नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कारण इस साल राजधानी दिल्ली में गणेश चतुर्थी के मौके पर सार्वजनिक तौर पर गणेश पंडाल और गणेश चतुर्थी पर्व मनाने की मनाही थी. वहीं मूर्ति विसर्जन करने की भी अनुमति यमुना में नहीं दी गई है. इसको लेकर दक्षिण पूर्वी दिल्ली के बड़े कृत्रिम घाटों में से एक शिव घाट पर इस वर्ष कृत्रिम घाट नहीं बनाए गए हैं. यहां पर कोई मूर्ति विसर्जन ना करें, इसके लिए पुलिस बैरिकेड्स लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
इस वर्ष नहीं बना कृत्रिम घाट
दक्षिण पूर्वी जिले की पुस्ता कालिंदी कुंज यमुना किनारे मूर्ति विसर्जन करने के लिए शिव घाट पर कृत्रिम घाट बनाया जाता था ताकि यमुना को प्रदूषण से बचाया जा सके. लेकिन इस वर्ष कोरोना की वजह से जहां सार्वजनिक तौर पर गणेश चतुर्थी के मौके पर मूर्ति रखने और पंडाल लगाने की मनाही थी. वहीं शिव घाट पर इस वर्ष कृत्रिम घाट नहीं बनाया गया है. साथ ही यहां पर किसी भी प्रकार की मूर्ति विसर्जन की भी मनाही है. इसके लिए यहां पर पुलिस बैरिकेड लगा दी गई हैं और बड़ी मात्रा में पुलिसकर्मियों की तैनाती लगातार की जा रही है. यमुना के जलस्तर के बढ़ने की वजह से भी किसी को यमुना के तरफ जाने नहीं दिया जा रहा हैं.
कोरोना महामारी का असर
बता दें देशभर में कोरोना महामारी फैल रहा है. जिसका असर कई त्योहारों पर पड़ा है. इसी कड़ी में गणेश चतुर्थी के पर्व पर भी इस वर्ष सार्वजनिक तौर पर पंडाल और मूर्ति लगाने की मनाही थी. वही मूर्ति विसर्जन करने की भी यमुना में मनाही है, जिसको लेकर दक्षिण पूर्वी जिले के बड़े कृत्रिम घाटों में से एक शिव घाट पर इस वर्ष कृत्रिम घाट नहीं बनाए गए हैं और यहां पर मूर्ति विसर्जन करने की मनाही है.