नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया की सेंट्रल लाइब्रेरी करीब 3 महीने से बंद रहने के बाद खोल दी गई है. जिसको लेकर छात्रों के चेहरे पर काफी खुशी है. वहीं विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉ. तारिक अशरफ ने बताया कि लाइब्रेरी आज दोपहर 2:30 बजे से छात्र के लिए खोली गई है. लेकिन फिलहाल पुरानी लाइब्रेरी में थोड़ा मरम्मत का कार्य चल रहा है और उसे भी इसी हफ्ते में छात्रों के लिए खोल दिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र को किताब वापस करने के दौरान किसी भी तरह का कोई फाइन नहीं देना होगा.
3 महीने बाद लाइब्रेरी खुली
बता दें कि करीब तीन महीने बाद डॉ. जाकिर हुसैन लाइब्रेरी छात्रों के लिए खोल दी गई है. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉ. तारिक अशरफ से बात की तो उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी दोपहर 2:30 बजे खोली गई है और लाइब्रेरी में छात्रों को प्रवेश आई कार्ड दिखाने के बाद ही आने दिया जा रहा हैं.
'पहले की तरह सुचारू रूप से लाइब्रेरी में काम'
उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी में सब काम पहले की तरह सुचारू रूप से किया जा रहा है. साथ ही कहा कि पुरानी लाइब्रेरी में फिलहाल मरम्मत का कार्य चल रहा है जोकि जल्द इसी हफ्ते में पूरा हो जाएगा. उसके बाद उसे भी छात्रों के लिए खोल दिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र पर बुक जमा करने पर कोई भी फाइन नहीं लगेगा. मालूम हो कि फिलहाल छात्रों को प्रवेश रीडिंग सेक्शन की ओर से लाइब्रेरी में दिया जा रहा हैं. वहीं लाइब्रेरी के मुख्य गेट पर फिलहाल मरम्मत का कार्य जारी है.
लाइब्रेरी खुलने से छात्र दिखे उत्साहित
वहीं लाइब्रेरी खुलने को लेकर छात्रों के चेहरे पर काफी उत्साह देखने को मिला. छात्रों का कहना है कि वह एक बार फिर से पहले की तरह लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई कर सकेंगे.
'आसानी से परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे छात्र'
जामिया से पीएचडी कर रहे छात्र इमरान ने कहा कि करीब 3 महीने पहले लाइब्रेरी को पुलिस ने पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया था. उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी को खोलने के लिए छात्र प्रशासन से लगातार मिल रहे थे और जब आज आखिरकार लाइब्रेरी खुल गई है तो हम सब काफी खुश हैं. साथ ही कहा कि छात्र अब यहां बैठकर आसानी से परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे. वहीं एक छात्र ने कहा कि जो पुरानी लाइब्रेरी अभी बंद है उसे भी जल्द ही खुल जाए जिसे की छात्रों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. इसके अलावा एक अन्य छात्र ने कहा कि सभी लाइब्रेरी बंद होने के कारण पढ़ने में काफी परेशानी होती थी.
15 दिसंबर से बंद थी लाइब्रेरी
बता दें कि गत वर्ष 15 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आसपास सीएए और एनआरसी के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हुआ था. उसके देर शाम को पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान जामिया परिसर में घुस गए और कथित रूप से आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज की जिसका जामिया प्रशासन शिक्षक संघ और छात्रों ने विरोध किया था.