नई दिल्ली: सोमवार को पश्चिम बंगाल के डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म होने के बाद दिल्ली में भी रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया और मंगलवार से डॉक्टर्स काम पर लौट आए हैं. काम पर लौटे डॉक्टर्स का कहना है कि ममता बनर्जी के भरोसे पर हड़ताल खत्म तो कर दी गई है, लेकिन ड्यूटी के दौरान सुरक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
सुचारू रूप से शुरू हुए अस्पताल
मंगलवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सम्बंधी तमाम सेवाएं सुचारू रूप से चलती नजर आईं. पिछले 3 दिनों से जो रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे वो भी आज काम करते नजर आए. हालांकि डॉक्टर्स ने काम के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कानून नहीं होने पर चिंता जताई है.
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉक्टर सुमेध ने कहा कि हम सेंट्रल डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट और हॉस्पिटल सिक्योरिटी फोर्स की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी ये मांगें अभी भी हैं, लेकिन अब इन्हें सरकार तक पहुंचाने का अप्रोच बदल गया है. इसे लेकर अब बातचीत की जाएगी और एक प्रक्रिया के तहत सरकार तक अपनी बात पहुंचाई जाएगी.
सांसदों से कानून बनाने की करेंगे अपील-डॉक्टर्स
सुमेध कहते हैं कि हड़ताल समाधान नहीं है. हालांकि ये मजबूरी थी कि सभी डॉक्टरों को हड़ताल करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अब हम अपने सांसदों के पास जाएंगे और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की मांग करेंगे.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई हिंसा के विरोध में बीते 3 दिन से दिल्ली के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे थे. बीती शाम पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म की. जिसके बाद दिल्ली के डॉक्टरों ने भी हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया. हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने से पहले किसी भी डॉक्टर को सुरक्षा चाहिए क्योंकि जान हथेली पर रखकर इलाज करना मुमकिन नहीं है.