवजा दिया जाए. क्योंकि सभी की जमीन एनटीपीसी के लिए ही अधिग्रहण की गई थी तो सभी किसानों को एक समान मुआवजा मिलना चाहिए. इसी मांग को लेकर किसान कई दशकों से समय-समय पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उनकी मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई हैं.

ये भी पढ़ें: कल दो दिवसीय दौरे पर ग्रेटर नोएडा पहुंचेंगे सीएम योगी, डाटा सेंटर का करेंगे शुभारंभ

किसानों ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के समय 24 गांवों के किसानों के परिवार से रोजगार देने का आश्वासन दिया गया था. मात्र कुछ लोगों को रोजगार देकर बाकी को अभी तक कोई रोजगार की सुविधा नहीं दी गई है. साथ ही किसानों ने बताया कि एनटीपीसी से प्रभावित गांव के विकास कार्य, फ्री बिजली, चिकित्सा, शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं देने का एनटीपीसी ने आश्वासन दिया था. इतना समय बीत जाने के बाद भी किसानों को अभी तक कोई भी सुविधा नहीं मिली है. जिसके खिलाफ किसानों का धरना अभी भी जारी है.

किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि दादरी एसडीएम आलोक कुमार व एसीपी नितिन कुमार सहित एनटीपीसी के अधिकारी व पुलिस फोर्स आदि सुबह से लेकर शाम तक धरने पर बैठी रही. सुबह से लेकर शाम तक किसान एनटीपीसी के गेट पर डटे रहें. वहीं, सुखबीर खलीफा ने साफ शब्दों में कहा कि जल्द से जल्द किसानों की मांगें पूरी होनी चाहिए नहीं तो किसानों का अनिश्चितकालीन धरना एनटीपीसी के खिलाफ लगातार जारी रहेगा.

एनटीपीसी के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन

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वहीं, एनटीपीसी की तरफ से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि भारतीय किसान परिषद ज्ञापन के माध्यम से उठाई गई मांगों पर कंपनी की मौजूदा नीतियों, विनियमों, एवं नियमों के अधीन जांच की जा रही है. रिक्तियों की अनुपलब्धता के कारण स्थायी रोजगार प्रदान करना संभव नहीं है. इसीलिए रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास सीएसआर एजेंडा की उच्च प्राथमिकता में है और इसे परियोजना प्रभावित गांवों के युवाओं के लिए दादरी में हर साल कराया जाता है. साथ ही एनटीपीसी दादरी शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल विकास पर जोर देते हुए अपने पड़ोसी गांवों के समग्र विकास के लिए कदम उठा रही है.

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नई दिल्ली/नोएडा: एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के किसान भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में एनटीपीसी के गेट पर धरने पर बैठ गए. (Farmers protest against NTPC) किसानों ने रसूलपुर से एनटीपीसी तक पैदल मार्च किया और अपनी मांगों को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है. तय कार्यक्रम के तहत एनटीपीसी के गेट पर हजारों की संख्या में महिलाएं व किसान पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि 90 के दशक में एनटीपीसी के लिए 24 गांव की जमीन अधिग्रहण की गई थी, जिसकी एवज में किसानों को मिलने वाला मुआवजा अलग-अलग दरों पर किसानों को वितरित किया गया. किसानों की मांग है कि एनटीपीसी से प्रभावित किसानों को उस समय का एक समान मुआवजा दिया जाए. क्योंकि सभी की जमीन एनटीपीसी के लिए ही अधिग्रहण की गई थी तो सभी किसानों को एक समान मुआवजा मिलना चाहिए. इसी मांग को लेकर किसान कई दशकों से समय-समय पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उनकी मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई हैं.

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किसानों ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के समय 24 गांवों के किसानों के परिवार से रोजगार देने का आश्वासन दिया गया था. मात्र कुछ लोगों को रोजगार देकर बाकी को अभी तक कोई रोजगार की सुविधा नहीं दी गई है. साथ ही किसानों ने बताया कि एनटीपीसी से प्रभावित गांव के विकास कार्य, फ्री बिजली, चिकित्सा, शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं देने का एनटीपीसी ने आश्वासन दिया था. इतना समय बीत जाने के बाद भी किसानों को अभी तक कोई भी सुविधा नहीं मिली है. जिसके खिलाफ किसानों का धरना अभी भी जारी है.

किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि दादरी एसडीएम आलोक कुमार व एसीपी नितिन कुमार सहित एनटीपीसी के अधिकारी व पुलिस फोर्स आदि सुबह से लेकर शाम तक धरने पर बैठी रही. सुबह से लेकर शाम तक किसान एनटीपीसी के गेट पर डटे रहें. वहीं, सुखबीर खलीफा ने साफ शब्दों में कहा कि जल्द से जल्द किसानों की मांगें पूरी होनी चाहिए नहीं तो किसानों का अनिश्चितकालीन धरना एनटीपीसी के खिलाफ लगातार जारी रहेगा.

एनटीपीसी के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन

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वहीं, एनटीपीसी की तरफ से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि भारतीय किसान परिषद ज्ञापन के माध्यम से उठाई गई मांगों पर कंपनी की मौजूदा नीतियों, विनियमों, एवं नियमों के अधीन जांच की जा रही है. रिक्तियों की अनुपलब्धता के कारण स्थायी रोजगार प्रदान करना संभव नहीं है. इसीलिए रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास सीएसआर एजेंडा की उच्च प्राथमिकता में है और इसे परियोजना प्रभावित गांवों के युवाओं के लिए दादरी में हर साल कराया जाता है. साथ ही एनटीपीसी दादरी शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल विकास पर जोर देते हुए अपने पड़ोसी गांवों के समग्र विकास के लिए कदम उठा रही है.

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