नई दिल्लीः साउथ दिल्ली के साकेत के एम ब्लॉक में लग रहे टावर का स्थानीय लोग और आरडब्ल्यूए के लोग विरोध कर रहे थे, वहीं इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था. जिसके बाद खबर का असर होता दिख रहा है. मोबाइल टावर कंपनी के लोगों की तरफ से टावर को हटाने का काम शुरू किया गया. वहीं स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा.
'सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन'
आरडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट संजीव सेठ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि रिहायशी इलाकों से 500 मीटर की दूरी पर टावर लगाया जा सकता है, लेकिन इन सब नियमों को ताक पर रखकर यहां टावर लगाया जा रहा था. यहां करीब 1000 से अधिक लोग रहते हैं. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद टावर को हटाने का काम शुरू किया गया.
वहीं स्थानीय निवासी पायल गुप्ता का कहना है कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि टावर अब हटेगा. लेकिन ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तब जाकर के अधिकारियों-कर्मचारियों की नींद खुली और अब टावर को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. निगम पार्षद किशनवती का कहना है कि वो हर वक्त साकेत के निवासियों के साथ खड़ी थी और उन्होंने पूरा मन लिया था कि किसी भी सूरत में यहां पर टावर नहीं लगने देना है.