नई दिल्ली: बदरपुर में स्थित एनटीपीसी को बंद हुए करीब 3 साल हो गए हैं. अब इसके बंद होने के बाद इसकी खाली पड़ी जमीनों को जनहित के काम के लिए देने की मांग उठी है. जिसको लेकर शुक्रवार को एनटीपीसी के गेट के बाहर ओजोन मुक्ति संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और बदरपुर एनटीपीसी के बंद होने के बाद इसके अंतर्गत आने वाली खाली पड़ी जमीनों को जनहित के कार्य के लिए देने की मांग की गई.
ओजोन मुक्ति संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष सरजीत चौकन ने बताया कि एनटीपीसी बंद हो गया है और यहां पर जमीन खाली पड़ी है. इसको जनहित के लिए दिए जाने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने चुनाव में वादा किया है. यहां स्कूल, कॉलेज, स्टेडियम, फायर स्टेशन आदि बनाने का वादा किया लेकिन इसपर कोई काम नहीं हो रहा है.
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वहीं ओजोन मुक्ति संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि एनटीपीसी की शुरुआत करीब 50 साल पहले हुई थी. तब बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव और आली गांव की जमीनों को एक्वायर किया गया था. लेकिन जब यह बंद हो गया है तो इन जमीनों को इस क्षेत्र के लोगों के सुविधा के लिए इस्तेमाल के लिए दिया जाए और यहां पर जनहित के चीजों का निर्माण कराया जाए इसी मांग को लेकर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.
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बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कई कदम उठाए गए थे. इसी कड़ी में करीब 3 साल पहले दिल्ली के बदरपुर में स्थित एनटीपीसी के प्लांट को भी प्रदूषण के रोकथाम के लिए बंद कर दिया गया था और तब से एनटीपीसी के अधीन सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी उन्ही जमीनों को जनहित के लिए देने की मांग उठी हैं.