नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इन दिनों डीडीए का बुलडोजर जमकर कहर बरपा रहा है. ताजा मामला श्रीनिवासपुरी में स्थित इंदिरा कैंप का है. यहां मौजूद करीब 100 झुग्गियों को बुलडोजर के द्वारा तोड़ा गया है. जिससे यहां रहने वाले लोग इस भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. यह कैंप सालों पुराना था और यहां लोग सालों से रहते हुए आ रहे हैं. डीडीए की करवाई के बाद लोगों के लिए घर का संकट उत्पन्न हो गया है. पूरी करवाई पुलिस बल की तैनाती में की गई.
डीडीए की इस कार्रवाई के बाद जमकर राजनीति भी हो रही है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि डीडीए के द्वारा लगातार गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. पहले गोविंदपुरी स्थित भूमिहीन कैंप में बुलडोजर चलाया गया और अब श्रीनिवासपुरी के इंदिरा कैंप में चलाया गया है.
इंदिरा कैंप में रहने वाले लोगों ने बताया कि वह करीब 30-40 साल से यहां रहते आ रहे हैं और अचानक 1 दिन पहले नोटिस चिपकाया गया और अगले दिन पुलिस बल की तैनाती में हमारे झूगियों को तोड़ दिया गया. अचानक हुई इस कार्रवाई के बाद हम लोग बेघर हो गए हैं. अगर कोई कमरा खोज रहे हैं तो इस मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है. जो कमरा ₹5000 का है उसका किराया ₹10000 मांगा जा रहा है. इस करवाई के बाद हम लोग खुले आसमान के निचे रहने को मजबूर हैं.
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बता दें इससे पहले दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में स्थित भूमिहीन कैंप पर डीडीए की करवाई हुई थी. वहां पर मौजूद कई झुग्गियों को तोड़ा गया था. हालांकि भूमिहीन कैंप के लोगों के लिए गोविंदपुरी में ही फ्लैट बनाए गए हैं. उनको शिफ्ट करने के बाद डीडीए का बुलडोजर चला था. हालांकि वहां भी कई लोगों ने डीडीए की करवाई का विरोध किया था. उनका भी कहना था कि बिना फ्लैट दिए झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है.
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