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साकेतः ख़बर का असर, लोगों के विरोध के बाद टावर कंपनी को हटना पड़ा पीछे - साकेत एम ब्लॉक मोबाइल टावर

साकेत के एम ब्लॉक में लग रहे टावर की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता उठाया था कि किस प्रकार से लोग टावर लगाने का विरोध कर रहे हैं, जिसके बाद मोबाइल टावर कंपनी ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और टावर को हटाने का काम शुरू किया गया.

saket mobile tower protest
साकेत मोबाइल टावर विरोध
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Published : Apr 14, 2021, 6:02 PM IST

नई दिल्लीः साउथ दिल्ली के साकेत के एम ब्लॉक में लग रहे टावर का स्थानीय लोग और आरडब्ल्यूए के लोग विरोध कर रहे थे, वहीं इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था. जिसके बाद खबर का असर होता दिख रहा है. मोबाइल टावर कंपनी के लोगों की तरफ से टावर को हटाने का काम शुरू किया गया. वहीं स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा.

साकेत में ईटीवी भारत की खबर का असर

'सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन'

आरडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट संजीव सेठ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि रिहायशी इलाकों से 500 मीटर की दूरी पर टावर लगाया जा सकता है, लेकिन इन सब नियमों को ताक पर रखकर यहां टावर लगाया जा रहा था. यहां करीब 1000 से अधिक लोग रहते हैं. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद टावर को हटाने का काम शुरू किया गया.

mobile tower is no longer in saket
साकेत में अवैध तरीके से लग रहा टावर, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

वहीं स्थानीय निवासी पायल गुप्ता का कहना है कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि टावर अब हटेगा. लेकिन ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तब जाकर के अधिकारियों-कर्मचारियों की नींद खुली और अब टावर को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. निगम पार्षद किशनवती का कहना है कि वो हर वक्त साकेत के निवासियों के साथ खड़ी थी और उन्होंने पूरा मन लिया था कि किसी भी सूरत में यहां पर टावर नहीं लगने देना है.

नई दिल्लीः साउथ दिल्ली के साकेत के एम ब्लॉक में लग रहे टावर का स्थानीय लोग और आरडब्ल्यूए के लोग विरोध कर रहे थे, वहीं इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था. जिसके बाद खबर का असर होता दिख रहा है. मोबाइल टावर कंपनी के लोगों की तरफ से टावर को हटाने का काम शुरू किया गया. वहीं स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा.

साकेत में ईटीवी भारत की खबर का असर

'सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन'

आरडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट संजीव सेठ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि रिहायशी इलाकों से 500 मीटर की दूरी पर टावर लगाया जा सकता है, लेकिन इन सब नियमों को ताक पर रखकर यहां टावर लगाया जा रहा था. यहां करीब 1000 से अधिक लोग रहते हैं. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद टावर को हटाने का काम शुरू किया गया.

mobile tower is no longer in saket
साकेत में अवैध तरीके से लग रहा टावर, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

वहीं स्थानीय निवासी पायल गुप्ता का कहना है कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि टावर अब हटेगा. लेकिन ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तब जाकर के अधिकारियों-कर्मचारियों की नींद खुली और अब टावर को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. निगम पार्षद किशनवती का कहना है कि वो हर वक्त साकेत के निवासियों के साथ खड़ी थी और उन्होंने पूरा मन लिया था कि किसी भी सूरत में यहां पर टावर नहीं लगने देना है.

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